तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष को जारी किए गए नोटिसों पर 5 दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी, जो टीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास की जांच कर रहे हैं।तेलंगाना विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में भाजपा के कर्नाटक मुख्यालय में संतोष को दिए अपने नोटिस में भाजपा नेता को आगाह किया कि पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने पेश होने में विफल रहने पर उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) को निर्देश दिया गया है कि भविष्य में कोई अपराध न करें और सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ न करें, धमकाना, उत्प्रेरित करना या मामले के तथ्य से परिचित किसी को भी वादा करना।उन्हें अदालत के सामने पेश होने और आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होने और जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा गया है। संतोष पर एसआईटी की पूर्व अनुमति के बिना विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई है।टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने 26 अक्टूबर को तीन लोगों रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बदले में विधायक को टीआरएस छोड़कर अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना पड़ा। तेलंगाना सरकार ने 9 नवंबर को विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की जांच के लिए सात सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था।
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