नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)| बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों की जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने एक न्यायाधीश द्वारा मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिए जाने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी है।बिल्किस बानो ने गैंगरेप और अपने परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा पाए 11 लोगों की जल्द रिहाई को चुनौती दी थी।जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ को मंगलवार को मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन त्रिवेदी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसी खंडपीठ के पास वर्तमान में मामले में 11 बलात्कार और हत्या के दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ याचिकाओं का एक समूह है।11 दोषियों की रिहाई से विवाद खड़ा हो गया था। बिल्किस बानो ने 30 नवंबर को रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान 11 लोगों को उसके साथ बलात्कार करने और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या करने के लिए 2008 में दोषी ठहराया गया था।बेंच 10 अगस्त को पारित गुजरात सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका के एक बैच पर ध्यान दे रही थी। सरकार ने 1992 की नीति के तहत 11 दोषियों को छूट का लाभ दिया था। बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के मई के उस आदेश की समीक्षा की भी मांग की है जिसके तहत राज्य सरकार को 1992 की नीति के अनुसार दोषियों की समय से पहले रिहाई की याचिका पर विचार करने के लिए कहा गया था।अक्टूबर में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2008 में आजीवन कारावास की सजा पाए 11 दोषियों की जल्द रिहाई को मंजूरी दे दी थी। मामला।मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे को महाराष्ट्र की एक अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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