Monday, October 13, 2025
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11 दिन की जंग बेअसर, संगीत ने खोया अपना सिपाही

चंडीगढ़ | 8 अक्टूबर 2025 — संगीत की दुनिया में आज गहरा सन्नाटा है।
लोकप्रिय पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा (Rajvir Jawanda) अब इस दुनिया में नहीं रहे।
11 दिन तक मौत से लड़ने के बाद, उन्होंने आज सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सिर्फ 35 साल की उम्र में एक प्रतिभाशाली कलाकार का जाना संगीत जगत के लिए किसी गहरे सदमे से कम नहीं है।


🚨 11 दिन पहले हुआ था भयावह एक्सीडेंट

राजवीर जवंदा 7 सितंबर को पिंजौर-नालागढ़ रोड पर अपनी बाइक से जा रहे थे।
बताया जा रहा है कि वह शिमला की ओर यात्रा पर निकले थे, जब रास्ते में एक दर्दनाक हादसा हुआ।

अचानक सड़क पर दो सांड आपस में भिड़ गए और सड़क पर गिर पड़े।
राजवीर ने उनसे बचने की कोशिश की, लेकिन अपना संतुलन खो बैठे और सामने से आ रही एक बोलेरो गाड़ी से उनकी जोरदार टक्कर हो गई।

इस दुर्घटना के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


🏥 10 दिन तक वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग

पिछले 11 दिनों से डॉक्टरों की पूरी टीम उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थी।
उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन उनकी नर्वस सिस्टम में गंभीर चोट आई थी।

डॉक्टरों के मुताबिक —

“राजवीर का दिमाग ऑक्सीजन रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा था। उनके शरीर में मूवमेंट बंद थी, और लगातार दवाइयां देने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था।”

4 घंटे की शिफ्ट पर मेडिकल टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी।
27 सितंबर से 3 अक्टूबर तक रोजाना स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया गया,
लेकिन 3 अक्टूबर के बाद से अपडेट आना बंद हो गया।

परिवार ने प्रार्थनाएं कीं, फैंस ने सोशल मीडिया पर दुआ मांगी — लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था।


💔 35 की उम्र में थम गई जिंदगी की धुन

राजवीर जवंदा सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि युवाओं के दिल की आवाज़ थे।
उनकी मौत ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे पंजाबी संगीत जगत को झकझोर दिया है।

सुबह करीब 6:45 बजे, डॉक्टरों ने उन्हें “नॉट रिस्पॉन्डिंग” घोषित कर दिया।
परिवार के एक सदस्य ने रोते हुए कहा —

“हमने उम्मीद नहीं छोड़ी थी… लेकिन राजवीर अब हमें छोड़कर चला गया।”

उनकी अंतिम यात्रा कल फतेहगढ़ साहिब में निकाली जाएगी, जहाँ वे जन्मे और बड़े हुए थे।


🎤 राजवीर जवंदा: गांव के छोरे से ग्लोबल स्टार तक का सफर

राजवीर का जन्म पंजाब के मंसा जिले में हुआ था।
गांव के स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से संगीत में डिग्री ली।

शुरुआती दिनों में वे लोकगीतों और फोक म्यूजिक के शौकीन थे।
2016 में उन्होंने पहला गाना रिलीज़ किया, और देखते ही देखते ‘काली केमेरो’, ‘शानदार’, और ‘मुच्छ ते माशूक’ जैसे हिट गानों से पहचान बना ली।

उनकी आवाज़ में वो देसीपन था जो सीधे दिल में उतर जाता था।
उनका गाना “शानदार” सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज़ पार कर गया था।


🌟 संगीत में मिट्टी की खुशबू

राजवीर का संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं था, बल्कि पंजाबी संस्कृति की आत्मा था।
उनके गानों में गांव की गलियां, खेतों की मिट्टी और लोकजीवन की सच्चाई झलकती थी।

उन्होंने कभी शोहरत को सिर पर नहीं चढ़ने दिया —
बल्कि हमेशा कहा करते थे —

“मैं कलाकार जरूर हूँ, पर पहले किसान का बेटा हूँ।”

उनकी यह सादगी ही उन्हें लाखों दिलों में बसाने वाली थी।


🕯️ इंडस्ट्री में शोक की लहर

राजवीर जवंदा की मौत की खबर सुनते ही पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री में मातम छा गया है।
कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी है —

गायक दिलजीत दोसांझ ने लिखा —

“राजवीर, तेरा सुर हमेशा जिंदा रहेगा भाई। तू नहीं गया, तेरे गाने रहेंगे।”

गिप्पी ग्रेवाल ने पोस्ट किया —

“कला का सितारा बुझ गया। ईश्वर परिवार को शक्ति दे।”

मनकीरत औलख ने इंस्टाग्राम पर लिखा —

“राजवीर हमेशा हमारे दिलों में रहेगा। सतनाम वाहेगुरु।”


😢 फैंस का गम और सोशल मीडिया पर शोक संदेश

राजवीर के फैंस ने ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #RajvirJawanda हैशटैग ट्रेंड कर दिया।
हजारों पोस्टों में लोग उनकी तस्वीरें और गाने शेयर कर रहे हैं।

कई फैंस ने लिखा —

“राजवीर तेरे गाने हमारी यादों में हमेशा रहेंगे।”
“वाहेगुरु तैनू अपने चरणां विच जगह देवें।”

उनकी आखिरी पोस्ट 6 सितंबर की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था —
“ज़िंदगी का रास्ता लंबा है, बस सच्चे दिल से चलते रहो।”
किसे पता था कि यह उनके जीवन का आखिरी संदेश बन जाएगा।


🩺 डॉक्टरों ने किया पूरा प्रयास

फोर्टिस अस्पताल की मेडिकल टीम ने बताया कि राजवीर के शरीर में कई गंभीर चोटें थीं —
उनकी रीढ़ की हड्डी, सिर के निचले हिस्से, और फेफड़ों को गहरी क्षति पहुँची थी।

उन्हें कई बार रिवाइव करने की कोशिश की गई,
लेकिन 11 दिन की कोशिशों के बाद डॉक्टरों को उन्हें “क्लिनिकली डेड” घोषित करना पड़ा।


🕊️ परिवार और प्रशंसकों की भावनाएं

राजवीर के पिता ने मीडिया से कहा —

“राजवीर हमारे लिए सिर्फ बेटा नहीं, पूरी उम्मीद था। वो सबको खुश रखता था।”

उनकी माँ का रो-रोकर बुरा हाल है।
भाई और दोस्तों ने कहा कि वे उनकी आवाज़ को कभी नहीं भूल पाएंगे।

फैंस और स्थानीय लोग उनके गाँव में इकट्ठे होकर दीये जला रहे हैं।


📻 ‘काली केमेरो’ से बदल दी थी संगीत की दिशा

राजवीर जवंदा ने पंजाबी संगीत को नए अंदाज़ में पेश किया।
उनका गाना “काली केमेरो” जब रिलीज़ हुआ, तो वह रातोंरात हिट हो गया।

उनकी खासियत थी कि वे फोक और मॉडर्न बीट्स का अनोखा मिश्रण लाते थे।
उनका हर गाना गांव की खुशबू और शहर की ऊर्जा से भरा होता था।


🌈 राजवीर का असर — एक नई पीढ़ी का प्रेरणास्रोत

राजवीर ने अपनी मेहनत से यह साबित किया कि बिना गॉडफादर के भी कोई कलाकार मुकाम पा सकता है।
उनकी आवाज़ में सच्चाई थी, और उनके गाने एक जेनरेशन की याद बन गए।

उनकी मृत्यु के बाद भी उनकी कला, उनके शब्द और उनका संगीत हमेशा जीवित रहेंगे।


🪔 अंतिम विदाई कल, पूरे पंजाब में शोक

राजवीर जवंदा का अंतिम संस्कार कल उनके पैतृक गांव रमगढ़ (फतेहगढ़ साहिब) में किया जाएगा।
सरकारी स्तर पर भी उन्हें श्रद्धांजलि देने की तैयारी है।
पंजाब सरकार ने उन्हें “लोकप्रिय लोकगायक” के रूप में सम्मानित करने की घोषणा की है।


💬 संगीत प्रेमियों की जुबान पर एक ही बात —

“राजवीर चला गया, पर उसकी आवाज़ अमर रहेगी।”


🌹 निष्कर्ष

राजवीर जवंदा की मौत एक याद दिलाती है —
कि जिंदगी अनिश्चित है, और कलाकार अपनी रूह से जीते हैं।
उन्होंने अपनी कला से जो खुशी दी, वह हमेशा लोगों के दिलों में रहेगी।

यह भी पढ़ें– दिवाली क्लीनिंग मंत्र: दूर करें दरिद्रता

उनकी आवाज़, उनके बोल, और उनका जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।
राजवीर जवंदा भले अब इस दुनिया में नहीं हैं,
पर उनका संगीत हमेशा हमारे दिलों में गूंजता रहेगा।

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