अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच ऐतिहासिक पलों का गवाह बना। जहाँ एक ओर केएल राहुल ने शानदार शतक जड़ा, वहीं कप्तान शुभमन गिल ने अर्धशतक पूरा किया। दिलचस्प बात यह रही कि दोनों बल्लेबाजों की पारियों ने भारतीय क्रिकेट इतिहास का वो पन्ना खोल दिया, जो 61 साल से बंद था।
आज से पहले यह नजारा साल 1964 में दिल्ली टेस्ट में देखने को मिला था। उस वक्त भारत के लिए एमएल जयसिम्हा ने 50 रन और बुधि कुंदरन ने 100 रन की पारी खेली थी। अब वही कारनामा गिल और राहुल ने मिलकर अहमदाबाद टेस्ट में दोहराया है।
भारत बनाम वेस्टइंडीज : मैच की स्थिति
वेस्टइंडीज की पहली पारी 162 रन पर सिमट गई। भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत से ही मेहमान टीम पर दबाव बनाए रखा।

- मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह की धारदार गेंदबाजी ने शीर्ष क्रम उखाड़ फेंका।
- स्पिनरों ने बीच के ओवरों में विकेट निकालकर वेस्टइंडीज को संभलने का मौका ही नहीं दिया।
जब भारत बल्लेबाजी के लिए उतरा तो उम्मीद थी कि सलामी बल्लेबाज बड़ी पारी खेलेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन की नाकामी
- यशस्वी जायसवाल ने 35 रन बनाए और अच्छी शुरुआत के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाए।
- डेब्यू कर रहे साई सुदर्शन केवल 7 रन बनाकर आउट हो गए।
यहीं से भारतीय पारी थोड़ी मुश्किल में दिखी, लेकिन राहुल और गिल ने मोर्चा संभाल लिया।
केएल राहुल : धैर्य और क्लास का मेल
केएल राहुल पर लंबे समय से आलोचना हो रही थी। चोट और खराब फॉर्म ने उन्हें टीम से बाहर तक कर दिया था। लेकिन अहमदाबाद टेस्ट में उन्होंने अपने बल्ले से जवाब दिया।

- राहुल ने 197 गेंदों में 100 रन पूरे किए।
- इस दौरान उन्होंने 12 चौके लगाए।
- उनकी पारी धैर्य और क्लास का बेहतरीन मिश्रण रही।
राहुल की बल्लेबाजी ने यह जता दिया कि वे अभी भी टेस्ट टीम का अहम हिस्सा हैं और दबाव झेलकर टीम को संकट से बाहर निकाल सकते हैं।
शुभमन गिल : युवा कप्तान का परिपक्व अर्धशतक
टीम इंडिया की कप्तानी संभाल रहे शुभमन गिल ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की।
- गिल ने 100 गेंदों पर 50 रन बनाए।
- इस दौरान उन्होंने 5 चौके लगाए।
- वे भले ही शतक तक नहीं पहुँच पाए, लेकिन उनकी पारी टीम के लिए बेहद अहम रही।
गिल और राहुल के बीच हुई साझेदारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया और मैच पर पूरी पकड़ बना ली।
61 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
भारतीय टेस्ट क्रिकेट में ऐसा बहुत कम हुआ है कि एक ही पारी में एक बल्लेबाज ठीक 50 रन और दूसरा बल्लेबाज ठीक 100 रन बनाकर आउट हो।
- साल 1964 में दिल्ली टेस्ट में एमएल जयसिम्हा ने 50 रन और बुधि कुंदरन ने 100 रन बनाए थे।
- उसके बाद यह कारनामा कभी नहीं हुआ।
- अब 2025 में अहमदाबाद टेस्ट में शुभमन गिल (50) और केएल राहुल (100) ने इसे दोहराया।
अगर इनमें से कोई एक बल्लेबाज एक रन और बना लेता, तो यह दुर्लभ रिकॉर्ड टूट जाता। लेकिन किस्मत ने चाहा कि यह अनोखा इतिहास 61 साल बाद जस का तस दोहराया जाए।
ऐतिहासिक पलों की अहमियत
यह कारनामा सिर्फ आंकड़ों में दर्ज एक दिलचस्प तथ्य नहीं है, बल्कि टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती को भी दिखाता है।
- टेस्ट क्रिकेट धैर्य, तकनीक और मानसिक मजबूती का खेल है।
- राहुल और गिल ने दिखा दिया कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम में अनुभव और युवाओं का सही संतुलन मौजूद है।
- साथ ही, क्रिकेट के रिकॉर्ड हमें यह भी याद दिलाते हैं कि खेल सिर्फ रन और विकेट का नहीं, बल्कि अद्भुत संयोगों का भी होता है।
1964 बनाम 2025 : दिलचस्प तुलना
साल | खिलाड़ी | स्कोर | विपक्षी टीम | स्थान |
---|---|---|---|---|
1964 | एमएल जयसिम्हा | 50 | इंग्लैंड | दिल्ली |
1964 | बुधि कुंदरन | 100 | इंग्लैंड | दिल्ली |
2025 | शुभमन गिल | 50 | वेस्टइंडीज | अहमदाबाद |
2025 | केएल राहुल | 100 | वेस्टइंडीज | अहमदाबाद |
61 साल बाद हुआ यह संयोग क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं।
टीम इंडिया की स्थिति और आगे की राह
भारतीय टीम ने पहली पारी में वेस्टइंडीज पर बड़ी लीड लेकर मैच पर मजबूत पकड़ बना ली।
- राहुल का शतक और गिल का अर्धशतक टीम के लिए बड़ा सहारा बने।
- अगर भारत इसी तरह खेलता रहा तो यह टेस्ट एकतरफा साबित हो सकता है।
युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों का यह मिश्रण भविष्य के लिए भी शुभ संकेत है।
निष्कर्ष : इतिहास और वर्तमान का संगम
अहमदाबाद टेस्ट में केएल राहुल और शुभमन गिल की पारियाँ सिर्फ स्कोरकार्ड पर अंक नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास से जुड़े एक अनोखे अध्याय को दोबारा जीने जैसा था।
61 साल पहले जो दृश्य दिल्ली में दिखा था, वही अब अहमदाबाद में दोहराया गया। यह बताता है कि क्रिकेट में संयोग और इतिहास का अद्भुत मेल हमेशा देखने को मिलता है।
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राहुल का शतक और गिल का अर्धशतक न केवल भारत को मजबूत स्थिति में ले गया, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए भारतीय बल्लेबाजी की दिशा भी तय कर गया।