राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 8 युवा दोस्त एक साथ महाकुंभ स्नान करने के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उनकी यात्रा एक भीषण सड़क हादसे में बदल गई। गुरुवार को जयपुर के दूदू क्षेत्र में हुई इस सड़क दुर्घटना ने सभी के जीवन को एक पल में समाप्त कर दिया। यह हादसा इतना दर्दनाक था कि पांच दोस्तों की एक साथ जलती चिताएं और उनके परिवारों का गमगीन चेहरा गांववासियों की आंखों में आंसू छोड़ गया।
सड़क हादसे की कहानी
गुरुवार सुबह आठ दोस्त एक ईको कार में सवार होकर महाकुंभ स्नान के लिए हरिद्वार जा रहे थे। लेकिन रास्ते में दूदू क्षेत्र में उनकी कार को एक तेज रफ्तार बस ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि कार में सवार सभी दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने के बाद, पुलिस और बचाव टीम मौके पर पहुंची और शवों को बाहर निकाला। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन अफसोस की बात है कि हादसे में सभी आठ युवक अपनी जान गंवा बैठे।
मृतकों में से पांच युवक बडलियास गांव के थे, जबकि दो युवक फलासिया और एक युवक मुकुंदपुरिया गांव का रहने वाला था। इस दुखद घटना के बाद शवों को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव लाया गया।
पैट्रिक गांवों में मंजर बेहद दुखद
शुक्रवार सुबह मृतकों के शव उनके पैतृक गांवों बडलियास, फलासिया और मुकुंदपुरिया लाए गए, जहां गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से बडलियास गांव के दिनेश, नारायण, रविकांत, किशनलाल और मुकेश थे, जिनका शव एक साथ उनके पैतृक गांव बडलियास लाया गया। जैसे ही शव गांव पहुंचे, गांववासियों का दिल टूट गया। उनके चेहरे पर गहरा शोक और आंसू थे।
बडलियास गांव में मोक्ष धाम में पांच चिताएं एक साथ जलना
यह दृश्य सचमुच दिल को झकझोरने वाला था, जब बडलियास गांव के मोक्ष धाम में पांच चिताएं एक साथ जलने लगीं। पांच दोस्तों के एक साथ अंतिम संस्कार का दृश्य हर किसी की आंखों में आंसू ले आया। गांववाले, परिवार के सदस्य और रिश्तेदार उन पांच दोस्तों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे। इस मौके पर गांव में एक बेहद गमगीन माहौल था। कस्बे में शांति और सौम्यता का वातावरण था, जबकि लोग यह नहीं मान पा रहे थे कि ये युवा अब कभी वापस नहीं लौटेंगे।
बडलियास कस्बा रहा पूरी तरह बंद
बडलियास गांव में पांच दोस्तों की मौत के बाद पूरा कस्बा शोक के माहौल में डूब गया। पांचों युवाओं की आकस्मिक मृत्यु ने पूरे गांव को हिला दिया। कस्बे की दुकानें बंद कर दी गईं और गांववासियों ने शोक सभा में शामिल होकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। कस्बे में कोई भी कामकाज नहीं हुआ, न कोई व्यापार हुआ और न ही कोई चूल्हा जलाया गया। बडलियास गांव की एकजुटता और संवेदनशीलता का यह उदाहरण गांववासियों के गहरे दुख को दिखाता है।
कलेक्टर ने की सांत्वना की पेशकश
भीलवाड़ा जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने बडलियास गांव में पहुंचकर शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की और उनकी दुख की घड़ी में सांत्वना दी। कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार उनके दुख में साथ है और वे जल्द ही मुआवजा और सहायता प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। कलेक्टर ने इस समय मृतकों के परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा कि सरकार की ओर से सभी जरूरी मदद जल्द ही प्रदान की जाएगी, ताकि इस दुख को सहने में परिवारों को थोड़ी राहत मिल सके।
हादसा: यातायात सुरक्षा पर चिंता
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या राजस्थान में सड़क सुरक्षा के उपायों को और कड़ा किया जा सकता है। यह दुर्घटना बस की तेज रफ्तार और वाहन के बीच की टक्कर के कारण हुई थी। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को यातायात नियमों के पालन को लेकर और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे हादसे कम से कम हो सकें। ऐसे बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रा करते समय यातायात व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
यह भी पढ़ें: NDPS एक्ट के तहत केस मतलब ड्रग्स तस्करों की खैर नहीं
निष्कर्ष
महाकुंभ स्नान के लिए महात्मा बनने निकले ये आठ युवा अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पल के लिए यात्रा पर निकले थे, लेकिन उनकी यात्रा एक दर्दनाक हादसे में बदल गई। बडलियास, फलासिया और मुकुंदपुरिया गांव के उन युवा दोस्तों की एक साथ जलती चिताएं हर किसी के दिल में एक गहरी टीस छोड़ गईं। यह घटना न केवल उनके परिवारों के लिए असहनीय दुख का कारण बनी, बल्कि उन गांवों के लिए भी एक गहरी त्रासदी साबित हुई।
इस हादसे ने हमें यह याद दिलाया कि जीवन कितनी तेजी से बदल सकता है और किसी भी पल हमारा समय आ सकता है। परिवारों और गांववासियों के लिए यह क्षति अपूरणीय है, लेकिन यह भी समय की कठोर सच्चाई है कि हमें हर पल का मूल्य समझकर जीना चाहिए। हम उन युवा दोस्तों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं और उनके परिवारों को इस कठिन समय से जूझने की शक्ति देने की कामना करते हैं।