नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखें घोषित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों में सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। 10 जनवरी को BJP की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक होने जा रही है, जिसमें पार्टी कई बड़े फैसले ले सकती है।
इस बैठक में उम्मीदवारों की लिस्ट से लेकर चुनावी रणनीति तक, हर पहलू पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, और गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेता इस बैठक का हिस्सा होंगे।
BJP के सामने चुनौतियां
दिल्ली में BJP पिछले दो विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) से हार का सामना कर चुकी है। अब 2025 में पार्टी का फोकस सत्ता में वापसी पर है, लेकिन इसके लिए उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा:
- AAP की मजबूत पकड़:
आम आदमी पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और मुफ्त योजनाओं के दम पर दिल्ली में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। ऐसे में BJP को जनता को लुभाने के लिए अलग और आकर्षक एजेंडा पेश करना होगा। - स्थानीय नेतृत्व:
दिल्ली में BJP के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जो अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता को टक्कर दे सके। पार्टी को एक मजबूत स्थानीय नेता की जरूरत है। - युवाओं और पहली बार के मतदाताओं को साधना:
इस बार के चुनाव में युवाओं की बड़ी भूमिका होगी। BJP को ऐसे मुद्दे उठाने होंगे, जो युवाओं को आकर्षित करें।
CEC बैठक में हो सकती हैं ये चर्चाएं
BJP की 10 जनवरी की CEC बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
1. उम्मीदवारों की सूची:
पार्टी इस बार उन उम्मीदवारों को मौका दे सकती है, जो जनता के बीच लोकप्रिय और स्वच्छ छवि के हों। सूत्रों के मुताबिक, कई नए चेहरों को टिकट देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
2. चुनावी एजेंडा:
BJP दिल्ली में विकास और बेहतर प्रशासन को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बना सकती है। इसके साथ ही पार्टी मुफ्त योजनाओं के खिलाफ अपना रुख साफ कर सकती है।
3. मोदी फैक्टर का इस्तेमाल:
BJP दिल्ली चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का भरपूर इस्तेमाल करेगी। सूत्रों के अनुसार, मोदी खुद भी कई रैलियों और रोड शो में हिस्सा ले सकते हैं।
4. मजबूत बूथ प्रबंधन:
BJP ने बूथ लेवल पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए हाल ही में “पन्ना प्रमुख” अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत पार्टी ने हर वोटर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है।
चुनाव प्रचार का नया तरीका
इस बार BJP ने चुनाव प्रचार के लिए डिजिटल और सोशल मीडिया पर खास ध्यान दिया है। पार्टी ‘दिल्ली बदलो अभियान’ के तहत सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर रही है।
डोर-टू-डोर कैंपेन:
पार्टी ने घर-घर जाकर प्रचार करने का फैसला किया है। कार्यकर्ताओं को मतदाताओं के बीच BJP की उपलब्धियां और योजनाएं बताने की जिम्मेदारी दी गई है।
युवाओं को जोड़ेगी पार्टी:
BJP दिल्ली में युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए खास कार्यक्रम चला रही है। पार्टी ने युवाओं के लिए रोजगार, स्टार्टअप, और शिक्षा जैसे मुद्दों पर नई योजनाओं का खाका तैयार किया है।
क्या कहती हैं राजनीतिक समीकरण?
AAP बनाम BJP:
दिल्ली में BJP और AAP के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। हालांकि कांग्रेस का प्रभाव कमजोर है, लेकिन वह इस बार किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।
सर्वे के आंकड़े:
हाल ही में आए सर्वे के अनुसार, AAP को हल्की बढ़त मिल रही है, लेकिन BJP के आक्रामक प्रचार अभियान के बाद समीकरण बदल सकते हैं।
जनता का मूड क्या है?
दिल्ली की जनता इस बार ऐसे मुद्दों को प्राथमिकता दे रही है, जो उनके जीवन पर सीधा असर डालते हैं। स्वच्छ हवा, सार्वजनिक परिवहन, और बेहतर बुनियादी सुविधाएं इस बार के चुनाव में निर्णायक मुद्दे हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
BJP की CEC बैठक 10 जनवरी को दिल्ली चुनाव की दिशा तय कर सकती है। पार्टी ने पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि BJP जनता को अपने पाले में लाने के लिए कौन-कौन से दांव खेलती है।
क्या BJP इस बार अरविंद केजरीवाल और AAP की मजबूत पकड़ को तोड़ पाएगी? यह तो 5 फरवरी के मतदान और 8 फरवरी के नतीजे ही बताएंगे।