प्रयागराज: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस बार यह आयोजन न सिर्फ आस्था और श्रद्धा का केंद्र होगा, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था के मामले में भी ऐतिहासिक होने जा रहा है। पहली बार, प्रयागराज में महाकुंभ की सुरक्षा के लिए NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडो तैनात किए जाएंगे। यह कदम सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता और इस आयोजन के महत्व को दर्शाता है।
NSG की तैनाती: सुरक्षा की नई मिसाल
महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जहां करोड़ों लोग एक साथ गंगा, यमुना और पवित्र सरस्वती के संगम पर पुण्य लाभ के लिए आते हैं। ऐसे में सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इस बार केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे प्राथमिकता देते हुए NSG कमांडो को तैनात करने का फैसला लिया है।
NSG, जिसे “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से जाना जाता है, देश की सबसे प्रशिक्षित सुरक्षा इकाई है। यह इकाई विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों, बंधक बचाव और उच्चस्तरीय सुरक्षा मिशनों के लिए जानी जाती है। इनकी तैनाती से न केवल आयोजन स्थल पर सुरक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच भी विश्वास का माहौल बनेगा।
सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- ड्रोन सर्विलांस: मेले के हर कोने पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन लगाए जाएंगे। ये ड्रोन हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देंगे।
- सीसीटीवी कैमरे: पूरे मेले क्षेत्र में हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों को हाई-टेक कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा, जहां हर समय लाइव मॉनिटरिंग होगी।
- कई लेयर की सुरक्षा: NSG कमांडो के साथ-साथ स्थानीय पुलिस, PAC, और ATS (एंटी टेरर स्क्वाड) के जवान भी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
- वाटर बॉर्डर सिक्योरिटी: संगम क्षेत्र और गंगा के आसपास बोट पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जाएगी। कमांडो विशेष रूप से पानी के रास्ते आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहेंगे।
- भीड़ प्रबंधन: महाकुंभ में एक दिन में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष टीमों का गठन किया है।
महाकुंभ 2025 की खासियत
प्रयागराज में हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ न केवल भारत बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। 2025 में होने वाले इस आयोजन को लेकर प्रशासन कई नई पहल कर रहा है:
- स्मार्ट सुविधाएं: इस बार महाकुंभ क्षेत्र को पूरी तरह से “स्मार्ट सिटी” के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां वाई-फाई, डिजिटल डिस्प्ले और मोबाइल ऐप जैसी सुविधाएं होंगी।
- पर्यावरण संरक्षण: महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना को स्वच्छ रखने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। प्लास्टिक बैन और ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया जाएगा।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: इस आयोजन के लिए नए पुल, सड़कें, पार्किंग, और टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए विशेष रेलगाड़ियां और बसें भी चलाई जाएंगी।
श्रद्धालुओं में उत्साह
महाकुंभ 2025 को लेकर न केवल प्रशासन बल्कि श्रद्धालुओं में भी जबरदस्त उत्साह है। देशभर से आने वाले लोगों का मानना है कि इस बार की तैयारियां पिछले सभी आयोजनों से बेहतर होंगी। दिल्ली से आने वाले श्रद्धालु राकेश मिश्रा कहते हैं, “महाकुंभ आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। NSG कमांडो की तैनाती से हमें सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं होगी।”
चुनौतियां और प्रशासन की तैयारी
इतने बड़े आयोजन के दौरान सुरक्षा बनाए रखना आसान नहीं होता। खासकर जब आतंकी हमलों का खतरा हर समय बना रहता है। प्रशासन इस बार हर चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। NSG कमांडो को न केवल मेले स्थल पर बल्कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी तैनात किया जाएगा।
इसके अलावा, साइबर सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। फर्जी सूचनाओं और अफवाहों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जाएगी।
महाकुंभ और अर्थव्यवस्था
महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा अवसर है। लाखों पर्यटक यहां आते हैं, जिससे होटल, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय व्यापार को जबरदस्त फायदा होता है। 2025 के महाकुंभ के दौरान, प्रयागराज में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय व्यापार को नई ऊंचाई मिलेगी।
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निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 सिर्फ आस्था और श्रद्धा का पर्व नहीं होगा, बल्कि यह सुरक्षा और आधुनिकता का भी प्रतीक बनेगा। NSG कमांडो की तैनाती ने इस आयोजन को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है। यह कदम यह दिखाता है कि भारत अब अपनी परंपराओं को सुरक्षित रखते हुए आधुनिक सुरक्षा मानकों को भी अपना रहा है।
प्रयागराज तैयार है दुनिया के सबसे बड़े मेले की मेजबानी के लिए, और यह आयोजन हर मायने में ऐतिहासिक होने वाला है।