भारत में हर साल पेश होने वाला केंद्रीय बजट न केवल अर्थशास्त्रियों और व्यापारियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण विषय बन जाता है। सरकार के इस साल के बजट (बजट 2025) में कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कई ऐलान किए गए। इसमें कई योजनाओं का जिक्र किया गया जो भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने का दावा करती हैं। लेकिन सवाल यह है कि जनता इस बजट को कैसे देख रही है? क्या यह बजट लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर पाया है या फिर इसमें कुछ कमी है? आइए जानते हैं।
बजट 2025 की प्रमुख घोषणाएँ
इस साल के बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं, जिनमें किसानों के लिए राहत, मध्यम वर्ग के लिए कर राहत, और शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की बातें शामिल थीं। इसके अलावा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, और उधारी सुधार जैसे कई अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
- कृषि क्षेत्र में समर्थन – किसानों के लिए कई योजनाएँ और सब्सिडी की घोषणाएँ की गईं। सरकार ने कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जिससे किसानों को अपनी उपज पर बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
- करों में राहत – आम आदमी के लिए आयकर में कुछ राहत दी गई है। हालांकि, यह राहत अपेक्षाकृत कम रही, जिससे मध्यम वर्ग में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं।
- स्वास्थ्य और शिक्षा – सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणाएँ की हैं। हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़े फंड्स का आवंटन किया गया, और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया गया।
- नौकरी और रोजगार – रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएँ बनाई हैं, ताकि बेरोजगारी दर को कम किया जा सके। सरकार का दावा है कि इस बजट से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, लेकिन इस पर जनता का विश्वास मिला-जुला रहा।
जनता की राय
मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोग
मध्यम वर्ग को इस बार के बजट से ज्यादा उम्मीदें थीं, खासकर कर राहत को लेकर। हालांकि, बजट में करों में जो राहत दी गई, वह ज्यादा प्रभावी नहीं मानी गई। बहुत से लोग महसूस कर रहे हैं कि यह राहत बहुत मामूली है और इससे उनके जीवन स्तर में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। इसके बावजूद, कुछ नौकरीपेशा लोग इस बात से संतुष्ट हैं कि आयकर में यह राहत एक सकारात्मक कदम है, लेकिन बहुत से लोग इसे अपर्याप्त मानते हैं।
किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग
किसानों के लिए इस बजट में कुछ खास घोषणाएँ की गईं, लेकिन किसानों का मानना है कि यह कदम अपर्याप्त हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को उनके लिए और अधिक ठोस और दीर्घकालिक योजनाएँ बनानी चाहिए। हालांकि, MSP को बढ़ाने के फैसले ने कुछ हद तक राहत दी है, लेकिन इस क्षेत्र के कुछ हिस्से सरकार की योजनाओं को सिर्फ कागजों पर ही देख रहे हैं और उनके लिए वास्तविक बदलाव की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं।
महिलाएँ और शहरी वर्ग
महिलाओं के लिए इस बजट में कोई विशेष घोषणाएँ नहीं की गईं, जिससे एक बड़ा वर्ग निराश है। हालांकि, महिलाओं के रोजगार और सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा कुछ छोटी-छोटी योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है, लेकिन महिलाएँ इस पर ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं। शहरी वर्ग में, विशेष रूप से वे लोग जो मेट्रो शहरों में रहते हैं, उम्मीद कर रहे थे कि बजट में अधिक बड़े कदम उठाए जाएं जो उनके जीवन को सीधे प्रभावित करें, लेकिन इसे लेकर उनके उत्साह में कमी रही।
व्यापारी और उद्योगपति
व्यापारी वर्ग और उद्योगपतियों ने इस बजट को मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को लेकर कुछ सकारात्मक राय है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि बजट में और अधिक ठोस उपायों की आवश्यकता थी, खासकर छोटे और मंझले व्यापारियों के लिए। वहीं, उद्योगपतियों ने उच्चतम कर दरों में कमी और टैक्स को सरल बनाने की उम्मीद जताई थी, लेकिन उन अपेक्षाओं पर बजट में ज्यादा फोकस नहीं किया गया।
बजट 2025 की प्रभावशीलता
आर्थिक वृद्धि और भविष्य की दिशा
बजट का सबसे बड़ा उद्देश्य देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाना है, और इसके लिए सरकार ने कई योजनाएँ बनाई हैं। हालांकि, इस बजट में कई योजनाओं के तहत बजट आवंटन का प्रश्न उठता है। क्या यह योजनाएँ सिर्फ कागजों पर ही रह जाएंगी या फिर इनका वास्तविक लाभ लोगों तक पहुँच पाएगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट के जरिए सरकार ने न केवल अल्पकालिक राहत देने की कोशिश की है, बल्कि दीर्घकालिक विकास के लिए भी आधार तैयार किया है। हालांकि, इसके लिए समय लगेगा, और परिणाम धीरे-धीरे ही सामने आएंगे।
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जनता का आकलन
तो, अब बात आती है कि जनता ने इस बजट को कितने अंक दिए हैं। आम जनता की राय में बजट को 10 में से 6 या 7 अंक मिल सकते हैं। हालांकि इसमें कुछ सकारात्मक बदलाव हुए हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि सरकार को अपनी योजनाओं को और स्पष्ट, ठोस और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। कई लोग चाहते हैं कि सरकार समाज के हर वर्ग को सही मायने में फायदा पहुंचाए, न कि सिर्फ बड़े उद्योगपतियों या पूंजीपतियों को।
निष्कर्ष
बजट 2025 में कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन कई लोगों का मानना है कि यह बजट उनके वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं कर पाया। भविष्य में इस बजट के प्रभावी परिणाम देखने के लिए सरकार को अपनी योजनाओं को अधिक मजबूत और त्वरित कार्यान्वयन की दिशा में काम करना होगा।