24 वर्षीय तेज़ गेंदबाज अंशुल कंबोज (टन 318) को मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में टेस्ट डेब्यू का मौका मिला—लेकिन यह मौका सिर्फ़ एक मैच का हिस्सा बनने का नहीं, बल्कि उनके लंबे संघर्ष और मेहनत का प्रतीक है। शुरुआत में उन्हें भारत‑ए टीम के इंग्लैंड लायंस खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया था, जिसमें उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी से सबको प्रभावित किया
🧩 चयन के तीन बड़े कारण

1. प्रथम श्रेणी में शानदार रिकॉर्ड
हरियाणा के लिए खेले गए 24 फर्स्ट‑क्लास मैचों में 22.88 की औसत से 79 विकेट, जिसमें एक पारी में 10 विकेट भी शामिल हैं —Ranji Trophy में यह ऐतिहासिक उपलब्धि उनके सामर्थ्य की मिसाल है।
2. चोटिल गेंदबाज़ों की कमी
अक़ाश दीप और अर्शदीप सिंह की चोटों ने टीम में अचानक खासी बाधा पैदा की। इस स्थिति में कंबोज को कवर खिलाड़ी के तौर पर बुलाया गया, और उन्होंने अवसर ने मौके को अपनी मेहनत से पकड़ लिया
3. इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन
इंडिया‑ए की इंग्लैंड‑लायंस श्रृंखला में कंबोज ने कुल पांच विकेट लिए, साथ ही बैटिंग में एक अर्धशतकीय पारी भी खेली — इसने उनके दृष्टिकोण और क्षमता को मजबूती दी
📋 मैनचेस्टर टेस्ट में तीन बदलाव
बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी, जबकि भारतीय टीम में तीन बड़े बदलाव लाए गए:
- अंशुल कंबोज को टेस्ट डेब्यू के लिए चुना गया।
- साई सुधर्शन ने करुण नायर की जगह ली।
- शरदुल ठाकुर को नितीश कुमार रेड्डी की जगह टीम में शामिल किया गया
स्टोक्स ने टॉस के बाद कहा, “मैच की स्थिति के अनुसार गेंदबाज़ी चुनना सही फैसला था,” और शुबमन गिल ने इस संयोजन को “सचेतपूर्ण लेकिन आत्मविश्वास से भरा” बताया ।
⏱️ डेब्यू की तैयारियाँ: भावनाओं का तूफ़ान
अगले 48 घंटे कंबोज के लिए भावनात्मक रूप से अचिंतित रहे — भावनाओं की लहरों के बीच, परिवार और टीम के साथ बिताए गए ये पल उन्हें लकीर से परे ले गए
गिल ने कहा, “यह आदर्श अंतर नहीं, लेकिन हमने पहले से उसकी योजना बना ली थी — वह बहुत करीब है और देरी नहीं होने देंगे” ।
📊 मैनचेस्टर टेस्ट का पहला दिन
ओवरकास्ट कंडीशन में भारत ने 264/4 पर दिन का अंत किया। साई सुधर्शन ने अपनी पहली टेस्ट अर्धशतकीय पारी (61) खेली। एलियन डॉसन की वापसी प्रभावशाली थी, उन्होंने जसवीर जायल का विकेट लिया ।
अंशुल कंबोज ने भी शुरुआत में अपनी गति और लाइन से कुछ संकेत दिए, जिससे यह अंदाज़ होता है कि वह ऑस्ट्रेलियन जैसी परिस्थितियों में भी प्रभाव छोड़ सकते हैं।
🔶 खास उपलब्धि: कंबोज बन गए कुम्बले के बाद

अपने डेब्यू टेस्ट में अंशुल कंबोज ने ऐसा दुर्लभ उपलब्धि हासिल की कि अगिल कुम्बले के बाद कोई भारतीय इस मुकाम पर पहुँचा । यह उपलब्धि उनके भविष्य को रौशन करने का संकेत है।
🏏 करियर की झलक
प्रारूप | मैच | विकेट | औसत | सर्वश्रेष्ठ |
---|---|---|---|---|
प्रथम श्रेणी | 22 | 74 | 22.66 | 10/49 |
लिस्ट‑A | 25 | 40 | 20.00 | 4/22 |
टी20 | 24 | 28 | 19.85 | 3/12 |
आईपीएल (CSK) | 11 | 10 | 28.6 | – |
- 2024 में Ranji Trophy में 10 विकेट की पारी
- आईपीएल 2024 में MI से शुरुआत; 2025 में CSK ने ₹3.4 करोड़ में खरीदा
🔮 आगे क्या देखने लायक?
- बेन स्टोक्स की चुनौती: पहले दिन विकेट लेकर कंबोज ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
- टेस्ट सीरीज़ की वापसी: एक नए तेज़ गेंदबाज के आगमन से इंडिया की बैकअप गहराई मजबूत होगी।
- फ्यूचर रोल: घरेलू क्रिकेट में उनकी निरंतरता और टेस्ट स्तर पर सुधार उन्हें टीम के लिए दीर्घकालिक विकल्प बना सकती है।
✅ निष्कर्ष
अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट डेब्यू सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि मेहनत, मौके और प्रतिभा का संगम है। घरेलू क्रिकेट की चमक, टेस्ट सीरीज़ की चुनौती और सीमित ओवरों में मिले मौके — इन सबके बीच कंबोज ने साबित किया है कि भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी की श्रृंखला का अगला मजबूत कड़ी बनने की क्षमता उनमें है।
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