2025 के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2025) की घोषणा इस शुक्रवार को होने जा रही है। दुनिया भर की निगाहें अब नॉर्वे की राजधानी ओस्लो पर टिकी हैं, जहां इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के विजेता का नाम घोषित किया जाएगा। इस बार कुल 338 नामांकन (Nominations) आए हैं — जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संस्थाएं शामिल हैं। यह संख्या पिछले साल के 286 नामांकनों से कहीं अधिक है, जो दर्शाती है कि इस वर्ष वैश्विक स्तर पर शांति प्रयासों को लेकर उत्साह और भागीदारी कितनी बढ़ी है।
🕊️ क्या है नोबेल शांति पुरस्कार?
नोबेल शांति पुरस्कार दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है, जो उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने विश्व शांति, मानवता और संघर्ष समाधान में उल्लेखनीय योगदान दिया हो।

इस पुरस्कार की शुरुआत 1901 में स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की इच्छा के अनुसार हुई थी। नोबेल ने अपने आविष्कारों, विशेषकर डायनामाइट, से कमाई गई संपत्ति को मानव कल्याण के लिए समर्पित किया। उन्होंने अपनी वसीयत में कहा था कि उनकी संपत्ति का एक हिस्सा उन लोगों को दिया जाए जो दुनिया में शांति स्थापित करने के प्रयास करें।
📜 नोबेल शांति पुरस्कार 2025 — अब तक का हाल
इस बार का पुरस्कार सीजन 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक चल रहा है।
अब तक मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री और लिटरेचर के पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है।
शांति पुरस्कार (Peace Prize) की घोषणा शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2:30 बजे (भारतीय समयानुसार) की जाएगी।
स्थान होगा — नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टिट्यूट, ओस्लो (Norwegian Nobel Institute, Oslo)।
🌍 338 नामांकन — कौन-कौन हो सकता है शामिल?
हालांकि नोबेल कमेटी के नियमों के अनुसार नामों को 50 साल तक गुप्त रखा जाता है, फिर भी यह तय है कि इस साल 338 नामांकन अब तक के उच्चतम आंकड़ों में से एक है।

इन नामों में 244 व्यक्ति और 94 संगठन शामिल हैं।
ये नाम दुनियाभर के राजनीतिक नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संगठनों और शरणार्थी सहायता समूहों के हो सकते हैं।
पिछले वर्ष 2024 का नोबेल शांति पुरस्कार जापान के “Nihon Hidankyo” संगठन को मिला था — यह संस्था हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु बम पीड़ितों की आवाज़ उठाती है।
📊 अब तक कितनी बार मिला यह सम्मान?

1901 से अब तक नोबेल शांति पुरस्कार 105 बार प्रदान किया जा चुका है।
अब तक कुल 139 पुरस्कार विजेता (Laureates) हो चुके हैं, जिनमें:
- 92 पुरुष 🧍♂️
- 19 महिलाएं 👩🦰
- और 28 संगठन 🕊️ शामिल हैं।
यह आंकड़ा दिखाता है कि जहां पुरुषों की भागीदारी अधिक रही है, वहीं पिछले दशक में महिलाओं और संस्थाओं को भी बढ़ती मान्यता मिली है।
🧭 नोबेल चयन प्रक्रिया कैसे होती है?
नोबेल पुरस्कार की चयन प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय और विस्तृत होती है।
इसका संचालन Norwegian Nobel Committee करती है — जो नॉर्वे की संसद (Storting) द्वारा नियुक्त पांच सदस्यों की टीम होती है।
चरण 1️⃣ : नामांकन (Nominations)
हर वर्ष सितंबर में योग्य व्यक्ति — जैसे प्रोफेसर, पूर्व विजेता, संसद सदस्य, या अंतरराष्ट्रीय संगठन — अपने उम्मीदवारों के नाम भेज सकते हैं।
नामांकन की अंतिम तिथि 1 फरवरी होती है।
चरण 2️⃣ : समीक्षा और शॉर्टलिस्ट (Shortlisting)
फरवरी से मार्च तक समिति सभी नामों की समीक्षा करती है और उनमें से कुछ नामों को “शॉर्टलिस्ट” में शामिल करती है।
चरण 3️⃣ : गहन मूल्यांकन (Assessment)
मार्च से अगस्त तक शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का गहन अध्ययन होता है।
इस दौरान स्वतंत्र विशेषज्ञों, राजनयिकों और शोधकर्ताओं की राय ली जाती है।
चरण 4️⃣ : निर्णय (Final Decision)
अक्टूबर के पहले सप्ताह में समिति मतदान करती है और विजेता का चयन करती है।
निर्णय अंतिम होता है — इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
चरण 5️⃣ : घोषणा (Announcement)
विजेता का नाम अक्टूबर में ओस्लो में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक किया जाता है।
और 10 दिसंबर (Alfred Nobel की पुण्यतिथि) को औपचारिक समारोह में पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
🎖️ पुरस्कार में क्या मिलता है?
नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता को दिए जाते हैं:
- एक स्वर्ण पदक (Gold Medal)
- एक डिप्लोमा (Diploma)
- और 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹10 करोड़ रुपये) की धनराशि।
ये पुरस्कार 10 दिसंबर को ओस्लो सिटी हॉल (Oslo City Hall) में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किए जाते हैं, जबकि अन्य नोबेल पुरस्कार (जैसे साहित्य, रसायन, भौतिकी) स्टॉकहोम (स्वीडन) में दिए जाते हैं।
📺 कहां देखें लाइव?
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा को लाइव प्रसारित (Live Stream) किया जाएगा।
- दर्शक इसे Nobel Prize की आधिकारिक वेबसाइट,
- YouTube चैनल,
- और सोशल मीडिया हैंडल्स (Facebook, X, Instagram) पर देख सकते हैं।
लाइव टाइम (भारत): दोपहर 2:30 बजे, शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025
🕯️ नोबेल शांति पुरस्कार के कुछ ऐतिहासिक विजेता
- महात्मा गांधी (India) – 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में नामांकित हुए, लेकिन दुर्भाग्यवश कभी पुरस्कार नहीं मिला।
- मार्टिन लूथर किंग जूनियर (USA) – 1964, नस्लीय भेदभाव के खिलाफ लड़ाई के लिए।
- मदर टेरेसा (India) – 1979, गरीबों और बीमारों की सेवा के लिए।
- नेल्सन मंडेला (South Africa) – 1993, रंगभेद समाप्त करने के प्रयासों के लिए।
- मलाला यूसुफजई (Pakistan) – 2014, बालिकाओं की शिक्षा के अधिकार के लिए सबसे युवा विजेता बनीं।
- Abiy Ahmed (Ethiopia) – 2019, इथियोपिया-एरीट्रिया शांति समझौते के लिए।
इन सभी विजेताओं ने एक साझा संदेश दिया — “शांति केवल विचार नहीं, एक कर्म है।”
🧩 क्यों महत्वपूर्ण है यह पुरस्कार?
आज की दुनिया में जब युद्ध, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और मानवीय संकट जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, नोबेल शांति पुरस्कार उम्मीद की एक किरण बनकर सामने आता है।
यह पुरस्कार सिर्फ किसी व्यक्ति या संस्था को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को सम्मानित करता है जो मानवता को जोड़ती है।
यह पुरस्कार हमें याद दिलाता है — “जहां बंदूकें बोलती हैं, वहां एक आवाज़ शांति की भी होनी चाहिए।”
📅 नोबेल पुरस्कार 2025 का पूरा कार्यक्रम
तिथि | पुरस्कार श्रेणी | स्थान |
---|---|---|
6 अक्टूबर | मेडिसिन | स्टॉकहोम |
7 अक्टूबर | फिजिक्स | स्टॉकहोम |
8 अक्टूबर | केमिस्ट्री | स्टॉकहोम |
9 अक्टूबर | लिटरेचर | स्टॉकहोम |
10 अक्टूबर | पीस (शांति) | ओस्लो, नॉर्वे |
13 अक्टूबर | इकनॉमिक साइंसेज | स्टॉकहोम |
🌐 निष्कर्ष
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 सिर्फ एक नाम या संस्था का चयन नहीं होगा — यह दुनिया के लिए एक संदेश होगा कि आज भी शांति, संवाद और मानवता की शक्ति सबसे ऊपर है।
338 नामांकनों के बीच जो भी विजेता होगा, वह उस विचार का प्रतिनिधित्व करेगा जो कहता है —
“शांति की राह कठिन जरूर है, लेकिन असंभव नहीं।”
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