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आकाश की आंधी: दिग्गजों को पछाड़ कर रचा इतिहास

क्रिकेट की दुनिया में हर दशक कुछ ऐसे खिलाड़ी देता है, जो न केवल रनों और विकेटों से, बल्कि अपने अंदाज़, आत्मविश्वास और जुनून से इतिहास रचते हैं। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ही नए सितारे की — आकाश राठी — जिसने एजबेस्टन की पिच पर ऐसा तूफ़ान मचाया कि दिग्गज गेंदबाज़ों की किताब में नया अध्याय जोड़ दिया।

आकाश ने जो किया, वो सिर्फ एक स्पेल नहीं था, वो था क्रिकेट का क्लासिक चमत्कार। और वो भी इंग्लैंड की धरती पर — जहां विदेशी गेंदबाज़ों को अक्सर संघर्ष करना पड़ता है।

🎯 स्पेल जिसने सब कुछ बदल दिया

दिन: 5 जुलाई 2025
मुक़ाबला: भारत बनाम इंग्लैंड (तीसरा टेस्ट, एजबेस्टन)

इंग्लैंड की पहली पारी की शुरुआत अच्छी रही। टॉप ऑर्डर संभलकर खेल रहा था। स्कोरबोर्ड 87/1 दिखा रहा था जब कप्तान रोहित शर्मा ने गेंद आकाश को थमाई। गेंद हवा में लहरा रही थी, मगर मैदान पर सन्नाटा था — क्योंकि किसी को अंदाज़ा नहीं था कि ये ओवर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दर्ज होने वाला है।

पहली गेंद — आउटस्विंग, बल्ले का किनारा, स्लिप में लपका गया।
दूसरी गेंद — इनस्विंग यॉर्कर, बल्लेबाज़ LBW — बिना DRS सीधे पवेलियन।
तीसरी गेंद — क्लीन बोल्ड! हेट्रिक!
एजबेस्टन की भीड़ उछल पड़ी, और भारत के क्रिकेट इतिहास में एक नया नाम उभर गया — आकाश राठी

🔥 5 ओवर, 7 विकेट, 12 रन — क्या ये संभव था?

जी हाँ, आकाश ने सिर्फ 5 ओवर में इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। उन्होंने कुल 7 विकेट झटके, वो भी मात्र 12 रन देकर। यह आंकड़ा किसी भी भारतीय गेंदबाज़ का टेस्ट मैच में सर्वश्रेष्ठ स्पेल बन गया। बुमराह का 6/27 और अकरम का 7/19 — दोनों पीछे छूट गए।

आकाश का यह प्रदर्शन न केवल भारत को जीत के करीब ले आया, बल्कि एक ऐसे गेंदबाज़ की दस्तक थी, जो आने वाले वर्षों में भारत का “सुपरस्टार पेसर” कहलाने वाला है।


🧠 कौन है ये आकाश राठी?

राजस्थान के झुंझुनूं जिले का रहने वाला यह तेज़ गेंदबाज़ 24 साल का है। गांव की गलियों में टेप बॉल से शुरुआत करने वाले आकाश ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन वह एजबेस्टन में अकरम की यादें धुंधली कर देगा

कोच नरेंद्र चौधरी बताते हैं:

“वह बचपन से ही अलग था। 14 की उम्र में उसकी रफ्तार 130+ थी। मगर वह केवल तेज़ नहीं, चतुर भी था।”

आकाश ने अंडर-19, फिर रणजी, और फिर इंडिया-A में लगातार शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन राष्ट्रीय टीम में चयन के बाद एजबेस्टन में किया गया यह प्रदर्शन उसकी पहचान बन गया।


🏏 बुमराह और अकरम से तुलना — कितना सही?

लेकिन आकाश राठी का 7/12 न केवल विकेट संख्या, बल्कि इकोनॉमी, कंट्रोल और परिस्थिति की दृष्टि से इन दोनों से कहीं अधिक घातक साबित हुआ।

क्रिकेट विश्लेषक हर्षा भोगले कहते हैं:

“आकाश की गेंदों में वो परिपक्वता है जो आमतौर पर 30 पार गेंदबाज़ों में होती है। 24 की उम्र में यह प्रदर्शन असाधारण है।”


📊 संख्याओं में आकाश की आंधी

ओवरमेडनरनविकेटस्ट्राइक रेटइकोनॉमी
531274.22.40

यह आंकड़े सिर्फ स्कोरकार्ड नहीं, बल्कि भविष्य के लिए खतरे की घंटी हैं — खासकर बल्लेबाज़ों के लिए।


📺 सोशल मीडिया पर तूफान

ट्विटर पर #AakashStorm ट्रेंड करने लगा। भारतीय फैंस ही नहीं, विदेशी दिग्गजों ने भी आकाश की तारीफों के पुल बांध दिए।


🎤 खुद आकाश की ज़ुबानी

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब आकाश से पूछा गया कि ये सब कैसे हुआ, उसने बड़े शांत स्वर में कहा:

“मैंने सिर्फ वही किया जो मुझे आता है — लाइन, लेंथ और धैर्य। बाकी सब भगवान और मेहनत का फल है।”

जब एक पत्रकार ने पूछा कि “क्या बुमराह से आगे निकलना लक्ष्य था?”, आकाश मुस्कराया और बोला:

“बुमराह भैया मेरे आदर्श हैं। मैं उनसे सीखता हूं। उनसे आगे नहीं, उनके साथ भारत को जीत दिलाना मेरा लक्ष्य है।”


🛤️ आगे की राह: क्या आकाश अगले कपिल या कमिंस बन सकते हैं?

आकाश में वह संयम है जो लंबे करियर की मांग करता है। उसकी गति, स्विंग, और बाउंसर की समझ उसे बेहद खतरनाक बनाती है। अगर वह फिटनेस और फॉर्म बनाए रखता है, तो अगले 5 सालों में वह भारत का सबसे सफल तेज़ गेंदबाज़ बन सकता है।


🏆 निष्कर्ष: एजबेस्टन से आकाश तक — एक नई शुरुआत

जब क्रिकेट इतिहास लिखा जाएगा, तो 5 जुलाई 2025 को अलग अध्याय मिलेगा। क्योंकि यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह था तेज़ गेंदबाज़ी के पुनर्जागरण का दिन

आकाश ने बुमराह और अकरम को पीछे छोड़ा नहीं — बल्कि उनके नक्शे-कदमों पर चलते हुए एक नई लकीर खींच दी।

आज भारत के हर युवा गेंदबाज़ के दिल में एक ही नाम गूंज रहा है — “मैं भी बनूंगा आकाश!”

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📝 विशेष नोट:
यदि आप इस लेख को एक मोटिवेशनल बुक चैप्टर, क्रिकेट जर्नल या सोशल मीडिया वीडियो स्क्रिप्ट में बदलना चाहते हैं, तो बताएं — मैं उसे भी तैयार कर सकता हूँ।

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