समाज की सबसे बड़ी पूंजी है – स्वास्थ्य।
और जब कोई संस्था अपने स्थापना दिवस पर केवल उत्सव मनाने तक सीमित न रहकर समाज के ज़रूरतमंदों को स्वास्थ्य का उपहार दे, तो वह दिन वास्तव में यादगार बन जाता है।
ऐसा ही उदाहरण पेश किया है आरोग्य निदान फाउंडेशन ने, जिसने अपने स्थापना दिवस को “सेवा संकल्प दिवस” के रूप में मनाया। इस मौके पर संस्था ने गरीब, वंचित और जरूरतमंद लोगों को न केवल मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कीं, बल्कि “सेहत बांटने” का अनोखा अभियान चलाकर एक नई परंपरा भी स्थापित की।
शुरुआत: सेवा से संवेदना तक

आरोग्य निदान फाउंडेशन की स्थापना कुछ वर्ष पहले इस सोच के साथ हुई थी कि स्वास्थ्य सेवाएँ किसी भी वर्ग, जाति या आर्थिक स्थिति तक सीमित न रहें। संस्था का मानना है कि –
“स्वास्थ्य मानव का मौलिक अधिकार है, न कि विशेषाधिकार।”
इसी विचार के साथ फाउंडेशन ने गरीब बस्तियों, ग्रामीण इलाकों और झुग्गी-झोपड़ियों तक पहुँचकर हजारों परिवारों तक स्वास्थ्य और जागरूकता पहुँचाई है।
स्थापना दिवस का विशेष आयोजन
इस बार का स्थापना दिवस एक साधारण समारोह नहीं था। फाउंडेशन ने इसे “स्वास्थ्य उत्सव” का नाम दिया।
- फ्री हेल्थ कैंप:
विभिन्न विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 2000 से अधिक लोगों की मुफ्त जांच की। - दवाइयों का वितरण:
ज़रूरतमंदों को मुफ्त दवाइयाँ और न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स दिए गए। - स्वास्थ्य जागरूकता सत्र:
डॉक्टरों ने जीवनशैली रोगों (डायबिटीज, हाई BP, मोटापा) और महिला स्वास्थ्य पर जानकारी साझा की। - बच्चों के लिए विशेष सत्र:
बच्चों को पोषण, साफ-सफाई और खेल-कूद के महत्व पर जागरूक किया गया।
यह आयोजन केवल इलाज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्वास्थ्य को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संकल्प भी दिलाया गया।
लोगों की भावनाएँ: सेहत का सच्चा उत्सव
इस आयोजन में भाग लेने वाले लोगों के अनुभव बेहद भावुक रहे।

- रीना देवी, एक घरेलू महिला ने कहा:
“मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे इलाके में इतने बड़े डॉक्टर आएंगे और हमें मुफ्त में इलाज मिलेगा। आरोग्य निदान ने हमें नया जीवन दिया है।” - सलीम खान, रिक्शा चालक ने बताया:
“मैं कई महीनों से अपनी जांच टाल रहा था क्योंकि पैसे नहीं थे। आज कैंप में जांच करवाई और दवाई भी मिली। यह दिन मेरे लिए त्यौहार जैसा है।”
ऐसे कई अनुभवों ने इस स्थापना दिवस को केवल एक संस्थागत कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनभागीदारी का पर्व बना दिया।
सेवा संकल्प: संस्था की सोच
आरोग्य निदान फाउंडेशन का विज़न है –
“हर ज़रूरतमंद तक स्वास्थ्य पहुँचाना।”
- ग्रामीण इलाकों में हेल्थ कैंप लगाना
- मोबाइल हेल्थ वैन के जरिए दूर-दराज़ क्षेत्रों तक पहुँचना
- महिलाओं और बच्चों की पोषण संबंधी समस्याओं पर फोकस
- मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग सेवाएँ
संस्था का मानना है कि जब तक देश का सबसे गरीब नागरिक स्वस्थ नहीं होगा, तब तक “स्वस्थ भारत” का सपना अधूरा रहेगा।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान

स्थापना से अब तक फाउंडेशन ने:
- 10,000 से ज्यादा लोगों की जांच की।
- 5,000 से अधिक बच्चों को पोषण सप्लीमेंट्स उपलब्ध कराए।
- 10 से ज्यादा गांवों में हेल्थ अवेयरनेस कैंप लगाए।
- हजारों महिलाओं को माहवारी स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य पर जानकारी दी।
इन उपलब्धियों ने आरोग्य निदान को समाज में भरोसे का दूसरा नाम बना दिया है।
कोविड काल की सेवाएँ
कोविड-19 महामारी के दौरान संस्था ने जीवनरक्षक भूमिका निभाई।
- ऑक्सीजन सिलिंडर और कॉन्सेंट्रेटर उपलब्ध कराए।
- फ्रंटलाइन वर्कर्स को PPE किट और मास्क वितरित किए।
- जरूरतमंदों को राशन और दवाइयाँ पहुँचाईं।
उस दौर की सेवाओं को लोग आज भी याद करते हैं।
भविष्य की योजनाएँ
संस्था ने स्थापना दिवस पर अपनी आने वाली योजनाओं का भी ऐलान किया। इनमें शामिल हैं:
- टेली-मेडिसिन सेवा – जिससे गांवों में बैठे लोग ऑनलाइन डॉक्टर से परामर्श कर सकेंगे।
- मोबाइल डायग्नोस्टिक यूनिट्स – रक्त जांच, एक्स-रे और अन्य टेस्ट करने के लिए।
- मल्टिस्पेशलिटी हॉस्पिटल – अगले 5 वर्षों में गरीबों के लिए रियायती दरों पर इलाज उपलब्ध कराने की योजना।
- युवा स्वास्थ्य दूत प्रोग्राम – कॉलेज और स्कूल के छात्रों को स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में जोड़ना।
समाज में संदेश
आरोग्य निदान का यह स्थापना दिवस केवल संस्था का उत्सव नहीं था, बल्कि समाज के लिए यह संदेश भी था कि –
- सेवा केवल दान नहीं, बल्कि साझा जिम्मेदारी है।
- स्वास्थ्य बांटने से खुशी बढ़ती है।
- जब समाज और संस्था साथ आते हैं, तो बदलाव संभव है।
निष्कर्ष
“आरोग्य निदान का सेवा संकल्प, स्थापना दिवस पर बांटी सेहत” केवल एक हेडलाइन नहीं है, बल्कि यह उन हजारों मुस्कुराते चेहरों की कहानी है जिन्हें इस दिन नया जीवन और नई उम्मीद मिली।
संस्था ने यह साबित कर दिया कि वास्तविक उत्सव वही है जिसमें हम दूसरों की जिंदगी बेहतर बनाने का प्रयास करें।
भारत में स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने की दिशा में यह कदम न केवल सराहनीय है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है।
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