भारत में फास्ट-फूड क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (QSR) उद्योग के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक Devyani International Ltd. (DIL) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे घोषित कर दिए हैं।
इस बार कंपनी का नेट प्रॉफिट (शुद्ध लाभ) 90% से भी ज्यादा गिरकर ₹2.22 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी ने ₹22.43 करोड़ का मुनाफा कमाया था।
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि राजस्व (Revenue from Operations) में 11.05% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह ₹1,221.90 करोड़ से बढ़कर ₹1,356.96 करोड़ तक पहुँच गया।
ऐसा कैसे हुआ कि बिक्री बढ़ी, लेकिन मुनाफा इतना घट गया? आइए, इस पूरे घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।
🔍 कंपनी का परिचय और कारोबार का दायरा
Devyani International Ltd. भारत में Yum! Brands की सबसे बड़ी फ्रैंचाइज़ी है।
Yum! Brands के अंतर्गत कई मशहूर फूड ब्रांड आते हैं:
- 🍗 KFC (Kentucky Fried Chicken)
- 🍕 Pizza Hut
- ☕ Costa Coffee
इसके अलावा, कंपनी फूड कोर्ट और अन्य रिटेल फूड ब्रांड भी संचालित करती है।
भारत के कई बड़े शहरों और मॉल्स में DIL के आउटलेट्स मिल जाते हैं, और यह कंपनी देश के बाहर भी संचालन करती है, खासतौर पर नेपाल और नाइजीरिया में।
📊 तिमाही नतीजों की मुख्य झलक
| मापदंड (Q1 FY26) | नतीजा | Q1 FY25 से तुलना |
|---|---|---|
| नेट प्रॉफिट | ₹2.22 करोड़ | -90.1% |
| राजस्व (Revenue from Operations) | ₹1,356.96 करोड़ | +11.05% |
| कुल आय (Total Income) | ₹1,370.47 करोड़ | +11% |
| EBITDA | ₹205 करोड़ | मामूली गिरावट |
| EBITDA मार्जिन | 15.1% | पिछले साल से थोड़ा कम |
| कुल खर्च (Total Expenses) | ₹1,367.39 करोड़ | +13.82% |
📈 राजस्व क्यों बढ़ा?
कंपनी के अनुसार, इस तिमाही में बिक्री बढ़ने के पीछे मुख्य कारण थे:
- KFC की मजबूत ग्रोथ — तला हुआ चिकन और नए मेन्यू ऑफर ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।
- Costa Coffee की बिक्री में उछाल — शहरी क्षेत्रों में कॉफी कल्चर बढ़ रहा है, जिससे औसत टिकट साइज भी बढ़ा।
- फूड कोर्ट बिजनेस में मजबूती — खासकर मॉल और एयरपोर्ट फूड कोर्ट में ग्राहक संख्या बढ़ी।
- अंतरराष्ट्रीय कारोबार में 11.2% YoY ग्रोथ — नेपाल और नाइजीरिया में बेहतर बिक्री।
📉 मुनाफा क्यों घटा?
राजस्व में बढ़ोतरी के बावजूद मुनाफा गिरने के पीछे कई वजहें हैं:
- ADS (Average Daily Sales) में गिरावट — पिछले साल की तुलना में प्रति दिन प्रति स्टोर बिक्री थोड़ी कम रही।
- मार्केटिंग और प्रमोशन में भारी निवेश — नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कंपनी ने इस तिमाही में ज्यादा विज्ञापन और ऑफर्स चलाए।
- इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी — कच्चे माल और लॉजिस्टिक्स की लागत में बढ़ोतरी ने मार्जिन पर दबाव डाला।
- खर्चों में 13.82% की बढ़ोतरी — कर्मचारियों की सैलरी, किराया, और यूटिलिटी बिल में बढ़ोतरी।
🗣 चेयरमैन रवि जयपुरिया का बयान
Devyani International के नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन रवि जयपुरिया ने कहा:
“इस तिमाही में हमारी राजस्व वृद्धि KFC, Costa और फूड कोर्ट बिजनेस से आई है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कारोबार ने भी 11.2% साल-दर-साल ग्रोथ दी है। EBITDA मार्जिन में हल्की गिरावट का कारण है — पिछले साल की तुलना में कम औसत दैनिक बिक्री और मार्केटिंग में निवेश।”
📌 उद्योग विश्लेषण — QSR सेक्टर की चुनौतियाँ
भारत में QSR सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस समय कंपनियाँ कुछ चुनौतियों का सामना कर रही हैं:
- कस्टमर फुटफॉल में बदलाव — महंगाई और बदले हुए उपभोक्ता पैटर्न के कारण लोग कम बार बाहर खाने जा रहे हैं।
- ऑनलाइन डिलीवरी बनाम डाइन-इन — डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स की कमीशन लागत भी कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित करती है।
- प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी — Dominos, Burger King, McDonald’s, Starbucks जैसी कंपनियाँ आक्रामक तरीके से विस्तार कर रही हैं।
- इनपुट कॉस्ट में उतार-चढ़ाव — गेहूं, चिकन, डेयरी, और कॉफी बीन्स की कीमतों में वृद्धि से लागत बढ़ रही है।
📅 आगे की रणनीति
रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी आने वाले महीनों में इन रणनीतियों पर ध्यान देगी:
- नए आउटलेट खोलना — खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।
- डिजिटल ऑर्डरिंग सिस्टम को मजबूत करना — मोबाइल ऐप और क्यूआर कोड ऑर्डरिंग को बढ़ावा।
- लो-कॉस्ट प्रमोशन कैंपेन — मुनाफे पर असर डाले बिना ग्राहकों को आकर्षित करना।
- लोकल सोर्सिंग — कच्चे माल के आयात पर निर्भरता घटाकर लागत नियंत्रित करना।
📉 स्टॉक मार्केट पर असर
कंपनी के शेयर नतीजों के बाद हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। विश्लेषकों का मानना है कि कम मुनाफा निवेशकों के लिए चिंता का कारण हो सकता है, लेकिन लंबी अवधि में QSR सेक्टर में ग्रोथ की संभावना अभी भी मजबूत है।
💡 निष्कर्ष
Devyani International Ltd. के Q1 FY26 नतीजे एक मिश्रित तस्वीर पेश करते हैं —
राजस्व में डबल-डिजिट ग्रोथ है, लेकिन मुनाफा 90% गिर गया है।
मार्केटिंग और प्रमोशन में किया गया निवेश फिलहाल मुनाफे को चोट पहुँचा रहा है, लेकिन आने वाले महीनों में यह ग्राहक आधार बढ़ाने में मदद कर सकता है।
अगर कंपनी खर्च नियंत्रण और औसत दैनिक बिक्री (ADS) में सुधार लाती है, तो अगले क्वार्टर में नतीजे बेहतर हो सकते हैं।
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