जगदीप धनखड़, जो अगस्त 2022 से भारत के 14वें उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति पद पर आसीन थे, सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने पद से हटने की घोषणा आर्टिकल 67(a) के अनुसार राष्ट्रपति को लिखे पत्र में की

🔍 संभावित उम्मीदवार: कौन-क्या कर सकता है तैयारी?
1. किरति वर्धन सिंह
- वर्तमान में भारत सरकार में पर्यावरण मंत्री (राजपत्रित) और लोकसभा सांसद (गोंडा, यूपी) ।
- राजनीति में लंबा अनुभव, बैकग्राउंड और विभिन्न दलों के साथ संपर्क इसे मजबूत प्रत्याशी बनाते हैं।
2. भीम सिंह
- जम्मू-कश्मीर से नेता और पहले संभावित राष्ट्रपति/उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चित रहे। हाल ही में विपक्षी उम्मीदवारों की कतार में देखा गया था ।
- सुश्री मोदी सरकार के पिछले चर्चा दौर में भीश सिंह का नाम जुड़ चुका है, इससे यह विकल्प फिर उभर सकता है।
3. राजनैतिक संतुलन के लिए अन्य विकल्प
- राष्ट्रपति चुनाव इवेंट्स में राज्यसभा या समाजवादी दलों के नेताओं पर विचार संभव है।
- NDA या UPA गठबंधन किसी राजनैतिक इंटीग्रेशन या जातीय-सांस्कृतिक संतुलन के दृष्टिकोण से उम्मीदवार चुन सकते हैं—जैसे किसी पूर्व राजपूर्व नेता या पार्लियामेंट सदस्य।
🗓️ चुनाव की टाइमलाइन: क्या एजेंडा होगा?
चरण | प्रक्रिया | अनुमानित समय |
---|---|---|
1️⃣ रिज़िगनेशन स्वीकार | राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार जिसका प्रभाव तुरंत लागू | 21 जुलाई 2025 |
2️⃣ Acting Chair | राज्यसभा उपाध्यक्ष या वरिष्ठ सांसद की नियुक्ति | तत्काल |
3️⃣ चुनाव की घोषणा | चुनाव आयोग नोटिस जारी करेगा | 1-2 दिन में |
4️⃣ नामांकन प्रक्रिया | समर्थकों के साथ दस्तावेज जमा | 7-10 दिन |
5️⃣ मतदान | संसद भवन में STV के अंतर्गत चुनाव | 30-45 दिन के भीतर |
6️⃣ परिणाम घोषित | कमीशन के अनुसार वोट की गणना | मतदान के दिन |
7️⃣ शपथ ग्रहण | नए उप राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहण | परिणाम के तुरंत बाद |
✅ चुनाव के महत्वपूर्ण पहलू
- सामाजिक-राजनैतिक संतुलन
किसी भी उम्मीदवार का चयन जाति, क्षेत्रीय और राजनीतिक समझौते में तय होगा। - संपर्क एवं समर्थन
20+20 सांसदों का समर्थन इकट्ठा करना महत्वपूर्ण होगा। NDA और UPA की रचनात्मक समझ—राज्यसभा में पर्याप्त संख्या विनिर्देश करेगी। - STV प्रणाली का महत्व
वोटों का मानिकरण मकसूद प्रत्याशी के बहुमत को सिद्ध करेगा—यह सुनिश्चित करता है कि वोट विभाजित न हों - राजनीतिक शोर-शराबा
धनखड़ की इस्तीफे के बाद राजनीतिक दल जल्द से जल्द अपने फ्रंट रनर को तय करेंगे।
⚖️ क्या बदलाव की संभावना है?
राजनीतिक स्तर पर, संभावित उम्मीदवारों की चर्चा तेज होती दिखेगी, खासकर कि जिन राज्यों और दलों का भार-भार मजबूत है।
राज्यसभा की कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपस्थायी अध्यक्ष काम संभालेंगे
🏛️ संवैधानिक प्रक्रिया: Article 67(a) क्या कहता है?
- Article 67(a) के तहत उप राष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित इस्तीफा देकर पद छोड़ सकते हैं ।
- यह इस्तीफा 대통령 को सौंपते ही प्रभावी हो जाता है; इसके बाद Article 68(2) के अनुसार जल्द से जल्द नए चुनाव की व्यवस्था की जाती है ।
⚕️ क्या संकेत देता है इस्तीफा?
- स्वास्थ्य का प्राथमिकता: “medical advice” को आधार बनाते हुए धनखड़ ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हैं ।
- पहले दिन का इस्तीफा: मॉनसून सत्र के पहले ही दिन अचानक इस्तीफा देना बताता है कि उनकी हालत चिंतनीय रही होगी
- राजनीतिक स्थिरता: अपने पद से हटते हुए उन्होंने ध्यान रखा कि संवैधानिक जिम्मेदारियों में कोई बाधा न आए — उन्होंने औपचारिक तरीके से इस्तीफा दिया
🧭 धनखड़ की कार्यकाल की झलक
- 14वीं जन में अगस्त 2022 से नौकर – उप राष्ट्रपति रहते हुए राज्यसभा की कार्यवाही की अगुवाई भी की ।
- उन्होंने महिलाओं की आवाज़ उभारने के लिए विपक्ष और सरकार को मिलाते हुए राजसभा में महिलाओं की उपाध्यक्ष मंडली में 17 महिलाओं का कर नीत समर्थन किया ।
- राज्यपाल (पश्चिम बंगाल), सांसद और विधायिका सदस्य के रूप में भी उन्होंने लंबा लोकसेवा करियर जिया ।
📅 अब संवैधानिक प्रक्रिया क्या है?
- अध्यक्ष के पद रिक्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष या सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज्यसभा की कार्यवाही सँभालेंगे ।
- नई चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी — अभी तक धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल या सरकार ने संभावित उम्मीदवारों पर कोई टिप्पणी नहीं दी है ।
🧭 विश्लेषण: क्या संकेत देती है यह घटना?
- स्वास्थ्य और जिम्मेदारी: संवैधानिक पदधारक के रूप में उन्होंने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर नया उदाहरण पेश किया।
- संवैधानिक सुचिता का पालन: उन्होंने संविधान के नियमों का सटीक और सम्मानजनक तरीके से पालन किया।
- राजनीतिक स्थिरता: बिना कोई गतिरोध पैदा किए लोकतंत्रिक प्रक्रिया को समय पर पूरा किया।
पर ये सवाल भी खड़े करते हैं कि राजनीति में स्वास्थ्य मानदंड कितना निर्णायक हो — और क्या आगे राजनीति और प्रशासनिक पदों पर उम्र या स्वास्थ्य का स्थान तय करने के लिए नए मानक/दिशानिर्देश बनना चाहिए?
🗣️ जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया
- सभी प्रमुख मीडिया चैनल्स समेत Indian Express, Livemint, Business Today ने इसे बड़ी संवैधानिक और राजनीतिक खबर बताया।
- सोशल मीडिया पर प्रशंसा का बाज़ार था — लोगों ने उन्हें साहसिक और नैतिक कदम बताया।
- कुछ आकलनों में कहा गया कि संसद की कार्यवाही पर असर पड़े इसके डर से इसे जल्द निष्पक्ष तरीके से निपटाया गया ।
⚠️ अब आगे क्या होगा?
कार्य | समयरेखा | विवरण |
---|---|---|
नए उप राष्ट्रपति का चुनाव | मामला तय करने की प्रक्रिया पूरी | जल्द चुनाव केंद्रित |
अस्थायी रूप से राज्यसभा संचालन | अध्यक्ष या वरिष्ठ उपाध्यक्ष | समयसीमा तक |
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया | अभी तक संक्षिप्त | आगे उम्मीदवार चर्चा होनी चाहिए |
✅ निष्कर्ष
जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा न सिर्फ एक व्यक्ति का निजी फैसला है, बल्कि संवैधानिक मर्यादा और जिम्मेदारी की याद दिलाता है — उन्होंने ‘स्वास्थ्य की प्राथमिकता’ को लोकतंत्र और संवैधानिक ताकत से ऊपर रखा। अब भारत को जल्द से जल्द नए उप नेता की तलाश करनी है, ताकि राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से जारी रहे और लोकतंत्र में कोई विघ्न न आए।
👇 आपकी राय जानना चाहेंगे:
- क्या आप सोचते हैं कि संवैधानिक पदों पर स्वास्थ्य मानदंड तय होने चाहिए?
- क्या धनखड़ का इस्तीफा लोकतांत्रिक जिम्मेदारी का एक उत्कर्ष उदाहरण है?
- नए चुनाव में आपके अनुसार कौन-कौन से गुण देखे जाने चाहिए?
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