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धनखड़ का इस्तीफा:अब कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति?

जगदीप धनखड़, जो अगस्त 2022 से भारत के 14वें उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति पद पर आसीन थे, सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने पद से हटने की घोषणा आर्टिकल 67(a) के अनुसार राष्ट्रपति को लिखे पत्र में की


🔍 संभावित उम्मीदवार: कौन-क्या कर सकता है तैयारी?

1. किरति वर्धन सिंह

2. भीम सिंह

3. राजनैतिक संतुलन के लिए अन्य विकल्प


🗓️ चुनाव की टाइमलाइन: क्या एजेंडा होगा?

चरणप्रक्रियाअनुमानित समय
1️⃣ रिज़िगनेशन स्वीकारराष्ट्रपति द्वारा स्वीकार जिसका प्रभाव तुरंत लागू21 जुलाई 2025
2️⃣ Acting Chairराज्यसभा उपाध्यक्ष या वरिष्ठ सांसद की नियुक्तितत्काल
3️⃣ चुनाव की घोषणाचुनाव आयोग नोटिस जारी करेगा1-2 दिन में
4️⃣ नामांकन प्रक्रियासमर्थकों के साथ दस्तावेज जमा7-10 दिन
5️⃣ मतदानसंसद भवन में STV के अंतर्गत चुनाव30-45 दिन के भीतर
6️⃣ परिणाम घोषितकमीशन के अनुसार वोट की गणनामतदान के दिन
7️⃣ शपथ ग्रहणनए उप राष्ट्रपति का कार्यभार ग्रहणपरिणाम के तुरंत बाद

✅ चुनाव के महत्वपूर्ण पहलू

  1. सामाजिक-राजनैतिक संतुलन
    किसी भी उम्मीदवार का चयन जाति, क्षेत्रीय और राजनीतिक समझौते में तय होगा।
  2. संपर्क एवं समर्थन
    20+20 सांसदों का समर्थन इकट्ठा करना महत्वपूर्ण होगा। NDA और UPA की रचनात्मक समझ—राज्यसभा में पर्याप्त संख्या विनिर्देश करेगी।
  3. STV प्रणाली का महत्व
    वोटों का मानिकरण मकसूद प्रत्याशी के बहुमत को सिद्ध करेगा—यह सुनिश्चित करता है कि वोट विभाजित न हों
  4. राजनीतिक शोर-शराबा
    धनखड़ की इस्तीफे के बाद राजनीतिक दल जल्द से जल्द अपने फ्रंट रनर को तय करेंगे।

⚖️ क्या बदलाव की संभावना है?

राजनीतिक स्तर पर, संभावित उम्मीदवारों की चर्चा तेज होती दिखेगी, खासकर कि जिन राज्यों और दलों का भार-भार मजबूत है।

राज्यसभा की कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपस्थायी अध्यक्ष काम संभालेंगे


🏛️ संवैधानिक प्रक्रिया: Article 67(a) क्या कहता है?


⚕️ क्या संकेत देता है इस्तीफा?

  1. स्वास्थ्य का प्राथमिकता: “medical advice” को आधार बनाते हुए धनखड़ ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हैं ।
    1. पहले दिन का इस्तीफा: मॉनसून सत्र के पहले ही दिन अचानक इस्तीफा देना बताता है कि उनकी हालत चिंतनीय रही होगी

    1. राजनीतिक स्थिरता: अपने पद से हटते हुए उन्होंने ध्यान रखा कि संवैधानिक जिम्मेदारियों में कोई बाधा न आए — उन्होंने औपचारिक तरीके से इस्तीफा दिया

🧭 धनखड़ की कार्यकाल की झलक


📅 अब संवैधानिक प्रक्रिया क्या है?


🧭 विश्लेषण: क्या संकेत देती है यह घटना?

पर ये सवाल भी खड़े करते हैं कि राजनीति में स्वास्थ्य मानदंड कितना निर्णायक हो — और क्या आगे राजनीति और प्रशासनिक पदों पर उम्र या स्वास्थ्य का स्थान तय करने के लिए नए मानक/दिशानिर्देश बनना चाहिए?


🗣️ जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया


⚠️ अब आगे क्या होगा?

कार्यसमयरेखाविवरण
नए उप राष्ट्रपति का चुनावमामला तय करने की प्रक्रिया पूरीजल्द चुनाव केंद्रित
अस्थायी रूप से राज्यसभा संचालनअध्यक्ष या वरिष्ठ उपाध्यक्षसमयसीमा तक
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाअभी तक संक्षिप्तआगे उम्मीदवार चर्चा होनी चाहिए

✅ निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा न सिर्फ एक व्यक्ति का निजी फैसला है, बल्कि संवैधानिक मर्यादा और जिम्मेदारी की याद दिलाता है — उन्होंने ‘स्वास्थ्य की प्राथमिकता’ को लोकतंत्र और संवैधानिक ताकत से ऊपर रखा। अब भारत को जल्द से जल्द नए उप नेता की तलाश करनी है, ताकि राज्यसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से जारी रहे और लोकतंत्र में कोई विघ्न न आए।


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