भारत ही नहीं, दुनिया भर में कुत्तों को इंसान का सबसे वफादार दोस्त माना जाता है। इंसानी ज़िंदगी से कुत्तों का रिश्ता हजारों साल पुराना है। वे न केवल घर की रखवाली करते हैं बल्कि हमें भावनात्मक सहारा भी देते हैं। लेकिन अक्सर लोग एक सवाल पूछते हैं—आखिर कुत्ते रात में ज़्यादा क्यों भौंकते हैं?
यह सवाल केवल जिज्ञासा तक सीमित नहीं है। इसके साथ अनेक मान्यताएं, अंधविश्वास और वैज्ञानिक तथ्य जुड़े हैं। आइए इस रहस्य को परत-दर-परत खोलने की कोशिश करते हैं।
🌙 रात में कुत्तों के भौंकने को लेकर प्रचलित मान्यताएं

भारत में मान्यताएं और लोककथाएं बेहद गहरी जड़ें रखती हैं। कुत्तों के रात में भौंकने को लेकर भी कई मान्यताएं हैं:
- भूत और आत्माओं को देखना:
ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में यह आम धारणा है कि कुत्तों की आंखें इंसानों से अलग होती हैं। वे ऐसी अदृश्य शक्तियों—जैसे भूत, प्रेत और आत्माएं—को देख सकते हैं जिन्हें मनुष्य नहीं देख पाता। जब भी कुत्ता लगातार रात में भौंकता है तो लोग मान लेते हैं कि आसपास कोई नकारात्मक शक्ति है। - कुत्ते का रोना अशुभ संकेत:
कई परिवारों में यह भी कहा जाता है कि अगर कुत्ता रात में भौंकने के साथ रोने लगे तो यह किसी अनहोनी का संकेत होता है। यह धारणा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। - धर्म और अध्यात्म से जुड़ी धारणाएं:
हिंदू मान्यताओं में कुत्तों को भैरव बाबा का वाहन माना गया है। इसलिए कुत्तों के रात में भौंकने को कुछ लोग देवी-देवताओं के संकेत के रूप में भी देखते हैं।
🧑🔬 विज्ञान क्या कहता है?

जहां एक ओर मान्यताएं लोगों को डर और रहस्य से भर देती हैं, वहीं विज्ञान इस मुद्दे को तर्क और प्रमाण के आधार पर देखता है।
- संवेदनशील इंद्रियां:
कुत्तों की सूंघने की शक्ति इंसानों से 40 गुना अधिक होती है। उनकी सुनने की क्षमता भी बेहद तीव्र होती है। रात के सन्नाटे में उन्हें बहुत हल्की आवाजें भी सुनाई देती हैं। यही कारण है कि वे मामूली आहट या हलचल पर भी भौंकने लगते हैं। - अकेलापन और डर:
कई बार कुत्ते रात में अकेलापन महसूस करते हैं। जब घर के सभी लोग सो जाते हैं, तो कुत्तों को बेचैनी होती है। अपनी बेचैनी और डर को छुपाने के लिए वे जोर-जोर से भौंकने लगते हैं। - क्षेत्र की सुरक्षा का भाव:
कुत्ते स्वभाव से ही क्षेत्रीय जानवर हैं। वे अपने इलाके पर किसी बाहरी खतरे को बर्दाश्त नहीं करते। रात में जब उन्हें किसी अनजान गंध या आवाज़ का आभास होता है, तो वे घर और परिवार की सुरक्षा के लिए भौंकना शुरू कर देते हैं। - बॉडी क्लॉक और आदतें:
विज्ञान के मुताबिक, कुत्तों की बॉडी क्लॉक इंसानों से अलग होती है। वे रात में भी सक्रिय रहते हैं। यही कारण है कि रात का समय उनके लिए सजग रहने का होता है और इस दौरान वे ज्यादा भौंकते हैं।
🔮 पैरानॉर्मल एक्सपर्ट्स की राय
पैरानॉर्मल स्टडीज करने वाले कई विशेषज्ञों का मानना है कि कुत्तों के पास कुछ खास क्षमताएं होती हैं। उनकी आंखें और इंद्रियां इतनी संवेदनशील होती हैं कि वे अदृश्य ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं।
हालांकि, यह धारणा अभी तक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं हो पाई है। मगर कई लोग इसके अनुभव साझा करते हैं। जैसे—किसी पुराने घर या वीरान जगह पर कुत्तों का लगातार एक दिशा में भौंकना या घूरना।
🏡 आम लोगों के अनुभव
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कई लोग बताते हैं कि जब भी उनके मोहल्ले में कुत्ते रात को एक साथ जोर-जोर से भौंकते हैं, तो अगले दिन कुछ अजीब या अनहोनी घटित होती है।
शहरी क्षेत्रों में, पालतू कुत्तों के मालिकों का कहना है कि अक्सर उनके पालतू जानवर रात में बिना वजह खिड़की की ओर घूरते रहते हैं और बीच-बीच में भौंकते भी हैं। इससे घरवालों को डर लगने लगता है।
📖 इतिहास और संस्कृति में कुत्ते
कुत्तों का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों, वेदों और पुराणों में मिलता है। यमराज के द्वारपाल के रूप में कुत्तों का ज़िक्र है। महाभारत में भी युधिष्ठिर के साथ एक कुत्ते की कहानी जुड़ी है।
इन कथाओं ने कुत्तों को रहस्यमय और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बना दिया है। शायद यही कारण है कि लोग उनके व्यवहार को सामान्य न मानकर गहरे अर्थों से जोड़ देते हैं।
🧠 मनोविज्ञान की दृष्टि से
मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि कुत्तों के भौंकने को लेकर इंसानों का डर प्लेसबो इफेक्ट जैसा है। जब इंसान बार-बार सुनता है कि “कुत्ते के भौंकने का मतलब भूत है”, तो वह अपने दिमाग में इसे सच मानने लगता है।
असल में, इंसान की अपनी कल्पनाएं और डर कुत्तों के व्यवहार को रहस्यमय बना देते हैं।
🚫 अंधविश्वास से बचने की ज़रूरत
जहां एक ओर यह विषय रोचक और रहस्यमय है, वहीं हमें अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए। कुत्ते का रात में भौंकना एक सामान्य व्यवहार हो सकता है।
अगर पालतू कुत्ता बार-बार रात को भौंक रहा है, तो जरूरी है कि उसके स्वास्थ्य, आहार और दिनचर्या पर ध्यान दिया जाए।
✅ निष्कर्ष
कुत्तों का रात में भौंकना एक ऐसा विषय है जिसमें मान्यताएं, रहस्य, आध्यात्मिक दृष्टिकोण और विज्ञान—all एक साथ जुड़े हैं। जहां एक ओर लोककथाएं और धर्म इसे अलौकिक शक्तियों से जोड़ते हैं, वहीं विज्ञान इसे कुत्तों की संवेदनशील इंद्रियों और आदतों से समझाता है।
इसलिए अगली बार जब आपका कुत्ता रात में जोर-जोर से भौंके, तो घबराने के बजाय यह सोचिए कि हो सकता है उसने किसी मामूली हलचल, गंध या आवाज़ को पकड़ लिया हो।
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