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सोने की चमक पड़ी फीकी: 900 रुपये की गिरावट

सोने की कीमतों में अचानक आई गिरावट ने चौंकाया बाज़ार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमतों में 900 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को जो सोना 1,03,420 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर था, वह अब 1,02,520 रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 1,02,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।

यह गिरावट ऐसे समय पर आई है जब बीते सप्ताह पांच सत्रों में सोना 5,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो गया था। लेकिन अब वैश्विक परिस्थितियों में परिवर्तन और निवेशकों की रणनीति ने सोने की दिशा बदल दी है।


🔶 चांदी की भी चमक हुई धुंधली

सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को चांदी की कीमत 1,15,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो सोमवार को 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। यानी एक दिन में 1,000 रुपये की गिरावट।

पिछले हफ्ते चांदी की कीमतों में भी 5,500 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़त हुई थी। लेकिन अब निवेशक सतर्क हो गए हैं और बिकवाली का रुख अपना रहे हैं।


🔶 वैश्विक बाजार में क्या बदला?

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो न्यूयॉर्क में हाजिर सोने की कीमतों में 40.61 डॉलर की गिरावट आई है और यह अब 3,358.17 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। वहीं हाजिर चांदी 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 37.81 डॉलर प्रति औंस पर रही।

इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है। जब वैश्विक स्तर पर निवेशक सोने जैसी पारंपरिक सुरक्षित संपत्तियों से बाहर निकलते हैं, तो उसकी कीमत नीचे आ जाती है।


🔶 सोना सस्ता क्यों हुआ? जानिए असली वजहें

🔸 1. ट्रंप-पुतिन शिखर वार्ता: तनाव में कमी की उम्मीद

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी के मुताबिक, अमेरिका और रूस के बीच बातचीत की संभावनाओं ने वैश्विक तनाव में कमी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में प्रस्तावित बैठक रूस-यूक्रेन संघर्ष पर शांति की उम्मीद जगा रही है। जब वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव घटता है, तो निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों (जैसे शेयर) की ओर लौटते हैं और सोने की मांग घटती है।

🔸 2. ट्रेड वार के शुल्क पर स्पष्टीकरण

कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी कयानात चैनवाला बताती हैं कि ट्रंप प्रशासन ने सोने पर 39 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की अफवाहों को “गलत सूचना” करार दिया।

इस स्पष्टीकरण के बाद बाज़ार में जो अस्थिरता थी, वह कम हुई और निवेशकों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए बिकवाली शुरू कर दी।

🔸 3. मजबूत होते शेयर बाजार

वैश्विक शेयर बाज़ारों में मजबूती का भी सोने की कीमत पर असर पड़ा। जब शेयर मार्केट में अच्छा प्रदर्शन होता है, तो सोने से फंड हटकर इक्विटी मार्केट की ओर चला जाता है।

इस समय अमेरिका, जापान और भारत समेत तमाम प्रमुख देशों के बाजारों में सकारात्मक संकेत दिखे हैं।

🔸 4. ट्रेडर्स की मुनाफावसूली

पिछले 5 दिनों में जो तेज़ी से सोना चढ़ा था, उसी के बाद निवेशकों ने मुनाफा वसूली शुरू कर दी।

कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये एक अस्थायी गिरावट है और आगे फिर से तेजी का दौर आ सकता है।


🔶 क्या अब सोना और सस्ता होगा?

विशेषज्ञों की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई है। कुछ कहते हैं कि अगर भू-राजनीतिक स्थिति में और सुधार हुआ और डॉलर मजबूत रहा, तो सोना और सस्ता हो सकता है।

वहीं एंजेल वन के विश्लेषक प्रथमेश माल्या का मानना है कि अगर शुल्क विवाद फिर से गहराता है या रूस-यूक्रेन वार्ता विफल होती है, तो अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की कीमत 3,800 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है।


🔶 निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

सोना निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है, लेकिन यह भी बाजार की धाराओं के हिसाब से चलता है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए बिंदुओं पर विचार करें:

🔸 कम कीमत पर खरीदारी करें: गिरावट के समय सोने की खरीद एक अच्छा अवसर हो सकता है।
🔸 लंबी अवधि का नजरिया रखें: एक-दो दिन की गिरावट से घबराएं नहीं, सोना दीर्घकालिक निवेश के लिए बेहतर है।
🔸 ETF और डिजिटल गोल्ड पर भी नजर रखें: ये विकल्प आपको पारदर्शिता और कम जोखिम के साथ निवेश करने का अवसर देते हैं।


🔶 मौजूदा दाम (11 अगस्त 2025 के अनुसार):

धातुशुद्धता (%)कीमत (INR)
सोना99.9₹1,02,520 / 10 ग्राम
सोना99.5₹1,02,100 / 10 ग्राम
चांदी₹1,14,000 / किलोग्राम

🔶 सोने की कीमतें: पिछले 7 दिनों का ट्रेंड

दिनकीमत (INR/10 ग्राम)
सोमवार₹1,02,520
रविवारबाज़ार बंद
शनिवार₹1,03,000
शुक्रवार₹1,03,420
गुरुवार₹1,02,100
बुधवार₹1,00,800
मंगलवार₹99,000

🔶 निष्कर्ष: क्या ये गिरावट स्थायी है?

सोने की कीमतों में गिरावट का ये दौर शायद ज्यादा लंबा न चले। दुनिया में किसी भी बड़े घटनाक्रम या तनाव के चलते इसकी मांग फिर से बढ़ सकती है। लेकिन यह भी सच है कि निवेशकों को अब “सिर्फ सोना ही सुरक्षित है” वाली सोच को बदलना पड़ेगा।

आज के दौर में जहां वैश्विक बाजार, भू-राजनीतिक हलचलें और आर्थिक नीतियां कुछ ही घंटों में पूरा परिदृश्य बदल सकती हैं, वहां सोने में निवेश भी स्मार्ट रणनीति के साथ करना होगा।

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