Saturday, December 13, 2025
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IndiGo संकट गहराया—चेयरमैन ने स्वीकार की चूक

भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) पिछले कुछ दिनों से अपने इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकटों में से एक से गुजर रही थी। देशभर में अचानक रद्द हुई उड़ानों, देरी से घंटों परेशान हुए यात्रियों और बढ़ते गुस्से ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि एयरलाइन को खुद आगे आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा।

अंततः इंडिगो के चेयरमैन और गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक विक्रम सिंह मेहता ने सार्वजनिक रूप से अपनी चूक स्वीकार करते हुए कहा—

“हमसे गलती हुई… और हम इस स्थिति को बहुत गंभीरता से लेते हैं।”

8 मिनट के एक भावनात्मक संदेश में उन्होंने ग्राहकों से माफी मांगी और कहा कि कंपनी अपने रिकॉर्ड और प्रतिष्ठा दोनों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई।

तो आखिर यह संकट क्या था? किस वजह से इतनी उड़ानें रद्द हुईं? क्या कंपनी वाकई नए पायलट नियमों से बचना चाहती थी? और आगे इंडिगो क्या कदम उठाने जा रही है?

चलिए पूरा मामला विस्तार से समझते हैं—एक यूनिक, विस्तृत और विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में।


एक हफ्ते की भारी अव्यवस्था—देशभर में क्यों उलझा इंडिगो का नेटवर्क?

3 दिसंबर 2025 से शुरू हुआ यह संकट एक-दो उड़ानों का मुद्दा नहीं था।
लगातार कई दिनों तक:

  • उड़ानें रद्द होती रहीं
  • शेड्यूल बदलते रहे
  • यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा
  • एयरपोर्ट काउंटरों पर लंबी कतारें लग गईं
  • सोशल मीडिया शिकायतों से भर गया

यात्रियों ने वीडियो शेयर करते हुए कहा—
“हम सुबह से एयरपोर्ट पर हैं, न विमान उड़ रहा है, न कंपनी कोई स्पष्ट जानकारी दे रही है।”

इंडिगो जैसी कंपनी, जो प्रतिदिन लगभग 1900 उड़ानें संचालित करती है, अचानक ऐसे संकट में फंस जाएगी—यह किसी की कल्पना में नहीं था।


इंडिगो चेयरमैन ने माना—“हम अपने ग्राहकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे”

10 दिसंबर को जारी बयान में विक्रम सिंह मेहता ने बेहद विनम्र और स्पष्ट शब्दों में स्वीकार किया—

✔ “यह हमारी विफलता थी, और इसके लिए हम सभी यात्रियों से माफी मांगते हैं।”

✔ “इस संकट ने हमारे पूरे नेटवर्क को अव्यवस्थित कर दिया।”

✔ “हम जानते हैं कि यह हमारा रिकॉर्ड नहीं था, और इससे ग्राहकों को असुविधा हुई।”

उनका यह बयान भारतीय विमानन उद्योग में पहली बार देखने को मिला कि किसी बड़े एयरलाइन प्रमुख ने इतने खुले शब्दों में गलती स्वीकार की हो।


पायलट नियमों से बचने के आरोपों पर इंडिगो का करारा जवाब

कई सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो और रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि—

➡ इंडिगो नई Flight Duty Time Limitations (FDTL) यानी पायलट थकान नियमों का पालन करने से बचना चाहती थी।
➡ इसलिए जानबूझकर उड़ानें रद्द कर रही थी।

लेकिन चेयरमैन ने इसे पूरी तरह झूठा और निराधार बताया।

उन्होंने कहा—

✔ “हमने जुलाई और नवंबर दोनों चरणों में पायलट आराम नियमों का पूरा पालन किया।”

✔ “इंडिगो ने कभी नियमों को दरकिनार करने की कोशिश नहीं की।”

उन्होंने साफ कहा कि ऐसे आरोप कंपनी की नैतिकता पर हमला हैं और इंडिगो ने हर नियम का पालन किया है।


तो फिर संकट आया कैसे? इंडिगो ने बताई असली वजहें

मेहता ने पहली बार विस्तार से बताया कि किन घटकों ने मिलकर इस पूरे नेटवर्क को जाम कर दिया।

🔹 1. तकनीकी खराबियां

कई विमानों में एक साथ तकनीकी समस्याएं आईं, जिससे वे बेस पर खड़े हुए और उड़ानें प्रभावित हुईं।

🔹 2. नया विंटर शेड्यूल

सर्दियों में एयरलाइन का शेड्यूल बदलता है।
अचानक बढ़ते ट्रैफिक और सीमित स्लॉट्स ने नेटवर्क को और दबाव में डाल दिया।

🔹 3. खराब मौसम

उत्तर भारत में धुंध और कम दृश्यता के कारण कई उड़ानें देर से चलीं या रद्द हो गईं।

🔹 4. एयर ट्रैफिक कंजेशन

देशभर में एयर ट्रैफिक नेटवर्क में भीड़ बढ़ी, जिसकी वजह से देरी बढ़ती चली गई।

🔹 5. नए क्रू रोस्टर नियम

FDTL नियमों के तहत पायलटों और क्रू का ड्यूटी शेड्यूल बदला था, जिससे अचानक नई व्यवस्था में गड़बड़ी हुई।

इन सभी कारणों ने मिलकर एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी जहां हर छोटी देरी एक बड़ी समस्या में बदलती चली गई।


DGCA भी कर रही जांच: इंडिगो ने बुलाए बाहरी विशेषज्ञ

मेहता ने बताया कि भारत का नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पहले ही इस पूरे मामले की जांच कर रहा है।

इसके अलावा इंडिगो ने भी:

✔ बाहरी तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया है

✔ सभी परिचालन खामियों का ऑडिट कराया जा रहा है

✔ नेटवर्क मैनेजमेंट की खामियों को पहचानने की कोशिश की जा रही है

उन्होंने कहा—

“हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। इसके लिए हम हर स्तर पर सुधार करेंगे।”


इंडिगो का नेटवर्क फिर सामान्य: अब 1,900+ उड़ानें रोजाना

मेहता ने पुष्टि की कि—

✔ स्थिति पूरी तरह सामान्य हो गई है
✔ सभी उड़ानें नियमित शेड्यूल पर चल रही हैं
✔ एयरलाइन 138 गंतव्यों के लिए रोजाना 1,900 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही है

साथ ही, कंपनी ने X पर बयान जारी कर बताया—

✔ “हमारे 65,000 कर्मचारी संचालन को सामान्य करने में दिन-रात लगे हैं।”

✔ “संकट प्रबंधन टीम रोजाना शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रही है।”


कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती—ग्राहकों का भरोसा कम हो गया

मेहता ने अंत में एक महत्वपूर्ण बात कही—

“भरोसा शब्दों से नहीं, काम से वापस आएगा। हम ऐसा करेंगे।”

यही बात आज इंडिगो की असली चुनौती है।

✔ यात्रियों ने इस दौरान काफी परेशानी झेली
✔ ब्रांड की छवि को झटका लगा
✔ सोशल मीडिया पर कंपनी की आलोचना हुई
✔ कई बिज़नेस यात्रियों ने आखिरी मिनट पर योजनाएं बदलीं

हालांकि इंडिगो आज भी भारत की सबसे बड़ी और सबसे भरोसेमंद एयरलाइन मानी जाती है—
लेकिन इस घटना ने उसके संचालन और प्रबंधन मॉडल पर सवाल जरूर खड़े किए हैं।


यह संकट एयरलाइन उद्योग के लिए क्या संदेश देता है?

यह घटना कई सीखें देती है—

✔ पायलट व क्रू के रोस्टरिंग को अत्यधिक कुशल होना चाहिए

✔ एक बड़ी एयरलाइन में बैकअप सिस्टम बहुत मजबूत होना चाहिए

✔ अचानक हुए व्यवधान के लिए बेहतर संकट प्रबंधन जरूरी है

✔ यात्रियों को सही समय पर सटीक जानकारी देना सबसे महत्वपूर्ण है

कुल मिलाकर, यह घटना न केवल इंडिगो बल्कि पूरे भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक wake-up call है।


निष्कर्ष: इंडिगो के लिए यह समय सबसे बड़ी परीक्षा का है

मेहता का बयान इस बात को साबित करता है कि कंपनी गंभीर है और अपनी गलती स्वीकार करने के लिए तैयार भी।
आज एयरलाइन ने परिचालन सामान्य कर लिया है, लेकिन:

क्या यात्री फिर उतना ही भरोसा करेंगे?
क्या ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी?
क्या इंडिगो अपनी नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करेगा?

इन सवालों के जवाब आने वाले महीनों में मिलेंगे।

फिलहाल, इंडिगो के चेयरमैन का खुला और ईमानदार बयान ग्राहकों को राहत देने वाला जरूर है।

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