100 यूनिट तक बिजली मुफ्त — नीतीश का बिहार को बड़ा तोहफा, वित्त विभाग से मिली मंज़ूरी
1. 📌 एक बड़ी घोषणा — क्या है पूरा मामला?
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गई घोषणा के बाद तेजी से चल रही योजनाओं के चलते बिहार क्षेत्र में 100 यूनिट तक घरेलू बिजली बिल माफ करने का प्रस्ताव कैबिनेट में जाने को तैयार हो गया है ।
- इसे वित्त विभाग ने हरी झंडी दे दी, और अब यह प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी का इंतज़ार कर रहा है ।
- यदि यह पास हो जाता है, तो आम उपभोक्ताओं को हर महीने करीब ₹700–₹750 की बचत होगी ।
2. 💸 योजना कैसे काम करेगी — तकनीकी पक्ष

- योजना के तहत यदि घरेलू उपभोक्ता का मासिक बिजली उपयोग 100 यूनिट तक है, तो उनका बिल ₹0 होगा — यानी उन्हें बिल ही नहीं आएगा ।
- 101+ यूनिट पर बिजली का चार्ज लागू होगा।
- शहरी क्षेत्रों में प्रति यूनिट दर लगभग ₹7.57 है। योजना लागू होने पर प्रथम 100 यूनिट की कीमत माफ होगी, जिसके परिणामस्वरूप औसतन ₹4.52 प्रति यूनिट की दर लागू होगी — इस स्थिति में बचत करीब ₹750 हो सकती है ।
- ग्रामीण और बीपीएल श्रेणी के लिए भी समान रियायत—जिनके पास स्मार्ट मीटर हैं, वे अतिरिक्त घर 25 पैसे/यूनिट की छूट का लाभ उठा पाएंगे ।
3. 🏛️ मंजूरी और वित्तीय व्यवस्था
- योजना को वित्त विभाग ने स्वीकृत किया है, और अब इसे जल्द ही कैबिनेट तक ले जाया जाएगा ।
- वित्तीय वर्ष 2025–26 की चुनिंदा योजनाओं में कुल ₹15,995 करोड़ के मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना को लिया गया है, जिसमें योजना के तहत सब्सिडी शामिल है ।
4. 📊 कौन-कौन मिलेगा फायदा?
- शहरी और ग्रामीण दोनों निजी बजली उपभोक्ता।
- मासिक उपभोक्ता जिनकी खपत 0–100 यूनिट है।
- जिनके पास स्मार्ट प्रीपेड मीटर है — विशेष छूट।
- कुल मिलाकर लगभग 1.25 करोड़ ग्रामीण + 63 लाख स्मार्ट मीटर वाले लोग इससे लाभान्वित होंगे ।
5. देसी-बजट का गहरा विश्लेषण
- योजना के लिए सरकार ₹15,995 करोड़ का अनुदान दे रही है, जो पिछले वर्ष से लगभग 4% अधिक है।
- यह प्रदर्शित करता है कि बिजली सब्सिडी को वरीयता दी जा रही है और सरकार इसे जारी रखने की इरादा रखती है।
6. 🗳️ चुनावी रणनीति — हाइटेड टाइमिंग

- इस घोषणा का समय मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुना है ।
- विपक्ष के तेजस्वी यादव पहले से 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर चुके हैं — नीतीश सरकार ने तेजस्वी की घोषणा से पहले 100 यूनिट मुफ्त बिजली घोषणा कर दी और इसे “tejaswi का वादा पहले ही पूरा” मानकर विपक्ष की हवा निकालने की कोशिश की।
7. 💬 विपक्ष की प्रतिक्रिया — तेजस्वी बोले क्या?
- तेजस्वी यादव का कहना था: “200 यूनिट मुफ्त बिजली”, नि:शुल्क राशि, 1,500 पेंशन व रोजगार—नीतीश सरकार की घोषणा से तेजस्वी को ज़ोरदार झटका लगा ।
- RJD ने कहा कि “50% स्कीम बजट का हिस्सा, 50% वोटों का हिसाब”, लेकिन अब नीतीश ने चुनाव से पहले इसे पेश करके विपक्ष के वादों को shadow किया।
8. 🤔 इस योजना का सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
- महंगाई को लेकर दबाव: बढ़ती बिजली दरों, बढ़ा हुआ अनुदान—क्या राजस्व घाटा खड़े करेगा?
- 1.25 करोड़ ग्रामीण और 63 लाख स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ता बहुतायत में डिलाइटेड रहे, सोशल मीडिया पर भी उत्साह दिखा ।
- Reddit पर उपयोगकर्ता लिखते हैं: “Many more states are offering lots of perks… what do we offer?” — अब बिहार भी फ्रीबीज़ देने लगा ।
- वहीं दुसरी ओर: “Why are we giving them money then? …But what difference is it really making?” — व्यापक बहस चल रही है ।
9. 🔄 गतिशील बदलाव—पिछली योजनाएँ और सुधार
- अप्रैल 2025 से पहले ग्रामीण BPL परिवारों के लिए 50 यूनिट से अधिक वाले उपयोग पर 40 पैसे/यूनिट की छूट थी, साथ में स्मार्ट मीटर वालों के लिए 65 पैसे/यूनिट अतिरिक्त राहत थी ।
- अब यह मुफ्त योजना इन रियायतों का तर्कपूर्वक extension है।
10. ⚠️ चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
- योजना से राजस्व नुक़सान की आशंका — क्या सरकार अनुदान पर्याप्त रूप से जारी रख सकेगी?
- बिजली वितरण कंपनियों की लागत प्रबंधन कैसे होगा?
- स्मार्ट मीटरों की गणना, उनकी स्थापना, रखरखाव और संख्या को लेकर तैयारी कहां तक है?
- कौशल व रोजगार पर बढ़ती बिजली खपत का दबाव — क्या grid capacity और संसाधन तैयारी पूरी है?
11. 🎥 जन-कनेक्ट ड्रामा — योजना का सोशल इंपैक्ट
- खुश उपभोक्ता: शहरी-ग्रामीण घरों में झिलमिलाहट, लाइट बिना तनाव।
- बजट निर्धारक: सस्ते दीपावली/रसोई खर्च, बच्चों की पढ़ाई में PAT-आगे।
- राजनीतिक ट्रेलर: पटना पुल, सड़क निर्माण, छात्रवृत्ति—अब अचानक बिजली भी फ्री।
- सोशल मीडिया: #BijliMuktBihar से flood of memes, debate threads—क्या हर मजबूरी को मुफ्त में बदल देना सही है?
12. 🔥 स्थायित्व बनाम तात्कालिक राहत
- सवाल: क्या यह रोज़मर्रा की “निवासिनी रणनीति” बनेगी, या अगले बजट में दूसरा चेहरा सामने आएगा?
- क्या सरकार अगले साल भी ₹16,000 करोड़ बिजली सब्सिडी जारी रख पाएगी?
- तुलना करें: राजस्थान ने 150 यूनिट मुफ्त बिजली शुरू की थी, अब वही रद्द कर दी—क्या बिहार ऐसा नहीं करेगा?
13. 🌟 निष्कर्ष — एक चुनावी मोड़ या दीर्घकालिक संरचना?
| पहलू | लाभ | चुनौती |
|---|---|---|
| उपभोक्ता | ₹700 बचत + सामाजिक आईपी | दीर्घकालिक खर्च, कीमत वृद्धि |
| सरकार | चुनावी लाभ | बजट दबाव, राजस्व नुकसान |
| बिजली विभाग | मांग में spike | ग्रिड क्षमता, तकनीकी बाधा |
| सामाजिक-सांस्कृतिक | मध्यम वर्ग में इंप्रेस | विपक्ष नारा, फ्रीबीज़ का डिबेट |
- यह योजना तात्कालिक राहत, राजनीतिक रणनीति और बजट प्रबंधन का मिश्रण है।
- तय है: बिहार की जनता को अगले महीनों में इस पर सराहना या आलोचना का सामना करना होगा—ये राजनीति की खूबसूरत चाल है।
14. ✍️ क्या चाहिए आगे?
यदि आप चाहें:
- पिछले वर्षों (2022–25) के बिजली सब्सिडी डेटा की तुलना,
- राजनीतिक विश्लेषण—NDA vs महागठबंधन का तर्क और strategy,
- तकनीकी गहराई — बिजली वितरण सुधार, स्मार्ट मीटर रोलआउट,
- जन संवाद — पटना/गांवों में लाइव रिएक्शन और उपभोक्ता रिपोर्टिंग
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