Friday, August 1, 2025
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एशिया कप फंसा तो डूबेगा पाक बोर्ड का खजाना

क्रिकेट को पाकिस्तान में एक धर्म का दर्जा प्राप्त है, लेकिन मैदान के बाहर का खेल — विशेष रूप से आर्थिक — फिलहाल भारी संकट में है। एशिया कप T20 टूर्नामेंट 2025 की अनिश्चितता ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की नींदें उड़ा दी हैं।

अगर यह टूर्नामेंट निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं हुआ या पाकिस्तान को इसकी मेज़बानी से वंचित होना पड़ा, तो PCB को अरबों रुपये के राजस्व घाटे का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे वक्त में जब PCB को ICC और ACC से कुल 8.8 अरब रुपये के राजस्व की उम्मीद है, एशिया कप की स्थिति ने वित्तीय योजना को गंभीर चुनौती दे दी है।


ICC और ACC से मिलने वाली रकम पर टिकी उम्मीदें

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, PCB ने अपने वित्तीय वर्ष 2025 के बजट में USD 25.9 मिलियन (लगभग 7.7 अरब रुपये) केवल ICC से मिलने वाले हिस्से के रूप में दर्शाए हैं।

इसके अलावा, एशिया कप से लगभग 1.16 अरब रुपये (लगभग ₹35 करोड़ भारतीय रुपये) की आय की उम्मीद जताई गई है। अन्य अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स से लगभग 77.7 लाख रुपये की आय की उम्मीद की गई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:

ICC और ACC से मिलने वाला राजस्व पाकिस्तान क्रिकेट की वित्तीय रीढ़ है। अगर एशिया कप अनिश्चितता में डूबा रहता है, तो असर पूरे सिस्टम पर पड़ेगा।”


मोहसिन नक़वी की अनुपस्थिति और डिप्लोमैटिक गतिरोध

PCB के चेयरमैन और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नक़वी, हाल ही में सिंगापुर में हुई ICC की वार्षिक बैठक में शरीक नहीं हो सके। उन्होंने इसमें केवल वर्चुअली हिस्सा लिया।

उनकी गैरहाजिरी को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब एशिया कप की मेजबानी और कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की सख्त जरूरत है।

इसके जवाब में PCB के CEO सुमैर अहमद को ICC बैठक में भेजा गया, लेकिन खबरों के मुताबिक उन्हें BCCI, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड और अफगानिस्तान बोर्ड से सकारात्मक जवाब नहीं मिला


ढाका में ACC बैठक पर टकराव

PCB की अगुवाई में 24 जुलाई को ढाका में ACC की बैठक बुलाई गई, लेकिन भारत, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ओमान और अन्य कुछ सदस्य बोर्डों ने साफ तौर पर ढाका यात्रा से इनकार कर दिया।

एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार:

“अधिकांश सदस्य बोर्डों ने ढाका में बैठक कराने का विरोध किया। भारत का प्रतिनिधि वहां भेजे जाने की संभावना बेहद कम है। यह एशिया कप की संभावनाओं के लिए शुभ संकेत नहीं है।”


पुलवामा जैसे हालात और राजनीतिक तनाव की छाया

भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध फिर से तनावपूर्ण हैं, खासकर हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। इसके चलते भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की ओर से पाकिस्तान के साथ किसी भी सीधी बातचीत में भागीदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

असल में, भारत को ही इस वर्ष सितंबर में एशिया कप की मेज़बानी करनी थी, लेकिन हालात को देखते हुए अब यूएई को तटस्थ स्थान के रूप में चुना जा सकता है।


पाकिस्तान सुपर लीग: उम्मीद की एक किरण

इस आर्थिक अनिश्चितता के बीच PCB ने Pakistan Super League (PSL) से लगभग 2.5 अरब रुपये की आमदनी का अनुमान लगाया है, जो कि बोर्ड की आंतरिक व्यावसायिक क्षमता को दर्शाता है।

लेकिन, यदि एशिया कप से उम्मीदें टूटती हैं, तो PSL पर दबाव कई गुना बढ़ जाएगा


PCB का कुल बजट और खर्चों की योजना

PCB ने वर्ष 2025 के लिए कुल बजट 18.8 अरब रुपये का तैयार किया है। इसमें खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध, घरेलू टूर्नामेंट्स, इंटरनेशनल सीरीज, कोचिंग स्टाफ और हाई-परफॉर्मेंस प्रोग्राम्स शामिल हैं।

लेकिन यदि ACC और ICC से पैसा नहीं मिला, तो यह बजट सीधे तौर पर प्रभावित होगा। खिलाड़ियों की सैलरी, अंतरराष्ट्रीय दौरे और विकास योजनाएं अधर में लटक सकती हैं।


राजस्व बनाम राजनीति: क्रिकेट की मजबूरी

पाकिस्तान क्रिकेट हमेशा से राजनीति और कूटनीति के बीच झूलता आया है। एशिया कप इसका ताज़ा उदाहरण है, जहां राजनीतिक तनाव ने एक महाद्वीपीय टूर्नामेंट को मुश्किल में डाल दिया है।

एक क्रिकेट विश्लेषक के अनुसार:

“जब तक भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक संबंध सामान्य नहीं होंगे, तब तक क्रिकेट टूर्नामेंट सिर्फ स्पोर्टिंग इवेंट नहीं रहेंगे, वे एक कूटनीतिक दांव बन जाएंगे।”


PCB की वैश्विक साख पर भी असर

PCB के CEO सुमैर अहमद को इस साल की शुरुआत में दुबई में हुए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भेजा गया था, लेकिन “मिसकम्युनिकेशन” के कारण वे पुरस्कार वितरण समारोह में मंच पर मौजूद नहीं रहे। यह PCB की वैश्विक साख के लिए एक बड़ा झटका माना गया।

यह घटना बताती है कि केवल क्रिकेटिंग संबंध ही नहीं, बल्कि प्रोटोकॉल और पेशेवर उपस्थिति भी PCB के लिए चुनौती बनती जा रही है।


आगे क्या? — संकट का समाधान या और उलझनें?

क्या PCB किसी अन्य विकल्प के जरिए राजस्व की भरपाई कर सकता है? शायद आंशिक रूप से, लेकिन ICC और ACC जैसी संस्थाओं से मिलने वाली भारी राशि का कोई स्थायी विकल्प नहीं है।

कुछ क्रिकेट बोर्डों ने सुझाव दिया है कि एशिया कप को मिनी फॉर्मेट में यूएई में कराया जाए, जिससे नुकसान कुछ हद तक कम हो सके। लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व इसमें भी स्पष्ट नहीं है।


निष्कर्ष: एशिया कप के बहाने आर्थिक और कूटनीतिक परीक्षा

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इस समय केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक पूरी व्यवस्था के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। एशिया कप की अनिश्चितता ने PCB के सामने राजस्व, विश्वसनीयता और कूटनीतिक संवाद — तीनों मोर्चों पर संकट खड़ा कर दिया है।

यह भी पढ़ें- IND vs ENG: मैनचेस्टर में मिशन फतह की तैयारी

अगर यह संकट जल्द हल नहीं होता, तो केवल पाकिस्तान ही नहीं, पूरा एशियाई क्रिकेट ढांचा अस्थिर हो सकता है

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