स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का पर्व है। यह केवल ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि वह क्षण है जब पूरा देश अपने वीर शहीदों को नमन करता है और भविष्य के सपनों को साकार करने का संकल्प लेता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया। उनका यह भाषण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि इसमें पाकिस्तान, आतंकवाद, घुसपैठ और वैश्विक मुद्दों पर भारत की मज़बूत नीति का ऐलान भी शामिल था।
🟢 लाल किले से पीएम मोदी का संदेश
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की। उन्होंने कहा कि आज का भारत उनके बलिदान और संघर्षों की नींव पर खड़ा है।

इसके बाद उन्होंने राष्ट्र के सामने पाँच बड़े संदेश रखे:
- पाकिस्तान को कड़ा संदेश – भारत की अखंडता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
- आतंकवाद और घुसपैठ पर वार्निंग – आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को जवाब मिलेगा।
- ट्रंप और वैश्विक राजनीति – भारत अपनी संप्रभुता पर किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।
- आत्मनिर्भर भारत का आह्वान – हर नागरिक ‘लोकल के लिए वोकल’ बने और स्वदेशी सामान अपनाए।
- जनता का आह्वान – स्वच्छता, नवाचार और एकता से भारत को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प।
🔴 पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी
पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर किसी भी तरह की घुसपैठ या आतंकवादी गतिविधि बर्दाश्त नहीं करेगा। उनका कहना था –
“भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन किसी की आक्रामकता का मुँहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।”
यह संदेश केवल पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि उन तमाम ताकतों के लिए था जो भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाने की कोशिश करती हैं।
🟢 आतंकवाद और घुसपैठ पर सख्ती
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब केवल रक्षा की स्थिति में नहीं रहेगा, बल्कि आवश्यक होने पर निर्णायक कार्रवाई करेगा।
उन्होंने जनता से अपील की कि आतंकवाद और कट्टरता फैलाने वाली विचारधाराओं को सामाजिक स्तर पर भी चुनौती दी जाए।
🔴 ट्रंप और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर बयान

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए भारत-पाक मुद्दे पर बयानों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा:
“भारत के आंतरिक मुद्दों पर किसी भी बाहरी टिप्पणी की ज़रूरत नहीं है। हम स्वयं समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं।”
इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मज़बूत संदेश गया कि भारत ‘ग्लोबल पावर’ के रूप में अपनी स्वतंत्र नीतियाँ तय करेगा।
🟢 आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
भाषण का सबसे बड़ा और भावनात्मक हिस्सा था – आत्मनिर्भर भारत अभियान। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय है जब हर भारतीय विदेशी वस्तुओं की जगह स्वदेशी सामान अपनाए।
उन्होंने कहा –
“जब हर घर का व्यक्ति लोकल के लिए वोकल बनेगा, तब देश आत्मनिर्भर बनेगा।”
उन्होंने छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स और किसानों को देश की असली ताकत बताते हुए उन्हें समर्थन देने की अपील की।
🔴 जनता से अपील:
पीएम मोदी ने कुछ खास बिंदुओं पर जनता को जागरूक किया:
- स्वच्छ भारत मिशन को और आगे ले जाने की आवश्यकता।
- महिला सशक्तिकरण को राष्ट्र की शक्ति का आधार बनाना।
- युवाओं में स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहन देना।
- किसानों के लिए नई तकनीक का उपयोग बढ़ाना।
- हर नागरिक को करदाताओं के प्रति ईमानदार होना।
🟢 ऐतिहासिक संदर्भ
लाल किले से प्रधानमंत्री का यह भाषण महज़ औपचारिकता नहीं है। 1947 में नेहरू जी के “Tryst with Destiny” भाषण से लेकर आज तक हर प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की दिशा तय करने वाले संदेश दिए हैं।
मोदी का यह भाषण 2025 में इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि:
- भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
- दुनिया में भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत को अलग नज़रिए से देखा जा रहा है।
- पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ रिश्ते जटिल मोड़ पर हैं।
🔴 जनता की प्रतिक्रिया
भाषण के बाद सोशल मीडिया पर #AtmanirbharBharat और #ModiOnRedFort ट्रेंड करने लगे। युवाओं और व्यापारियों ने आत्मनिर्भर भारत के संदेश का स्वागत किया, वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी भाषण करार दिया।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस भाषण से भारत की आंतरिक और बाहरी नीतियों की रूपरेखा स्पष्ट होती है।
🟢 निष्कर्ष
पीएम मोदी का 79वें स्वतंत्रता दिवस का भाषण सिर्फ एक राष्ट्रीय संबोधन नहीं था, बल्कि यह आने वाले वर्षों में भारत की दिशा और दशा तय करने वाला रोडमैप भी था।
- पाकिस्तान और आतंकवाद पर सख्त चेतावनी
- ट्रंप और वैश्विक ताकतों को स्पष्ट संदेश
- आत्मनिर्भर भारत का आह्वान
- जनता की सक्रिय भागीदारी की अपील
इससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार भारत को केवल आर्थिक शक्ति नहीं बल्कि एक सशक्त वैश्विक नेता बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
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