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79वें स्वतंत्रता दिवस पर PM मोदी के मेगा ऐलान

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए। इस बार का भाषण सिर्फ परंपरागत राष्ट्रभक्ति और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें देश की सुरक्षा, किसानों की प्राथमिकता और युवाओं के भविष्य को संवारने वाले ऐलानों की झलक भी दिखाई दी। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि भारत अब आत्मनिर्भरता की राह पर किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है और देश के हर नागरिक को इस विकास यात्रा का भागीदार बनाना सरकार की प्राथमिकता है।


सुरक्षा पर मोदी का फोकस

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सबसे पहले देश की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 साल भारत अपनी रक्षा क्षमता को नए स्तर पर ले जाएगा। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि देश को किसी भी बाहरी हमले से बचाने के लिए जरूरी हथियार, मिसाइल और तकनीक स्वदेशी तरीकों से विकसित की जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि “भारत अब किसी पर आश्रित नहीं रहेगा। हमें अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और स्टार्टअप्स पर गर्व है, जो रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। आने वाले समय में मेक इन इंडिया केवल एक नारा नहीं बल्कि देश की सुरक्षा का कवच होगा।”

उन्होंने रक्षा उद्योग में निजी कंपनियों को भी भागीदारी के लिए आमंत्रित किया और कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ताकत पूरी तरह देश में बने हथियारों पर आधारित होगी।


किसानों को लेकर बड़ा संदेश

किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने बिना नाम लिए यह संकेत दिया कि भारत अमेरिका जैसे किसी भी देश के दबाव में आकर अपने किसानों और पशुपालकों के हितों से समझौता नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“भारत का किसान सिर्फ अपने खेत में अनाज ही नहीं उगाता बल्कि वह देश की आत्मा और संस्कृति का भी पोषण करता है। कोई भी ताकत हमारे किसानों के हितों की बलि नहीं ले सकती। हमारी नीतियां हमेशा किसान-केंद्रित रहेंगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले वर्षों में किसानों को तकनीक, आधुनिक मशीनें और बेहतर मार्केटिंग की सुविधाएं देने के लिए नई योजनाएं लागू की जाएंगी। कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर उत्पादन क्षमता बढ़ाने का रोडमैप भी साझा किया।


युवाओं को 1 लाख करोड़ रुपये की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को सबसे बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना” के नाम से नई योजना का ऐलान किया, जिसका बजट 1 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।

यह योजना करीब 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएगी। खास बात यह है कि इस योजना से न केवल युवाओं को नौकरी मिलेगी, बल्कि निजी कंपनियों और उद्यमियों को भी सीधा फायदा होगा।

योजना की मुख्य बातें:

  1. पहली बार प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को 15,000 रुपये सरकार की ओर से सहायता राशि मिलेगी।
  2. यह योजना केवल उन युवाओं के लिए है जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये से कम है।
  3. ईपीएफओ में रजिस्टर्ड होने के छह महीने बाद पहली किश्त युवाओं को मिलेगी।
  4. नौकरी के एक साल पूरे करने और प्रशिक्षण समाप्त करने पर दूसरी किश्त भी दी जाएगी।
  5. कंपनियों को भी फायदा मिलेगा – सरकार प्रति कर्मचारी 3,000 रुपये प्रति माह देगी, बशर्ते वह कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक नौकरी पर रखे।
  6. यह लाभ 2 साल तक मिलेगा, जबकि मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को यह सहायता 5 साल तक मिल सकती है।

रोज़गार और उद्योग को मिलेगा बूस्ट

यह योजना न केवल युवाओं बल्कि छोटे और मंझोले उद्यमों (MSMEs) को भी ताकत देगी। सरकार का मानना है कि रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन देना उतना ही जरूरी है जितना युवाओं को अवसर प्रदान करना।

मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में नौकरियां बढ़ाने के लिए यह योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “युवा भारत की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्हें रोजगार और अवसर देना सरकार का कर्तव्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी भी है।”


जीएसटी रिफॉर्म्स – आम जनता के लिए राहत

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को जीएसटी में बड़े सुधार का तोहफा भी दिया। उन्होंने घोषणा की कि “नेक्स्ट जेनेरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स” के लिए हाई पावर टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

यह टास्क फोर्स आने वाले महीनों में ऐसा स्ट्रक्चर तैयार करेगी जिससे आम आदमी को सीधा फायदा मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवाली तक जीएसटी सुधार लागू कर दिए जाएंगे और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर लगने वाले टैक्स में भारी कमी की जाएगी।

इससे न केवल महंगाई पर नियंत्रण होगा बल्कि उपभोक्ताओं की जेब पर भी सीधा असर पड़ेगा।


आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम

अपने पूरे भाषण में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की पहचान अब एक उपभोक्ता देश के रूप में नहीं बल्कि एक उत्पादक राष्ट्र के रूप में होगी। उन्होंने जनता से अपील की कि देश में बने सामानों को प्राथमिकता दें और स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करें।

प्रधानमंत्री ने कहा,
“आजादी का सही अर्थ तभी होगा जब हम आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बनेंगे। हमें अपने गांवों, कस्बों और शहरों में बने उत्पादों को अपनाना होगा। यही भारत की सच्ची शक्ति है।”


अमेरिका को सख्त संदेश

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने नाम लिए बिना अमेरिका जैसे देशों को भी स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “भारत किसी भी दबाव में नहीं आएगा। हमारी नीतियां भारतीय जनता और भारतीय किसानों के हितों के अनुसार तय होंगी, न कि किसी विदेशी ताकत के हिसाब से।”


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण सिर्फ परंपरागत राष्ट्रभक्ति का संबोधन नहीं था, बल्कि इसमें देश की सुरक्षा, किसानों के हित और युवाओं के भविष्य के लिए ठोस नीतियों का ऐलान किया गया। यह साफ है कि आने वाले वर्षों में भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ेगा और हर नागरिक इस परिवर्तन का साक्षी बनेगा।

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