✈️ एयरपोर्ट पर ऐतिहासिक पल — गले लगाकर पीएम मोदी ने किया स्वागत
गुरुवार शाम जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, तो माहौल एकदम राजकीय शान और गर्मजोशी से भर गया। खुद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट पर मौजूद थे — और जैसे ही पुतिन बाहर निकले, पीएम मोदी ने आगे बढ़कर उन्हें गले लगा लिया। यह दृश्य बताने के लिए काफी था कि भारत-रूस दोस्ती आज भी उतनी ही मजबूत है जितनी दशकों पहले थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा है, ऐसे में दुनिया की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी हुई थीं।
🤝 पीएम मोदी का पहला बयान — दोस्ती का संदेश, भविष्य की उम्मीदें

पुतिन का स्वागत करने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक गर्मजोशी भरा संदेश शेयर किया। उन्होंने लिखा:
“मेरे दोस्त, राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करके खुशी हुई। आज शाम और कल हमारी बातचीत का बेसब्री से इंतज़ार है। भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है और इससे हमारे लोगों को बहुत लाभ हुआ है।”
यह बयान साफ करता है कि भारत-रूस के संबंध सिर्फ राजनयिक या रणनीतिक नहीं, बल्कि दशकों पुरानी, भरोसे और आपसी सम्मान पर आधारित साझेदारी है।
🔥 यह दौरा क्यों है बेहद खास? — कई वजहें हैं बड़ी

✔️ 1. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहला दौरा
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से पुतिन ने बहुत कम देशों का दौरा किया है। उनका यह भारत दौरा ये संकेत देता है कि रूस भारत को अपनी सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारियों में गिनता है।
✔️ 2. 25 साल की रणनीतिक साझेदारी का जश्न
साल 2000 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का ऐतिहासिक समझौता किया था।
इस साल इस साझेदारी के 25 साल पूरे हो रहे हैं, और पुतिन का दौरा इस संबंध को अगले स्तर पर ले जाने का संकेत है।
✔️ 3. डिफेंस डील्स पर दुनिया की नजरें
भारत-रूस के बीच रक्षा सहयोग दुनिया में सबसे मजबूत माना जाता है। इस दौरे में इन विषयों पर अहम चर्चा हो सकती है:
- S-400 मिसाइल सिस्टम की आगे की सप्लाई
- रक्षा उत्पादन में जॉइंट वेंचर
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग
- ऊर्जा, तेल और गैस सेक्टर में नए समझौते
भारत अपनी स्ट्रैटेजिक जरूरतों को देखते हुए रूस के साथ रक्षा सहयोग को और मजबूत करना चाहता है।
🛡️ पुतिन का भारतीय दौरा: क्या-क्या हो सकता है?

👉 1. निजी डिनर में गहन चर्चा
पुतिन के स्वागत के बाद पीएम मोदी आज रात उनके सम्मान में प्राइवेट डिनर होस्ट कर रहे हैं, जहां दोनों लीडर्स बिना किसी औपचारिकता के वैश्विक हालात और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
👉 2. कल उच्च-स्तरीय वार्ता
यह वार्ता कई मुद्दों पर केंद्रित हो सकती है:
- भारत-रूस व्यापार 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
- ऊर्जा सुरक्षा
- आर्म्स सप्लाई और स्थानीय निर्माण
- ग्लोबल साउथ की भूमिका
- बहुध्रुवीय दुनिया पर संयुक्त रणनीति
🇷🇺 पुतिन का यह दौरा दुनिया के लिए संदेश क्यों माना जा रहा है?
दुनिया में इस दौरे को कई तरह से देखा जा रहा है।
📌 1. अमेरिका और यूरोप को कूटनीतिक संदेश
भारत अपने रणनीतिक हितों के लिए किसी एक ब्लॉक पर निर्भर नहीं है — यह संदेश साफ तौर पर दुनिया को जाता है।
📌 2. रूस दिखा रहा है कि भारत उसका ‘ट्रस्टेड पार्टनर’ है
युद्ध के दौरान रूस के सबसे भरोसेमंद तेल खरीदारों में भारत रहा है। इस रिश्ते को पुतिन मजबूत करने आए हैं।
📌 3. ग्लोबल साउथ की राजनीति में भारत-रूस की संयुक्त भूमिका
BRICS में नए देशों के जुड़ने के बाद भारत-रूस की साझेदारी और व्यापक हो गई है।
🗣️ भारत और रूस का रिश्ता इतना मजबूत क्यों है?
दोनों देशों का रिश्ता समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है।
🔹 रक्षा सहयोग
भारत की 60% से ज्यादा सैन्य तकनीक रूस से जुड़ी है।
S-400 से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल—दोनों देशों की साझेदारी इसके उदाहरण हैं।
🔹 ऊर्जा और व्यापार
रूस से सस्ते तेल ने भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत दी है।
दोनों देशों का व्यापार पिछले 2 वर्षों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
🔹 अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन
UN हो या G20 — दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है।
📰 इस मुलाकात के संभावित बड़े नतीजे
1. S-400 डील का अगला चरण तय
2. रूस में भारतीय कंपनियों का विस्तार
3. तेल और गैस सप्लाई पर नया मॉडल
4. चंद्रयान-3 और Gaganyaan पर स्पेस सहयोग
5. व्यापार को डॉलर-मुक्त करने पर चर्चा
📅 पुतिन की पिछली भारत यात्रा
- 6 दिसंबर 2021 — आखिरी बार पुतिन भारत आए थे
- उसके बाद रूस-यूक्रेन जंग शुरू हुई
- अब 2025 में यह बड़ी वापसी है, वह भी दो दिवसीय राजकीय दौरे के साथ
💬 निष्कर्ष: यह सिर्फ एक दौरा नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला मोड़ है
पीएम मोदी का पुतिन का एयरपोर्ट पर स्वागत करना, ट्विटर पर ‘मेरे दोस्त’ लिखना और दोनों देशों की साझेदारी को “समय की कसौटी पर खरी” बताना — ये सभी बातें दिखाती हैं कि आने वाले समय में भारत-रूस संबंध नई ऊंचाइयों पर जाने वाले हैं।
दुनिया भले ही बदल रही हो, लेकिन भारत और रूस का रिश्ता अभी भी उतना ही मजबूत, भरोसेमंद और रणनीतिक है जितना दशकों पहले था।
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