प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक दूरदर्शी नेता और महान इंसान बताया। देश के उद्योग जगत में रतन टाटा की अद्वितीय भूमिका और सामाजिक उत्थान में उनके योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रतन टाटा न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गए, बल्कि उन्होंने अपनी उदारता और मानवीय दृष्टिकोण से लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई।
रतन टाटा: भारत की प्रगति के प्रतीक
पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, “रतन टाटा सिर्फ एक उद्योगपति नहीं थे, वह भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक पहचान के प्रतीक थे। उन्होंने जिस तरह से टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। उनकी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण ने न केवल टाटा समूह को मजबूत बनाया, बल्कि भारतीय उद्योग को भी नई दिशा दी।”
रतन टाटा का जीवन हमेशा दूसरों की भलाई और समृद्धि के लिए समर्पित रहा। पीएम मोदी ने कहा, “रतन टाटा ने यह सुनिश्चित किया कि व्यापार केवल लाभ के लिए न हो, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए भी हो। उनकी यह सोच हमारे देश के विकास मॉडल के लिए प्रेरणादायक है।”
टाटा की विरासत: सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा
प्रधानमंत्री ने टाटा ट्रस्ट्स और रतन टाटा के सामाजिक कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “टाटा ट्रस्ट्स और रतन टाटा की समाज सेवा ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके कार्यों ने लाखों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाया और समाज के कमजोर वर्गों को ऊपर उठाने में मदद की।”
रतन टाटा का ‘टाटा नैनो’ प्रोजेक्ट, चाहे व्यावसायिक रूप से उतना सफल न रहा हो, लेकिन उनकी सोच ने भारत के आम आदमी की जिंदगी में बदलाव लाने का सपना दिखाया। पीएम मोदी ने इसे एक विजनरी सोच का प्रतीक बताया, जो हर भारतीय के लिए कार के सपने को साकार करने की दिशा में था।
व्यक्तिगत संबंध: एक प्रेरणादायक मित्र
पीएम मोदी ने अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी साझा किया। उन्होंने कहा, “मेरे और रतन टाटा के बीच हमेशा एक गहरी समझ और सम्मान का रिश्ता रहा। वह हमेशा देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहे। उनकी सोच में सिर्फ आर्थिक प्रगति ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी विकास का भी ध्यान था।”
मोदी ने रतन टाटा को एक महान इंसान और अनुकरणीय नेता बताया, जो जीवन भर सादगी और उच्च आदर्शों के साथ जिए। उन्होंने कहा, “रतन टाटा के व्यक्तित्व में विनम्रता और दया थी, जो उनकी महानता को दर्शाती थी। उनके काम ने देश और दुनिया भर में एक अमिट छाप छोड़ी है।”
🌟 दूरदर्शी नेतृत्व का प्रतीक
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। उनके कार्यकाल में समूह ने कई अंतरराष्ट्रीय अधिग्रहण किए और भारतीय उद्योग को वैश्विक नक्शे पर स्थापित किया। पीएम मोदी ने उनके इस योगदान की सराहना करते हुए कहा, “रतन टाटा की दूरदर्शिता और नेतृत्व ने भारतीय उद्योग जगत को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने उद्योग में नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को नए आयाम दिए।”
🛡️ सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण
प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा की समाज सेवा की भावना की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “रतन टाटा ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि उनकी कंपनियां सिर्फ मुनाफा कमाने पर ध्यान न दें, बल्कि समाज के उत्थान के लिए भी काम करें। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया, जो भारत के विकास में एक मजबूत आधार बना।” टाटा ट्रस्ट के माध्यम से किए गए उनके समाज सेवा कार्यों ने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।
🇮🇳 रतन टाटा और पीएम मोदी का व्यक्तिगत संबंध
प्रधानमंत्री मोदी और रतन टाटा के बीच व्यक्तिगत और पेशेवर संबंध काफी घनिष्ठ थे। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम मोदी ने टाटा नैनो परियोजना को गुजरात में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रतन टाटा ने तब गुजरात के विकास मॉडल की सराहना की थी और यह संबंध एक मजबूत बंधन में बदल गया। पीएम मोदी ने कहा, “रतन टाटा के साथ काम करना मेरे लिए हमेशा एक गर्व की बात रही है। उनकी सोच और प्रतिबद्धता मुझे हमेशा प्रेरित करती रही है।”
📜 भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति
प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा के निधन को देश के लिए एक बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा, “रतन टाटा का जाना केवल टाटा समूह के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने भारतीय उद्योग को दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई। उनकी विरासत हमेशा हमें यह सिखाएगी कि कैसे नैतिकता और उदारता के साथ सफलता प्राप्त की जा सकती है।”
देशभर में शोक की लहर
रतन टाटा के निधन पर न केवल उद्योग जगत, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है। तमाम प्रमुख हस्तियों और संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके निधन के साथ भारत ने एक महान उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और समाजसेवी को भी खो दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, “रतन टाटा का जाना एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी विरासत हमें हमेशा आगे बढ़ने और समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करती रहेगी। उनका जीवन और उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा हम सबके लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।”
निष्कर्ष: प्रेरणा का स्रोत
रतन टाटा का जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो समाज और देश के लिए कुछ करना चाहता है। पीएम मोदी ने उन्हें एक ऐसी मशाल कहा, जो हमेशा समाज और उद्योग के उत्थान की दिशा में जलती रहेगी।