Monday, February 3, 2025
Google search engine
Homeअर्थव्यवस्थाबजट 2025: गंभीर बीमारियों के इलाज में राहत, 36 दवाएं ड्यूटी फ्री

बजट 2025: गंभीर बीमारियों के इलाज में राहत, 36 दवाएं ड्यूटी फ्री

1 फरवरी 2025 को पेश किया गया भारत का बजट 2025 न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने स्वास्थ्य क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठाया है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं पर ड्यूटी फ्री (मुक्त) छूट देने की घोषणा ने कई लोगों को राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के माध्यम से यह ऐलान किया कि 36 तरह की दवाओं को अब कस्टम ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा। यह फैसला उन मरीजों के लिए खास राहत लेकर आया है, जो गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारियां, मधुमेह और अन्य जीवन रक्षक दवाओं के लिए मुश्किल से दवाइयां खरीद पाते थे।

इस कदम से न सिर्फ दवाओं की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि यह भारत में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस फैसले का स्वास्थ्य पर क्या असर होगा और इससे आम जनता को किस तरह की राहत मिलेगी।

क्या हैं ये 36 दवाइयाँ?

बजट 2025 में 36 दवाओं को ड्यूटी फ्री करने की घोषणा की गई है, और ये दवाएं मुख्य रूप से गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी हैं। इनमें कैंसर, हृदय रोग, किडनी रोग, हेमेटोलॉजिकल (रक्त सम्बंधी) समस्याएं, और मधुमेह (डायबिटीज) जैसी बीमारियों से संबंधित दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, एंटीबायोटिक्स और इम्यूनोथैरेपी दवाइयां भी इस सूची का हिस्सा होंगी।

इस कदम का उद्देश्य जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाना और चिकित्सा खर्च को घटाना है, जिससे मरीजों को अपनी जान की कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मिल सकें। अब मरीजों को इन दवाओं के लिए बाजार में उच्च कीमतों का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने इन पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया है।

क्यों किया गया यह कदम?

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की कीमतों में भारी अंतर है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जिन दवाओं की कीमतें बहुत अधिक होती हैं, वे आम जनता के लिए पहुंच से बाहर हो जाती हैं। उदाहरण के लिए, कैंसर की दवाएं कई बार लाखों रुपये तक पहुंच जाती हैं, जिससे इलाज करने में बड़ी मुश्किलें आती हैं। कई बार तो मरीजों के पास इलाज जारी रखने के लिए पैसों की कमी हो जाती है, जो जीवन और मृत्यु का फर्क बना सकती है।

सरकार ने इस समस्या को समझा और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों को कम करने के लिए ड्यूटी फ्री की योजना बनाई। इससे ना केवल इलाज की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि यह स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

कस्टम ड्यूटी से राहत का असर

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा मरीजों को इलाज के दौरान होने वाले खर्च में कमी के रूप में मिलेगा। अब मरीजों को महंगे दवाओं के लिए अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने उन पर कस्टम ड्यूटी को समाप्त कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, इन दवाओं की कीमतें कम हो सकती हैं और यह आम आदमी के बजट में फिट हो सकेंगी।

इसका एक अन्य असर दवा कंपनियों पर भी पड़ेगा। जिन कंपनियों को पहले इन दवाओं पर उच्च कस्टम ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता था, अब उन्हें कम शुल्क देना होगा, जिससे उनके उत्पादों की कीमतों में गिरावट आ सकती है। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और कंपनियां अपनी उत्पाद गुणवत्ता पर भी ध्यान दे सकेंगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार

इस कदम से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिल सकता है। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। खासतौर पर गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए यह राहत दी गई है, जो आमतौर पर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए महंगे होते हैं।

सरकार के इस फैसले से स्वास्थ्य प्रणाली की सुलभता बढ़ेगी और अधिक से अधिक लोग सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह फैसला स्वास्थ्य सेवाओं में समानता को बढ़ावा देगा और लोगों को संजीवनी का अहसास कराएगा।

गंभीर बीमारियों के इलाज में सहायता

गंभीर बीमारियों के इलाज में खर्च अधिक होने के कारण कई परिवारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर कैंसर, हृदय रोग, किडनी ट्रांसप्लांट, और मधुमेह जैसी बीमारियों के इलाज के लिए दवाएं अत्यधिक महंगी होती हैं। इस बजट में 36 दवाओं को ड्यूटी फ्री कर दिया गया है, जिससे इन बीमारियों के इलाज में आसानी होगी और मरीजों को राहत मिलेगी।

इसके अलावा, किडनी ट्रांसप्लांट और हृदय रोग जैसे उपचार के लिए जरूरी दवाओं की कीमतें बहुत अधिक होती हैं, जो अब कम हो सकती हैं। इससे मरीजों को इलाज जारी रखने में मदद मिलेगी और उन्हें जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलेगा।

ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लिए राहत

भारत के ग्रामीण इलाकों और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए भी यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। अक्सर, ग्रामीण क्षेत्रों में लोग उच्च चिकित्सा लागत की वजह से गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं करा पाते हैं। अब इन दवाओं की कीमतों में कमी के कारण, वे आसानी से इन दवाओं का उपयोग कर सकेंगे और अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकेंगे।

सरकार के इस कदम से स्वास्थ्य देखभाल को एक नया आयाम मिलेगा और लोगों के जीवन को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। यह फैसला न सिर्फ शहरों, बल्कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी राहत का कारण बनेगा।

क्या इस कदम से सरकार पर वित्तीय दबाव पड़ेगा?

यह सवाल उठ सकता है कि क्या सरकार पर इस फैसले से वित्तीय दबाव पड़ेगा। हालांकि, सरकार ने ड्यूटी फ्री किए गए उत्पादों के लिए अपनी वित्तीय योजना में यह बदलाव किया है, लेकिन सरकार का उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सुधार करना और आम लोगों को सस्ती चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है।

आशा की जाती है कि इस कदम से स्वास्थ्य खर्चों में कमी आएगी और लंबे समय में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में निवेश बढ़ेगा। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई दिशा मिल सकती है।

यह भी पढ़ें: बजट 2025: 12 लाख तक की आय पर टैक्स मुक्त, सरकार का बड़ा तोहफा

निष्कर्ष

बजट 2025 में 36 दवाओं को ड्यूटी फ्री करने का ऐलान गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। यह कदम न केवल दवाओं की कीमतों को कम करेगा, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। अब अधिक से अधिक लोग जीवन रक्षक दवाओं का उपयोग कर सकेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच पाएंगे। इससे भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हो सकती है, जो आम आदमी की सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद साबित होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments