डिजिटल इंडिया के दौर में जहां स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, वहीं साइबर फ्रॉड, फर्जी कॉल्स और मोबाइल चोरी जैसी समस्याएं भी तेजी से बढ़ी हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने संचार साथी ऐप और पोर्टल को लॉन्च किया था। अब DoT की ओर से जारी ताजा आंकड़े बताते हैं कि यह सरकारी प्लेटफॉर्म आम लोगों के लिए कितना प्रभावी और जरूरी साबित हो रहा है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, संचार साथी हर मिनट 6 मोबाइल फोन को ब्लॉक कर रहा है, वहीं हर 2 मिनट में 3 खोए हुए मोबाइल फोन ढूंढने में मदद कर रहा है। इतना ही नहीं, यह प्लेटफॉर्म हर मिनट कई फर्जी नंबरों और डिवाइस को भी ट्रेस कर रहा है, जिससे साइबर अपराधियों की कमर टूटती नजर आ रही है।
क्यों चर्चा में है संचार साथी ऐप?

बीते कुछ समय से संचार साथी ऐप लगातार चर्चा में रहा है। एक समय ऐसा भी आया जब सरकार ने इसे हर नए स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल करने का फैसला लिया था, हालांकि बाद में इसे ऑप्शनल कर दिया गया। बावजूद इसके, आज लाखों लोग स्वेच्छा से इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसका मुख्य कारण है—डिजिटल सुरक्षा, पारदर्शिता और यूजर कंट्रोल। संचार साथी सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो यूजर्स को उनके मोबाइल कनेक्शन, हैंडसेट और डिजिटल पहचान पर पूरा नियंत्रण देता है।
DoT के आंकड़े: हर मिनट हो रही बड़ी कार्रवाई
दूरसंचार विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार:
- ⏱️ हर मिनट 6 मोबाइल फोन ब्लॉक किए जा रहे हैं
- 🔍 हर मिनट 4 मोबाइल फोन ट्रेस किए जा रहे हैं
- 📱 हर 2 मिनट में 3 खोए हुए फोन रिकवर हो रहे हैं
ये आंकड़े साफ बताते हैं कि देशभर में मोबाइल फ्रॉड और चोरी के मामलों से निपटने में संचार साथी एक अहम भूमिका निभा रहा है।
फर्जी कॉल और मैसेज से राहत दिला रहा संचार साथी

आज लगभग हर मोबाइल यूजर को कभी न कभी
- फर्जी कॉल
- स्कैम मैसेज
- फर्जी वॉट्सऐप लिंक
- केवाईसी अपडेट के नाम पर ठगी
का सामना करना पड़ता है। संचार साथी ऐप इस समस्या का सीधा और आसान समाधान देता है।
कैसे करता है काम?
यूजर संचार साथी ऐप या इसकी वेबसाइट के जरिए:
- फर्जी कॉल नंबर
- संदिग्ध SMS
- WhatsApp पर आए स्कैम मैसेज
को रिपोर्ट कर सकता है।
रिपोर्ट मिलने के बाद DoT और संबंधित एजेंसियां उस नंबर और उससे जुड़े हैंडसेट की जांच करती हैं। अगर फ्रॉड की पुष्टि होती है, तो:
✅ नंबर ब्लॉक कर दिया जाता है
✅ इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन (IMEI) भी ब्लैकलिस्ट हो सकता है
इसी प्रक्रिया की वजह से हर मिनट कई फर्जी डिवाइस सिस्टम से बाहर हो रहे हैं।
खोया या चोरी हुआ फोन ढूंढने में वरदान

मोबाइल फोन खो जाना आज के समय में सिर्फ एक डिवाइस खोना नहीं, बल्कि:
- पर्सनल डेटा
- बैंकिंग ऐप्स
- सोशल मीडिया अकाउंट्स
- निजी फोटो और डॉक्यूमेंट्स
खतरे में पड़ जाना है। संचार साथी इस डर को काफी हद तक कम करता है।
खोया फोन कैसे ढूंढें?
अगर आपका फोन खो गया है, तो आप:
- संचार साथी ऐप या वेबसाइट पर जाएं
- अपने फोन की डिटेल्स और IMEI नंबर दर्ज करें
- IMEI ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट डालें
IMEI ब्लॉक होते ही:
- फोन किसी भी नेटवर्क पर काम नहीं करेगा
- एजेंसियों को फोन ट्रेस करने में मदद मिलेगी
इसी सिस्टम की वजह से हर 2 मिनट में 3 मोबाइल फोन अपने असली मालिकों तक वापस पहुंच रहे हैं।
आपके नाम पर कितने नंबर चल रहे हैं? अब मिनटों में जानें
बहुत से लोगों को यह तक पता नहीं होता कि उनके नाम पर कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं। कई बार फ्रॉड करने वाले लोग दूसरों के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर सिम जारी करवा लेते हैं।
संचार साथी प्लेटफॉर्म इस समस्या का भी समाधान देता है।
इस फीचर से क्या फायदा?
- आप जान सकते हैं कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं
- अगर कोई अनजान नंबर दिखता है, तो आप उसे:
- ब्लॉक कर सकते हैं
- रिपोर्ट कर सकते हैं
इससे न सिर्फ आपकी पहचान सुरक्षित रहती है, बल्कि भविष्य में होने वाले किसी भी कानूनी या वित्तीय झंझट से भी बचाव होता है।
असली और नकली मोबाइल की पहचान भी आसान
आज बाजार में नकली और क्लोन मोबाइल फोन की भरमार है। कई बार लोग अनजाने में ऐसे फोन खरीद लेते हैं, जो न सिर्फ खराब होते हैं बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
संचार साथी ऐप इस मामले में भी मदद करता है।
IMEI से कैसे पहचानें असली फोन?
- ऐप या वेबसाइट पर फोन का IMEI नंबर डालें
- सिस्टम बताएगा कि फोन:
- जेनुइन है या नहीं
- किसी अन्य नेटवर्क पर पहले से रजिस्टर है या नहीं
अगर फोन नकली या क्लोन पाया जाता है, तो यूजर को तुरंत अलर्ट मिल जाता है।
क्यों जरूरी है हर यूजर के लिए संचार साथी?
आज के समय में मोबाइल सिर्फ बातचीत का जरिया नहीं, बल्कि:
- डिजिटल वॉलेट
- पहचान पत्र
- बैंक
- ऑफिस
सब कुछ बन चुका है। ऐसे में मोबाइल से जुड़ी किसी भी तरह की गड़बड़ी बड़ा नुकसान कर सकती है।
संचार साथी:
✔ फ्रॉड से बचाता है
✔ खोए फोन को ढूंढने में मदद करता है
✔ फर्जी नंबरों पर लगाम लगाता है
✔ डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखता है
सरकार का बड़ा कदम, जनता को सीधा फायदा
डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए संचार साथी जैसे प्लेटफॉर्म की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। DoT का यह कदम साफ दिखाता है कि सरकार सिर्फ नियम बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आम लोगों को ताकतवर बना रही है।
निष्कर्ष
संचार साथी ऐप और पोर्टल आज भारत में डिजिटल सुरक्षा की रीढ़ बनता जा रहा है। हर मिनट ब्लॉक हो रहे मोबाइल, हर दो मिनट में मिलते खोए फोन और हजारों फर्जी नंबरों पर लगती रोक—ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा की कहानी हैं।
अगर आप अभी तक संचार साथी का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो यह वक्त है इसे अपनाने का। क्योंकि आज के डिजिटल युग में सुरक्षा ही सबसे बड़ी सुविधा है।
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