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शैलेश जेजूरेकर ने रचा इतिहास, बने P&G के CEO

आज P&G — दुनिया की अग्रणी उपभोक्ता उत्पाद कंपनी — ने एक ऐतिहासिक घोषणा की है: मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पद पर नियुक्त किया गया है शैलेश ग. जेजुरीकर को, जो भारतीय मूल से हैं। यह नियुक्ति 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। मौजूदा CEO जॉन मोलर अगले चरण में कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) के रूप में सक्रिय रहेंगे


🏛️ शैलेश का सफर: IIM लखनऊ से ग्लोबल पैनल तक


⛓️ रैंक से CRO तक – अनुभव की सीढ़ियाँ


🚀 क्या है नियुक्ति की रणनीति?

🔁 सुचारु नेतृत्व संक्रमण

Moeller चार वर्ष तक CEO रहे। अब विकास को निरंतरता देने के लिए उन्हें Executive Chairman बनाया गया। जेजुरीकर टीम और ब्रांड्स की गहराई से समझ रखते हैं, इसलिए बोर्ड ने उनकी नियुक्ति को मजबूत रणनीतिक कदम बताया

🌍 वैश्विक दृष्टिकोण

Indian-origin CEO के रूप में उनकी नियुक्ति ने भारतीय पेशेवरों की वैश्विक पहचान को बढ़ाया है। अब P&G के बोर्ड में भी उनकी उपस्थिति निश्चित की जाएगी (October 2025 में वार्षिक बैठक में)


⚙️ विशेष दक्षताएँ: ऑपरेशन, इनोवेशन, सततता


📊 P&G पर बढ़ती चुनौतियाँ


🧩 भारत में गौरव और वैश्विक नेतृत्व


🗣️ विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

P&G बोर्ड के Lead Director Joe Jimenez:

“हम Jon Moeller के रणनीतिक नेतृत्व को धन्यवाद करते हैं। Shailesh बिलकुल फिट हैं P&G के अगली सफलता की यात्रा में। उन्होंने कई बिजनेस काटेगरीज़ और क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दिया है” Moneycontrol+15Procter & Gamble+15BMI+15

Shailesh Jejurikar:

“CEO बनना मेरे लिए गर्व की बात है। हमारे कर्मचारी, ब्रांड्स और इनोवेशन की ताकत मुझे भविष्य के लिए आश्वस्त करती है” Dainik Bhaskar


🧠 नेतृत्व के पूर्वानुमान: क्या है अगला पाठ्यक्रम?

  1. स्थिर नेतृत्व — जेजुरीकर की मौजूदा जानकारी और अनुभव P&G को पुनरुद्धार कर सकते हैं
  2. सततता और टेक्नोलॉजी — ये अब केवल कॉर्पोरेट नीति नहीं बल्कि ग्राहक की उम्मीद बन चुकी है
  3. संचालन क्षमता — लागत नियंत्रण, सप्लाई चेन सुधार और वैश्विक प्रबंधन का कुशल ईजाफा
  4. ब्रांड निवेश एवं नवाचार — फैब्रिक & होम केयर विभाजन में अगली वृद्धि संभावनाएं

✔️ संक्षिप्त सारांश


🧭 संदेश नव‑नेतृत्व के लिए

शैलेश जेजुरीकर की नियुक्ति हमें याद दिलाती है कि स्थायी सफलता न सिर्फ नई रणनीति बल्कि प्रतिष्ठा, निरंतरता और विश्वास से भी बनती है। यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारतीय नेतृत्व वैश्विक कंपनियों में अपनी जगह बना रहा है, और भारतीय प्रतिभा अब जागरूक वैश्विक स्तर पर नेतृत्व कर सकती है।

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