भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए PAN (Permanent Account Number) 2.0 प्रोजेक्ट को कैबिनेट की मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट के तहत PAN प्रणाली को और अधिक प्रभावी, तकनीकी दृष्टि से उन्नत और सुरक्षित बनाया जाएगा। इसे लागू करने के लिए ₹1435 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
PAN 2.0’ का मुख्य उद्देश्य देशभर में पैन (Permanent Account Number) कार्ड के इस्तेमाल को बेहतर बनाना और इसे एक सशक्त डिजिटल प्रणाली से जोड़ना है। इस परियोजना के तहत, पैन कार्ड धारकों के लिए नई सुविधाओं को जोड़ने की योजना है, ताकि टैक्स प्रणाली अधिक पारदर्शी और कुशल बन सके।
इस पहल के तहत, टैक्स संग्रह प्रणाली में सुधार, वित्तीय लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाना और डिजिटल वित्तीय सेवा के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए एक नई तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। इसके माध्यम से, पैन कार्ड धारकों को बेहतर सेवा और जल्दी निपटान की सुविधा मिलेगी।
सरकार का मानना है कि इस पहल से देशभर में टैक्स कलेक्शन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सरल बनाया जाएगा, साथ ही डिजिटल भुगतान और वित्तीय प्रणाली में भी सुधार होगा। विशेष रूप से छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को इससे बड़ा लाभ होने की संभावना है।
इस योजना से जुड़ी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, इसे अगले कुछ महीनों में लागू करने की योजना है। टैक्स पेयर्स के लिए यह एक नई उम्मीद का संकेत हो सकता है, जहां उन्हें त्वरित और सुरक्षित सेवाओं का लाभ मिलेगा।
क्या है PAN 2.0 प्रोजेक्ट?
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत के कर प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल बनाना है। इसके तहत मौजूदा PAN प्रणाली को अपग्रेड किया जाएगा, जिससे डेटा संग्रहण, प्रोसेसिंग और कर भुगतान की प्रक्रिया को अधिक तेज और सटीक बनाया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट में विशेष रूप से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग बढ़ाया जाएगा।
बजट और वित्तीय पहलू
इस परियोजना के लिए ₹1,435 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो अगले कुछ वर्षों में PAN प्रणाली के विस्तार और उन्नयन में खर्च किया जाएगा। सरकार ने इस प्रोजेक्ट के जरिए करदाताओं की संख्या बढ़ाने, कर चोरी को रोकने और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
PAN 2.0 प्रोजेक्ट में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स, और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, ऑनलाइन कनेक्टिविटी और मोबाइल ऐप्स के जरिए PAN आवेदन प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और त्वरित बनाया जाएगा।
प्रभाव और लाभ
इस अपग्रेड के बाद, करदाताओं को PAN प्राप्त करने की प्रक्रिया अधिक सरल और तेज हो जाएगी। इसके साथ ही, सरकार के लिए कर संकलन और करदाताओं की निगरानी करना भी आसान होगा। डिजिटल भारत के दृष्टिकोण से, यह प्रोजेक्ट भारतीय नागरिकों के लिए वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ बनाएगा।
सरकार का बयान
वित्त मंत्री ने कहा, “PAN 2.0 प्रोजेक्ट भारत की डिजिटल वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल करदाताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा प्रदान करेगा।”
क्या होगा इस परियोजना का असर?
‘PAN 2.0’ के लागू होने से, जहां एक ओर देश के वित्तीय सिस्टम की पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर, यह योजना डिजिटल ट्रांजेक्शन्स को प्रोत्साहित करने में भी मददगार साबित होगी। खासकर उन लोगों के लिए यह सहायक होगा जिनके पास अभी तक पैन कार्ड नहीं है या जिनका पैन अपडेटेड नहीं है।
समाप्ति
PAN 2.0 प्रोजेक्ट की मंजूरी से भारत की कर प्रणाली को एक नई मजबूती मिलेगी, और यह आर्थिक विकास को गति देने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर, भारतीय वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान देखने को मिलेगा।