भारतीय समाज में दहेज-प्रथा एक ऐसी विद्रूपता है जिसे दशकों से समाप्त नहीं किया जा सका। बावजूद सरकारी कानूनों के, यह कुरीति अभी भी कई परिवारों को आर्थिक, मानसिक और सामाजिक दर्द दे रही है। और इसी बुराई की खिलाफत करते हुए, संत रामपाल जी महाराज ने एक नई पहल शुरू की — लोग 17 मिनट में दहेज-मुक्त विवाह करें, बिना दिखावे और खर्च के। इसे रमैनी विवाह (Ramaini) कहा जाता है, जो समाज में एक सुखद और सशक्त संदेश बन चुका है ।

🔹 रमैनी विवाह की विधि (Marriage in 17 Minutes रिलिजन विधि)
- यह विवाह विधि कभी भी बैंड-बाजा, डीजे, बारात, भोज या महंगे मंडपों की आवश्यकता नहीं मानती। न ही रंग-रंगोली, हल्दी-महँदी या गाना-बजाना।
- शादी के 17 मिनट में “गुरुवाणी” कहते हुए, जिसे रमैणी (Ramaini) कहते हैं, वर और वधु सात जन्मों के बंधन में बंधने की शपथ लेते हैं। इसमें पति-पत्नी बनने के वचन, नैतिक प्रतिज्ञाएँ, और विश्व की 33 करोड़ देवी-देवताओं तथा पूर्ण परमात्मा कविर्देव जी की स्तुति शामिल होती है ।
- यह विधि वेदों की उस पारंपरिक शैली पर आधारित है, जैसा कि प्राचीन काल में आदिशक्ति ने अपने पुत्र ब्रह्मा, विष्णु और महेश का विवाह किया था ।
🌍 भारत में दहेज-प्रथा पर समाज सुधार: दहेज मुक्त भारत अभियान
🔹 मिशन की शुरुआत और उद्देश्य
संत रामपाल जी ने दहेज, भ्रष्टाचार, नशा और अन्य सामाजिक बुराइयों को धर्म के बल पर समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, समाज सुधार हेतु सिर्फ कानून नहीं, बल्कि गहन तत्वज्ञान की आवश्यकता है। यही तत्वज्ञान उनके अनुयायियों को अपनी कुरीतियों को त्यागने की प्रेरणा देता है ।
🔹 मिशन का प्रभाव और सामाजिक स्वीकार्यता
- मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में इस विधि से सैकड़ों विवाह सम्पन्न किए गए हैं—जिनमें झालावाड़, बांसवाड़ा, रतलाम जैसे जिले शामिल हैं। इन विवाहों में दहेज, मंडप, रस्म-रिवाज और खर्च से बचते हुए, केवल गुरुवाणी के माध्यम से विवाह कराए जाते हैं ।
- SA News चैनल की रिपोर्ट यह बताती है कि पिछले 25 वर्षों से संत रामपाल जी के आश्रमों में यह परम्परा सतत चल रही है, और अब यह सामाजिक आंदोलन का रूप धारण कर रही है ।
- सोशल मीडिया और Reddit जैसे प्लेटफॉर्म पर भी #Marriage_In_17_Minutes कई लाख लोगों को प्रभावित कर चुका है, जहाँ लोग इसे “दहेज प्रथा की रोक” और “India Dowry Free” अभियान के रूप में देख रहे हैं ।
🧩 रमैनी विवाह की प्रक्रिया: एक विश्लेषण
1. साधना व गुरुवाणी
इस विवाह में 700+ पंडालों, दिखावे या समर्थन की जरूरत नहीं, बस 17 मिनट में गुरुवाणी द्वारा वाणी (Ramaini) उच्चारित होती है। इसमें वर-वधु व प्रण लें कि वे आपस में प्रेम, ईमानदारी और नैतिकता का पालन करेंगे ।
2. दहेज से व्यापक मुक्ति
इस विधि में दहेज लेने का सवाल ही नहीं उठता—यह सामाजिक बुराई को हटाने का ज़िम्मेदार कार्य है। इससे बेटियों की मानसिक स्थिति और आत्मसम्मान दोनों मजबूत होते हैं ।
3. आडंबर-रहित सामाजिक संरचना
इस विवाह प्रणाली में खर्च, भोज, मंडप आदि जैसे दिखावे कुल मिलाकर अनुपस्थित होते हैं। विवाह को एक पवित्र और सरल रिश्ता माना जाता है, न कि आयोजन का प्रतीक ।
📈 सामाजिक परिणाम & सुगमता

🔹 आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक लाभ
- कम खर्च: पारंपरिक शादियों के खर्च को बचाकर परिवार की प्राथमिकताओं को बेहतर दिशा दी जा सकती है।
- हर वर्ग में स्वीकार्यता: जाति, धन, मंडप, रस्मों से अलग यह तरीका समभाव का सन्देश देता है (हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान में लागू हुआ) ।
- बेटियों की गरिमा: समाज में बेटियाँ अब ‘बोझ’ नहीं, समान और सम्मान आत्माएँ हैं—जिससे आत्मसम्मान और स्वतंत्रता में वृद्धि होती है ।
🔹 वैश्विक स्तर पर प्रभाव
- सोशल मीडिया पर #Marriage_In_17_Minutes ने एक ट्रेंड बना दिया—जहाँ लोग इस पहल को भारत में दहेज प्रथा को जड़ से हटाने का मार्ग मान रहे हैं ।
👁️ सामाजिक प्रतिक्रिया और आलोचना
✔️ समर्थन
- हजारों जोड़े अब सुखपूर्वक वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं—क्योंकि यह तकनीक उन्हें आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भरता और सम्मान से जोड़ती है ।
- Reddit जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर अनुयायी इसे शुद्ध समाज-सुधार का आधार बताते हैं; “दहेज प्रणाली समाज के लिए अभिशाप है, आपके तत्वज्ञान ने इसे समाप्त किया” जैसा विश्वास जताते हैं ।
⚠️ आलोचना
- कुछ विश्लेषक कहते हैं कि विधि में कानूनी वैधता और प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं, क्योंकि “फेरे” या प्रमाणित पंजीकरण का प्रावधान स्पष्ट नहीं—पर संत रामपाल जी समर्थकों के अनुसार, विधि धार्मिक और समाज-उन्मुख है, ना कि परंपरागत कानूनी लाइसेंस प्रणाली पर आधारित ।
🧭 निष्कर्ष: 17‑मिनट विवाह — समाज के लिए क्रांति
संत रामपाल जी महाराज का यह मिशन केवल विवाह की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है—जो दहेज प्रथा, दिखावे और आर्थिक उतार-चढ़ाव को त्यागने की प्रेरणा देता है। यह मिशन स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि भारतभर (और सोशल मीडिया के माध्यम से वैश्विक रूप से) फैल चुका है।
😊 सफलता की कुंजी:
- 17 मिनट में विवाह: सरल, बिना खर्च, बिना दिखावा।
- दहेज-मुक्तता: सामाजिक बुराई को त्यागने की पहल।
- समभाव: जात-पांत, आर्थिक स्थिति से ऊपर उठकर प्रेम व नैतिकता का संदेश।
- प्रेरणा स्रोत: संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान, गुरु-दीक्षा एवं सत्संग।
📋 सारांश तालिका
विशेषता | विवरण |
---|---|
विधि | 17 मिनट की Ramaini गुरुवाणी विधि |
दिवस स्थापन | मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि में |
दहेज | पूर्णतः निषिद्ध — ना लिया, ना दिया |
आयोजन शैली | बिना संगीत, मंडप, भोज, रस्मों के |
लक्ष्य | आर्थिक बोझ कम, बेटी को सम्मान, समाज में समानता |
समाजिक प्रभाव | बेटियों की गरिमा वृद्धि, परिवारों में खर्च कटौती |
मीडिया ट्रेंड | #Marriage_In_17_Minutes सोशल मीडिया पर ट्रेंड |
समर्पित तत्वज्ञान | संत रामपाल जी महाराज की गुरुवाणी एवं सत्संग |
🚩 अंत में: एक नज़ीर, एक धारा
यह रमैनी विवाह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संत रामपाल जी महाराज का सन्देश है—समाज में समानता, आत्मनिर्भरता, और नैतिक विवाह की स्थापना करना। 17 मिनट की यह विधि यह दर्शाती है कि विवाह को पवित्रता, प्रेम और सम्मान से जोड़ा जा सकता है—ना कि पैसे, प्रथाओं और दिखावे से।
यदि आप चाहें तो मैं आपके लिए एक छोटा डॉक्यूमेंट बना सकती हूँ यह बताते हुए कि रमैनी विधि कैसे आयोजित होती है, इसमें क्या‑क्या प्रक्रिया होती है, और इस मिशन में आप किस प्रकार सहभागी बन सकते हैं। कृपया बताएं—मैं मदद के लिए हमेशा तैयार हूँ।
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