आज़ादी का अमृत जारी है
हर वर्ष जब 15 अगस्त आता है, तो पूरा देश तिरंगे की छांव में देशभक्ति की भावनाओं से ओतप्रोत हो उठता है। वर्ष 2025 में जब भारत अपनी आज़ादी का एक और साल पूरा कर रहा है, तब एक सवाल अक्सर चर्चा में रहता है – क्या हम 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं या 79वां? इस लेख में हम न सिर्फ इस बहस का जवाब देंगे, बल्कि भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास, महत्व और वर्तमान समारोहों की झलक भी साझा करेंगे।
🔶 भारत की आज़ादी: एक संघर्ष, एक आंदोलन

📜 150 साल की गुलामी
भारत पर अंग्रेजों का शासन 1619 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना से शुरू हुआ, जब उन्होंने सूरत में अपना पहला व्यापारिक केंद्र बनाया। 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने धीरे-धीरे भारत की सत्ता पर नियंत्रण पाना शुरू किया और 1858 में जब कंपनी का शासन समाप्त हुआ, तब भारत सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया।
🪔 स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी
स्वतंत्रता की लड़ाई में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे अनगिनत वीरों ने भाग लिया। 1942 का ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement), महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ, जिसने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी।
📆 15 अगस्त 1947: वो ऐतिहासिक दिन
15 अगस्त 1947 को भारत औपचारिक रूप से ब्रिटिश शासन से मुक्त हुआ। इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराया और ‘Tryst with Destiny’ नामक प्रसिद्ध भाषण दिया, जिसने नए भारत की नींव रखी।
🔶 आज़ादी का महत्व: सिर्फ एक तारीख नहीं, एक भावना
स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, यह त्याग, बलिदान और एकता की भावना का प्रतीक है। यह दिन हर नागरिक को याद दिलाता है कि आज़ादी हमें मुफ्त में नहीं मिली, इसके पीछे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी है।
यह दिन न सिर्फ अतीत की याद दिलाता है, बल्कि यह हमें वर्तमान और भविष्य के लिए प्रेरित भी करता है — ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ आगे बढ़ते भारत की तस्वीर पेश करता है।
🔶 स्वतंत्रता दिवस समारोह: देशभक्ति की रंगीन छाया

🏛️ लाल किला और प्रधानमंत्री का भाषण
हर साल 15 अगस्त की सुबह, देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद देशवासियों को संबोधित करते हैं और सरकार की उपलब्धियां, योजनाएं और आगामी विज़न साझा करते हैं।
🎉 सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियां
देशभर के स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में झंडारोहण, देशभक्ति गीत, नाट्य प्रस्तुतियाँ, और झांकियां आयोजित की जाती हैं। यह कार्यक्रम भारत की विविधता और समरसता को दर्शाते हैं।
🌉 स्मारकों की रौशनी
दिल्ली का इंडिया गेट, गेटवे ऑफ इंडिया, हावड़ा ब्रिज, और अन्य राष्ट्रीय स्मारकों को तिरंगे के रंगों में रोशन किया जाता है।
👨👩👧👦 आम जन का उत्सव
लोग अपने घरों, वाहनों और दुकानों पर झंडा लगाते हैं, पतंगबाज़ी करते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं। डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर भी #HappyIndependenceDay ट्रेंड करता है।
🔶 78वीं या 79वीं वर्षगांठ? गणना का रहस्य

अब आते हैं उस बहस पर जो हर साल कुछ लोगों को उलझा देती है — भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है या 79वां?
📌 15 अगस्त 1947 = पहला स्वतंत्रता दिवस?
नहीं। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, लेकिन उस दिन कोई “वर्षगांठ” नहीं थी। उस दिन की गिनती “पहले साल” के रूप में होती है।
इसलिए:
- 15 अगस्त 1947: आज़ादी का पहला दिन
- 15 अगस्त 1948: पहली वर्षगांठ यानी पहला स्वतंत्रता दिवस
- 15 अगस्त 2025: 78वीं वर्षगांठ, यानी भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस
📌 78 साल हुए या 79?
यदि आप सालों की गणना करें, तो 15 अगस्त 1947 से 15 अगस्त 2025 तक 79वां साल होगा — यानी भारत आज़ादी के 79वें वर्ष में प्रवेश करेगा। लेकिन वर्षगांठ के हिसाब से यह 78वीं वर्षगांठ होगी।
👉 निष्कर्ष:
भारत 15 अगस्त 2025 को 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, जबकि यह आज़ादी के 79वें वर्ष की शुरुआत है।
🔶 आज के भारत की तस्वीर: क्या हमने वाकई आज़ादी का मोल समझा?
स्वतंत्रता दिवस सिर्फ इतिहास याद करने का दिन नहीं है, बल्कि यह सोचने का भी दिन है कि हमने उस स्वतंत्रता का क्या किया? क्या हम:
- भ्रष्टाचार मुक्त भारत की ओर बढ़े हैं?
- समानता और भाईचारे की भावना को अपनाया है?
- शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में हर भारतीय को भागीदार बनाया है?
यह सवाल हर भारतीय को खुद से पूछना चाहिए। क्योंकि स्वतंत्रता सिर्फ अधिकार नहीं, जिम्मेदारी भी है।
🔶 युवाओं की भूमिका: अगला भारत कैसा होगा?
आज के युवा भारत की नई तस्वीर गढ़ रहे हैं — स्टार्टअप्स, टेक्नोलॉजी, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल इंडिया, और रक्षा बलों में सेवा के ज़रिये।
स्वतंत्रता दिवस पर युवाओं को न सिर्फ अतीत को समझना चाहिए, बल्कि अपने वर्तमान को राष्ट्र निर्माण में समर्पित करना चाहिए।
🔶 भविष्य की ओर एक कदम
2025 में जब हम ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में बढ़ रहे हैं, तो हमें अपने मूल्यों, संस्कृति और आत्मनिर्भरता पर गर्व करना चाहिए। यही स्वतंत्रता की सच्ची भावना है।
📌 निष्कर्ष
स्वतंत्रता दिवस 2025 केवल एक तिथि नहीं है, यह एक ऐसा दिन है जब पूरा देश मिलकर उन महान बलिदानों को याद करता है जिनके कारण हम आज़ाद हैं।
तो चाहे आप इसे 78वां स्वतंत्रता दिवस कहें या आज़ादी का 79वां साल, असल बात यह है कि भारत हर दिन एक नई आज़ादी की ओर बढ़ रहा है — आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक।
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