भारत में हर साल अक्टूबर-नवंबर के बीच मनाया जाने वाला दिवाली या दीपावली एक ऐसा पर्व है जो अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार सिर्फ धार्मिक उत्सव ही नहीं है बल्कि यह परिवार, मित्र और समाज को जोड़ने का भी एक प्रमुख माध्यम है।
इस साल दिवाली 2025 मंगलवार, 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह पर्व मुख्यतः पांच दिनों तक चलता है, जिनमें हर दिन का अपना महत्व और पूजा-विधि होती है।
दिवाली 2025 का पांच दिवसीय क्रम

- धनतेरस (18 अक्टूबर 2025)
दिवाली का पहला दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन धन, सोना, चांदी और धातु के बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन करना स्वास्थ्य और समृद्धि लाता है। - छोटी दिवाली (19 अक्टूबर 2025)
इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। घरों की साफ-सफाई और सजावट इस दिन से शुरू होती है। लोग अपने घरों को रंगोली और दीपक से सजाते हैं। - बड़ी दिवाली / लक्ष्मी पूजा (20 अक्टूबर 2025)
दिवाली का मुख्य दिन। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। घरों में दीपक जलाए जाते हैं और मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं। - गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर 2025)
उत्तर भारत के कई हिस्सों में यह पर्व गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा को याद किया जाता है। - भाई दूज (23 अक्टूबर 2025)
भाई दूज पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं।
दिवाली 2025 का शुभ मुहूर्त

इस साल लक्ष्मी पूजा और दीपावली का मुख्य मुहूर्त इस प्रकार है:
- पूजन मुहूर्त: 17:45 बजे से 20:15 बजे तक
- स्नान मुहूर्त: 16:00 बजे से 17:00 बजे तक
- दीप जलाने का शुभ समय: शाम 18:00 बजे से रात 20:30 बजे तक
इस मुहूर्त में किए गए पूजा-अर्चना और दीपक जलाने को बेहद शुभ और लाभकारी माना जाता है।
दिवाली का महत्व
- धार्मिक महत्व
दिवाली भगवान राम के अयोध्या वापसी और रावण पर विजय का प्रतीक है। दक्षिण भारत में यह पर्व भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। - आर्थिक महत्व
दिवाली का दिन व्यापारियों और आम लोगों के लिए नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। इस दिन खरीदारी करना और निवेश करना शुभ माना जाता है। - सामाजिक महत्व
यह त्योहार परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मेलजोल बढ़ाने का अवसर देता है। लोग मिठाइयाँ बाँटते हैं, उपहार देते हैं और एक-दूसरे के घर जाकर शुभकामनाएँ देते हैं। - सांस्कृतिक महत्व
दिवाली दीपकों, रंगोली और मिठाइयों से सजे घरों और बाजारों के साथ एक सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को पारंपरिक रीति-रिवाजों से जोड़ता है।
दिवाली 2025 की तैयारियाँ
- घरों की सफाई और सजावट
- रंगोली और दीपक की व्यवस्था
- पूजा सामग्री जैसे गणेश-लक्ष्मी मूर्ति, अगरबत्ती, फूल, मिठाइयाँ आदि की खरीद
- भाई-बहन के लिए उपहार और वस्त्रों की तैयारी
दिवाली 2025 पर ध्यान रखने योग्य बातें
- दिवाली के समय सुरक्षित आतिशबाजी करें और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहें।
- दीपक और मोमबत्तियों को जिंदा आग से दूर रखें।
- पूजा में मनोभाव और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण हैं, महँगी वस्तुएँ नहीं।
- ऑनलाइन शॉपिंग करते समय प्रतिष्ठित और भरोसेमंद विक्रेताओं से ही खरीदारी करें।
निष्कर्ष
दिवाली 2025 सिर्फ रोशनी का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन घर और मन दोनों को उज्जवल बनाना, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश से आशीर्वाद लेना और खुशियाँ बांटना सबसे महत्वपूर्ण है।
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इस दिवाली, अपने घर को सजाएँ, दीपक जलाएँ और सकारात्मक ऊर्जा के साथ नए साल की शुरुआत करें।