नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं को गति देना और केंद्र सरकार से सहयोग बढ़ाना था। दोनों नेताओं के बीच आर्थिक सहायता, अधूरी योजनाएं, और नई परियोजनाओं को लेकर गहन चर्चा हुई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात में राज्य की विकास परियोजनाओं पर चर्चा की। बैठक में विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, सिंचाई योजनाओं, औद्योगिक विकास और केंद्र से मिलने वाले अनुदान पर बात हुई।
मुख्य एजेंडे:
- विशाखापट्टनम को राजधानी बनाने का प्रस्ताव:
मुख्यमंत्री ने केंद्र से विशाखापट्टनम को नई राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए सहयोग मांगा। - सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार:
आंध्र प्रदेश के सूखा प्रभावित इलाकों में पोलावरम सिंचाई परियोजना को प्राथमिकता देने की बात हुई। - विशेष राज्य का दर्जा:
मुख्यमंत्री ने एक बार फिर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई। - औद्योगिक हब:
राज्य को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र की मदद मांगी।
बैठक के मुख्य बिंदु:
1. पोलावरम परियोजना का जिक्र:
- जगन मोहन रेड्डी ने पोलावरम बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की।
- यह परियोजना राज्य की जल आपूर्ति और सिंचाई के लिए बेहद अहम है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ और भू-क्षरण के कारण परियोजना में देरी हो रही है।
2. विशेष राज्य का दर्जा:
- आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई।
- मुख्यमंत्री का तर्क है कि 2014 में तेलंगाना से अलग होने के बाद राज्य की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई है।
3. औद्योगिक हब बनाने पर जोर:
- रेड्डी ने प्रधानमंत्री से विशाखापत्तनम और अमरावती को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने में सहयोग मांगा।
- उन्होंने कहा कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार का समर्थन जरूरी है।
4. केंद्र-राज्य सहयोग:
- बैठक में केंद्र और राज्य के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई।
- मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और नई मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का मुद्दा उठाया।
क्या बोले प्रधानमंत्री?
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने आंध्र प्रदेश के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार पोलावरम और अन्य प्रमुख परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता देगी।
आंध्र के विकास में चुनौतियां
- वित्तीय घाटा: राज्य के बजट पर बढ़ता दबाव।
- परियोजनाओं में देरी: भूमि अधिग्रहण और अन्य प्रशासनिक अड़चनें।
- प्राकृतिक आपदाएं: बाढ़ और चक्रवात जैसी समस्याएं।
आगे की राह
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय बेहतर होने से विकास परियोजनाओं को गति मिल सकती है।
- विशेष राज्य के दर्जे पर अंतिम निर्णय से राज्य को वित्तीय सहायता में बड़ा लाभ मिलेगा।
- औद्योगिक निवेश से राज्य के रोजगार और आर्थिक स्थिति में सुधार संभव है।
विशाखापट्टनम और पोलावरम पर चर्चा
विशाखापट्टनम को विकसित करने का प्रस्ताव
विशाखापट्टनम को एक मल्टी-फंक्शनल स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना पर केंद्र से चर्चा की गई। यह शहर आंध्र प्रदेश का औद्योगिक और आर्थिक केंद्र बनने की क्षमता रखता है।
पोलावरम परियोजना में तेजी
इस बहु-प्रतीक्षित सिंचाई परियोजना के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र से अतिरिक्त फंडिंग और कार्य में तेजी लाने की मांग की। यह परियोजना राज्य के कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए अहम मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य की विकास योजनाओं को पूरा करने में मदद करेगी।
राजनीतिक पहलू
चुनाव से पहले बड़ा संदेश?
राज्य में आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मुख्यमंत्री की यह पहल राज्य के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने और केंद्र से बेहतर सहयोग सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विशेष राज्य दर्जे की मांग फिर से प्रमुखता में
विशेष राज्य का दर्जा आंध्र प्रदेश के लिए एक राजनीतिक मुद्दा रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस पर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।
जनता की उम्मीदें
आंध्र प्रदेश की जनता को इस बैठक से कई उम्मीदें हैं। विशेष रूप से, पोलावरम परियोजना और विशाखापट्टनम को राजधानी के रूप में विकसित करने जैसे प्रस्तावों को लेकर लोग उत्साहित हैं।
निष्कर्ष
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से यह मुलाकात राज्य और केंद्र के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। राज्य की विकास योजनाओं को केंद्र की मदद से और भी तेज़ी से लागू करने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि इस बैठक का जमीनी स्तर पर कितना प्रभाव पड़ता है और आंध्र प्रदेश की जनता को क्या बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं।