आंध्र प्रदेश के बाढ़ प्रभावित शहर में सेना एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। करीब 100 मीटर चौड़ी दरार को पाटने के लिए सेना दिन-रात मेहनत कर रही है ताकि बाढ़ से और अधिक नुकसान को रोका जा सके। यह दरार लगातार बढ़ते जलस्तर और बारिश के कारण नदी के किनारे पर हुई, जिससे आसपास के इलाके में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
तेज कार्रवाई और राहत कार्य
जैसे ही यह दरार बनी, सेना के इंजीनियरों की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। बड़ी-बड़ी मशीनों की मदद से मिट्टी और पत्थरों को दरार में डाला जा रहा है ताकि बाढ़ के पानी को शहर में घुसने से रोका जा सके।
सेना का तेजी से राहत कार्य: बांध में आई इस गंभीर दरार को रोकने के लिए भारी मशीनरी और सैकड़ों सैनिक रात-दिन जुटे हुए हैं। सेना के जवानों ने रेत की बोरियां, स्टील के ढांचे और अन्य सामग्री का उपयोग करके दरार को पाटने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
स्थानीय निवासियों को बचाया: बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सैकड़ों निवासियों को सेना ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अलावा, प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति गंभीर: हालांकि सेना पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन और सेना के बीच तालमेल बिठाते हुए, बाढ़ के पानी को अन्य दिशाओं में मोड़ने की भी योजना बनाई जा रही है ताकि दरार के फैलने से बचा जा सके।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया: बचाए गए लोगों ने सेना की तत्परता और बहादुरी की सराहना की है। “अगर सेना समय पर न आती, तो हालात और खराब हो सकते थे,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
स्थानीय निवासियों का सहयोग
सेना के इस राहत कार्य में स्थानीय लोग भी सहयोग दे रहे हैं। आसपास के क्षेत्रों से लोग भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामान लेकर सेना के जवानों की मदद कर रहे हैं।
बाढ़ से प्रभावित स्थिति
इस दरार के कारण कई निचले इलाके पहले ही पानी में डूब चुके हैं। हालांकि, सेना की तेजी से हो रही कार्रवाई से उम्मीद है कि बाढ़ के फैलाव को जल्द ही काबू में किया जाएगा।
सेना के इस कठिन प्रयास और स्थानीय लोगों के समर्थन से जल्द ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है।