दिवाली नजदीक है — रोशनी, मिठास और खुशियों का त्योहार। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि दिवाली का सबसे अहम हिस्सा केवल दीये या सजावट नहीं, बल्कि साफ-सफाई होती है?
वास्तु शास्त्र कहता है — “जहां स्वच्छता है, वहीं लक्ष्मी वास करती हैं।” यानी मां लक्ष्मी उसी घर में प्रवेश करती हैं जो नकारात्मकता और अव्यवस्था से मुक्त हो। इसलिए दिवाली से पहले घर की सफाई सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन और समृद्धि के लिए जरूरी कर्म मानी जाती है।
इस साल दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। उससे पहले वास्तु शास्त्र के अनुसार इन 7 चीजों को अगर आपने घर से बाहर नहीं निकाला, तो संभव है कि लक्ष्मीजी आपके दरवाजे से लौट जाएं।
आइए जानते हैं कि दिवाली की सफाई में किन चीजों को घर से निकालना शुभ माना गया है और क्यों —

🪔 1. टूटे हुए बर्तन, ग्लास और शोपीस – दरिद्रता का प्रतीक
वास्तु शास्त्र के अनुसार, टूटे-फूटे बर्तन, दरार वाले गिलास या फटे हुए शोपीस घर की ऊर्जा को अवरुद्ध कर देते हैं।
ये चीजें “दरिद्रता” यानी आर्थिक कष्ट का प्रतीक होती हैं।
इनके घर में रहने से धन का प्रवाह रुक जाता है और घर में अनावश्यक खर्च बढ़ने लगता है।
👉 क्या करें:
दिवाली की सफाई के दौरान ऐसे सभी टूटे बर्तन, गिलास या शोपीस को घर से बाहर निकाल दें। अगर वे भावनात्मक कारणों से बहुत प्रिय हैं, तो उन्हें ठीक करवाकर फिर से उपयोग करें — अन्यथा तुरंत त्याग दें।
🛏️ 2. टूटा हुआ पलंग – वैवाहिक जीवन में तनाव का कारण
कई घरों में टूटा हुआ पलंग या डगमगाती चारपाई पड़ी रहती है। वास्तु के अनुसार, यह वस्तु वैवाहिक संबंधों में अस्थिरता और मानसिक अशांति का कारण बनती है।
ऐसे पलंग पर सोने से पति-पत्नी के बीच मतभेद बढ़ सकते हैं और परिवारिक सुख में कमी आती है।
👉 क्या करें:
दिवाली की सफाई के दौरान ऐसे पलंगों को या तो ठीक करवाएं या त्याग दें। नया पलंग लेने से घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और पारिवारिक जीवन में स्थिरता आती है।
⏰ 3. खराब घड़ी – रुकती हुई प्रगति का संकेत
घड़ी केवल समय बताने वाली वस्तु नहीं होती — यह आपके जीवन की गति का प्रतीक होती है।
अगर घर में कोई घड़ी बंद पड़ी है या टूटी हुई है, तो यह आपके जीवन की प्रगति को भी रोक सकती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, खराब घड़ी घर में दुर्भाग्य और बाधाओं को आकर्षित करती है।
👉 क्या करें:
घड़ी अगर ठीक हो सकती है तो मरम्मत करवा लें, अन्यथा उसे घर से निकाल दें।
दिवाली से पहले हर कमरे की घड़ी सही समय पर चल रही है या नहीं, यह जरूर जांच लें।
🧸 4. खराब खिलौने, टूटे डिब्बे और बेकार सजावटी सामान
हम अक्सर पुरानी या टूटी हुई चीजें “कभी काम आ सकती हैं” सोचकर संभालकर रखते हैं। लेकिन वास्तु कहता है कि ऐसी वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा का घर बन जाती हैं।
टूटे खिलौने, फटे कुशन, या पुराने सजावटी सामान से घर की ऊर्जा रुक जाती है।
👉 क्या करें:
दिवाली से पहले इन चीजों को दान कर दें या फेंक दें।
घर में केवल वे ही चीजें रखें जो उपयोगी, सुंदर और सकारात्मक ऊर्जा से भरी हों।
👞 5. फटे-पुराने जूते-चप्पल – आर्थिक तंगी का कारण
अक्सर लोग दरवाजे के पास पुराने जूते जमा करते रहते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार, फटे-पुराने जूते-चप्पल अभाव और दुर्भाग्य का संकेत हैं।
इनसे घर में आर्थिक परेशानियां और धन हानि होती है।
👉 क्या करें:
पुराने जूते-चप्पलों को या तो दान करें (यदि उपयोग योग्य हों) या घर से बाहर फेंक दें।
दिवाली से पहले नया फुटवियर खरीदना शुभ माना जाता है।
🧹 6. पुरानी झाड़ू – धन के नुकसान का संकेत
झाड़ू वास्तु शास्त्र में लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है।
इसलिए जब झाड़ू पुरानी या टूटी हो जाती है, तो यह आर्थिक रुकावट और कर्ज़ की स्थिति को जन्म देती है।
पुरानी झाड़ू घर में रखना अशुभ होता है।
👉 क्या करें:
दिवाली की सफाई के दिन या धनतेरस के दिन पुरानी झाड़ू को घर से बाहर निकालें और नई झाड़ू लाएं।
ध्यान रखें — झाड़ू को हमेशा खड़ी न रखें, उसे जमीन पर सीधा रखना शुभ माना जाता है।
📰 7. पुराने अखबार, रद्दी और बेकार कागज – अव्यवस्था का प्रतीक
वास्तु शास्त्र कहता है कि जहां अव्यवस्था है, वहां लक्ष्मी ठहर नहीं सकती।
पुराने अखबार, मैगज़ीन, टूटे डिब्बे, प्लास्टिक के कंटेनर, या बेकार पेपर — ये सभी घर की ऊर्जा को गंदा करते हैं।
रद्दी चीजें अवरोध और रुकावट का संकेत हैं।
👉 क्या करें:
घर के हर कोने से पुराने अखबार और कागज निकालें।
इनको रीसायकल के लिए दे दें या फेंक दें।
इसके साथ ही अलमारी और किचन की पुरानी पैकिंग्स को भी हटा दें।
🌼 दिवाली की सफाई से जुड़े कुछ शुभ वास्तु उपाय:
- सफाई की शुरुआत उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) से करें — इसे घर की सबसे पवित्र दिशा माना जाता है।
- घर में गंगा जल या कपूर के धुएं से ऊर्जा शुद्धिकरण करें।
- सफाई के बाद घर में कुमकुम और हल्दी से स्वस्तिक बनाएं।
- मुख्य द्वार पर तोरण और दीपक जलाना मां लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक है।
- सफाई के दौरान ओम महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
💰 क्यों जरूरी है दिवाली की सफाई वास्तु के अनुसार?
वास्तु शास्त्र के अनुसार हर वस्तु में एक ऊर्जा होती है — चाहे वह नई हो या पुरानी।
पुरानी, टूटी या बेकार वस्तुएं “स्थिर ऊर्जा” बनाती हैं, जिससे घर में रुकावटें, अशांति और आर्थिक कमी उत्पन्न होती है।
जब आप इन वस्तुओं को हटा देते हैं, तो घर में नई ऊर्जा का प्रवाह शुरू होता है — और यहीं से मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
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🕯️ दिवाली सफाई के बाद क्या करें?
- घर के हर कमरे में दीपक जलाएं और कोनों में रोशनी करें।
- धूप और कपूर से घर का शुद्धिकरण करें।
- चांदी का सिक्का या श्रीयंत्र पूजाघर में रखें।
- सफाई के बाद घर में सुगंधित फूलों या अगरबत्ती से माहौल को सकारात्मक बनाएं।
🌟 निष्कर्ष:
दिवाली की सफाई केवल त्योहार की तैयारी नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक है।
जब आप अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को साफ करते हैं, तो उसी के साथ मन की थकान और अवसाद भी मिट जाता है।
वास्तु शास्त्र हमें यह सिखाता है कि स्वच्छता केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी जरूरी है।
इस दिवाली, अपने घर से नकारात्मकता को बाहर निकालें — ताकि मां लक्ष्मी का आगमन आपके द्वार पर हो और आपकी जिंदगी में प्रकाश, समृद्धि और आनंद भर जाए।