वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हाल ही में निधन हुआ, जिससे दुनिया भर में शोक की लहर दौड़ गई है। अपने लंबे राजनीतिक करियर में राष्ट्रपति के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जिमी कार्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और दुनियाभर के कई अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्टर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “जिमी कार्टर का योगदान न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने मानवता के सेवा में जो कार्य किए, वे हमेशा याद किए जाएंगे। उनका नेतृत्व और दयालुता हम सभी को प्रेरित करते रहेंगे।”
जिमी कार्टर: एक अविस्मरणीय नेता
जिमी कार्टर 39वें राष्ट्रपति के रूप में 1977 से 1981 तक कार्यरत रहे। उनके राष्ट्रपति बनने से पहले और बाद में भी उन्होंने मानवाधिकारों और शांति निर्माण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उनके प्रशासन के दौरान कैंप डेविड समझौता जैसे ऐतिहासिक शांति समझौते हुए, जिसने इज़राइल और मिस्र के बीच दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करने में मदद की।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी जिमी कार्टर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “जिमी कार्टर न केवल एक राष्ट्रपति थे, बल्कि एक महान मानवतावादी भी थे। उनका जीवन और कार्य हमें यह सिखाते हैं कि नेतृत्व का असली अर्थ क्या होता है – दूसरों की सेवा करना।”
शांति और मानवाधिकारों के लिए समर्पण
कार्टर का जीवन शांति और मानवाधिकारों के लिए समर्पित रहा। उनका कार्टर सेंटर मानवाधिकारों और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। साथ ही, उन्होंने पारिवारिक स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर भी काम किया। उनके द्वारा किए गए प्रयासों के कारण, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
दुनियाभर में शोक
जिमी कार्टर के निधन पर दुनियाभर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी अपने संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री और अन्य देशों के प्रमुखों ने भी श्रद्धांजलि दी है, और कार्टर के कार्यों को सम्मानित किया।
विश्व नेताओं की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, कई अन्य देशों के नेताओं ने भी जिमी कार्टर के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें “एक महान नेता और प्रेरणा” बताया, जबकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी कार्टर के संघर्ष और शांति के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी ट्वीट कर जिमी कार्टर के योगदान की सराहना की। इन नेताओं ने उनके द्वारा किए गए शांति प्रयासों और समाज सेवा की अनूठी मिसाल को याद किया।
जिमी कार्टर का योगदान
जिमी कार्टर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति थे और उन्होंने 1977 से 1981 तक पद संभाला। वे अपने कार्यकाल के बाद भी दुनिया भर में मानवाधिकार, शांति मिशन, और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समर्पित रहे। उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। उनका योगदान वैश्विक राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा, खासकर उनके द्वारा किए गए हॉर्न ऑफ अफ्रीका में शांति प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में मध्यस्थता के लिए।
भारत और जिमी कार्टर
भारत और जिमी कार्टर के बीच संबंध काफी मजबूत थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे, और उनके समय में कई महत्वपूर्ण सहयोगी समझौते हुए थे। कार्टर की सरकार ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मदद दी थी और उनकी नीतियों ने भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई दिशा दी।
निष्कर्ष
जिमी कार्टर का निधन एक युग का अंत है। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने दुनिया को दिखाया कि नेतृत्व का उद्देश्य न केवल सत्ता प्राप्ति, बल्कि मानवता की सेवा करना होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और दुनियाभर के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है, और उनकी धरोहर को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।