नई दिल्ली। भारतीय खेल मंत्रालय के मंत्री ने एक महत्वाकांक्षी बयान देते हुए कहा है कि अगले 10 वर्षों में भारत की FIFA रैंकिंग को दुनिया के टॉप-50 देशों में लाया जाएगा। उनका मानना है कि भारतीय फुटबॉल का भविष्य उज्जवल है, और देश जल्द ही अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल जगत में अपनी जगह मजबूत करेगा।
10 साल में टॉप-50 का लक्ष्य
अनुराग ठाकुर ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने भारतीय फुटबॉल को एक मजबूत दिशा में आगे बढ़ाने के लिए कई पहल शुरू की हैं। अगले 10 वर्षों में, हम भारत को FIFA रैंकिंग में टॉप-50 देशों के अंदर देखेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि खेल मंत्रालय देश में फुटबॉल की संरचना को सुधारने के लिए काम कर रहा है।
फुटबॉल को नया जीवन देने की कोशिशें
भारत में फुटबॉल की बढ़ती लोकप्रियता और बुनियादी ढांचे में सुधार ने इस खेल को एक नया जीवन दिया है। आई-लीग और ISL जैसे टूर्नामेंट्स ने भारतीय फुटबॉल को एक ग्लोबल पहचान दिलाई है। इसके अलावा, फुटबॉल अकादमियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी लगातार निवेश किया जा रहा है।
खिलाड़ियों और कोचिंग पर फोकस
मंत्री ने कहा, “हमारे युवा खिलाड़ी और कोचिंग सिस्टम दिन-ब-दिन बेहतर होते जा रहे हैं। हमने फुटबॉल के बुनियादी ढांचे में सुधार किया है, जिससे आने वाले वर्षों में भारत की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार होगा।” उनका यह बयान भारतीय फुटबॉल के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जहां पिछले कुछ सालों से भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है।
पेशेवर लीग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
मंत्री ने यह भी कहा कि देश में चल रही इंडियन सुपर लीग (ISL) और अन्य पेशेवर लीगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मित्रवत मुकाबले भारतीय फुटबॉल को नई दिशा देंगे। इन पहलुओं के जरिए भारत को अधिक प्रतिस्पर्धी खेल वातावरण मिलेगा।
युवा प्रतिभाओं का महत्व
युवा खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौके दिए जाने की बात मंत्री ने की, और कहा कि भारत में फुटबॉल को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी है। इससे भारतीय फुटबॉल में नई प्रतिभाओं का उभार होगा, जो भविष्य में देश का नाम रोशन करेंगी।
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल के लिए रणनीतिक बदलाव
भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन (AIFF) ने भी अपने रणनीतिक विकास योजनाओं में बदलाव किया है, जिसमें विश्वस्तरीय ट्रेनिंग अकादमियों की स्थापना, युवा टीमों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भेजने और कोचों को नवीनतम तकनीकी शिक्षा देने पर जोर दिया जा रहा है।
खिलाड़ियों की युवा पीढ़ी पर ध्यान
मंत्री ने यह भी बताया कि भारत में युवा खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्कूल और कॉलेजों में फुटबॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ी को सही दिशा मिल सके। इसके साथ ही, कई युवा खिलाड़ी इंटरनेशनल स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और कोचिंग में सुधार
भारत में फुटबॉल के विकास के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और उन्नत कोचिंग को प्राथमिकता दी जा रही है। मंत्री ने कहा, “हमारे पास बेहतरीन युवा खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें सही प्रशिक्षण और मौका मिलना जरूरी है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।”
विश्व कप में भारत का सपना
अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा कि भारत का सपना FIFA विश्व कप में खेलना है। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत को बुनियादी ढांचे, खिलाड़ियों और कोचिंग में सुधार की आवश्यकता है।
नए कार्यक्रमों की शुरुआत
इस दिशा में सरकार ने भी नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जिससे भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उचित मंच और संसाधन उपलब्ध होंगे।
निष्कर्ष:
भारत की फुटबॉल रैंकिंग को अगले दशक में टॉप-50 में लाने का लक्ष्य एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए सही रणनीतियां और निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह उम्मीद भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकती है, जहां भारत को दुनिया भर में एक मजबूत फुटबॉल राष्ट्र के रूप में पहचाना जाएगा।