क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) और पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) दो प्रमुख टी20 लीग हैं, जो अपने रोमांचक मुकाबलों और ग्लैमर के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में आईपीएल ने अपनी लोकप्रियता, वित्तीय ताकत और वैश्विक पहुंच के कारण पीएसएल से आगे बढ़ते हुए एक नया मुकाम हासिल किया है।

आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता
आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी और तब से लेकर अब तक इसने क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 2024 में आईपीएल के मैचों को 620 मिलियन से अधिक दर्शकों ने देखा, और 2025 में इसकी ब्रांड वैल्यू $10.9 बिलियन होने का अनुमान है। इसके मुकाबले पीएसएल की ब्रांड वैल्यू 2025 में $5.7 बिलियन है।
वित्तीय ताकत में अंतर
आईपीएल में प्रत्येक टीम को ₹120 करोड़ का बजट मिलता है, जबकि पीएसएल में यह बजट कम है। आईपीएल की पुरस्कार राशि भी अधिक है; 2024 में विजेता टीम को ₹20 करोड़ और उपविजेता को ₹12.5 करोड़ मिले थे। इसके विपरीत, पीएसएल में विजेता को 140 मिलियन पीकेआर (करीब ₹4.3 करोड़) और उपविजेता को 56 मिलियन पीकेआर (करीब ₹1.65 करोड़) मिलते हैं।

ग्लोबल ब्रांड वैल्यू में अंतर
आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 2023 में ₹88,000 करोड़ थी, जो 2008 के पहले सीजन के मुकाबले 433% तक बढ़ चुकी है। इसके मुकाबले पीएसएल की ब्रांड वैल्यू 2,486 करोड़ रुपए है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि आईपीएल ने वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत की है।
खिलाड़ियों की सैलरी में अंतर
आईपीएल में खिलाड़ियों की सैलरी की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, और नीलामी के दौरान खिलाड़ियों को बड़ी रकम मिलती है। उदाहरण के लिए, 2025 की नीलामी में ऋषभ पंत को ₹27 करोड़ में खरीदा गया था। वहीं, पीएसएल में ड्राफ्ट सिस्टम अपनाया जाता है, जिसमें प्लेटिनम श्रेणी के खिलाड़ियों को $130,000 से $170,000 (करीब ₹1.27 करोड़) का वेतन मिलता है।
मीडिया अधिकारों से कमाई में अंतर
आईपीएल के 2023-2027 के मीडिया अधिकार $6.2 बिलियन में बेचे गए, जबकि पीएसएल के 2024-2025 के मीडिया अधिकार $24 मिलियन में बेचे गए। यह आंकड़ा दर्शाता है कि आईपीएल ने मीडिया अधिकारों से अधिक राजस्व अर्जित किया है।
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निष्कर्ष
हालांकि पीएसएल ने पाकिस्तान में क्रिकेट को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन आईपीएल अपनी वित्तीय ताकत, वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता के कारण अब एक प्रमुख क्रिकेट लीग बन चुका है। इसने न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में क्रिकेट के प्रति रुचि को बढ़ाया है। इसकी सफलता की कहानी अन्य लीग्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।