आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) आधुनिक चिकित्सा का एक चमत्कार है, जिसमें जीवन की राह गुजर रही अनगिनत दम्पतियों को माता-पिता बनने की आशा मिलती है। जैसे-जैसे चिकित्सा तकनीकें उन्नत हो रही हैं, वैसे‑वैसे success‑rate भी सुधर रही है। लेकिन सिर्फ तकनीक ही काफी नहीं होती—लाइफस्टाइल में सुधार, खानपान में परिवर्तन और मानसिक संतुलन भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
गुड़गांव स्थित आर्टेमिस अस्पताल में IUI‑IVF और रिप्रोडक्टिव मेडिसिन की प्रमुख डॉ. पारुल प्रकाश बताती हैं कि IVF सफलता का निर्णय महज चिकित्सकीय आधारों पर नहीं, बल्कि जीवनशैली की आदतों से भी जुड़ा होता है। उन्होंने अपनी सलाह में बताया है कि कुछ आदतों में सुधार IVF के परिणाम में सकारात्मक प्रभाव ला सकता है।

📌 1. आहार (Diet): पहले खाएं, फिर सोचें IVF
डॉ. प्रकाश द्वारा सुझाया गया आहार मॉडल मुख्य रूप से फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, हेल्दी फैट, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका लक्ष्य हार्मोन संतुलन बनाए रखना, अंडाणु और शुक्राणु की गुणवत्ता सुधारना, और पूरे शरीर का स्वास्थ्य बेहतर करना है।
- एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य जैसे बेरीज, पत्तेदार सब्जियाँ, नट्स और बीज, शारीरिक सूजन कम करते हुए reproductive cells को मजबूत करते हैं
- ओमेगा‑3 फैटी एसिड, फोलिक एसिड और ज़िंक युक्त स्रोत—जैसे वसायुक्त मछली, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियाँ—IVF सफलता में सहायक होते हैं
- पूरी अनाज आधारित कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्राउन राइस, ज्वार-बाजरा और ओट्स, ब्लड शुगर स्थिर रखते हैं और हार्मोनल संतुलन में मदद करते हैं
- प्रोसेस्ड और ट्रांस-फैट युक्त भोजन, सॉफ्ट ड्रिंक, जंक फूड, और अत्यधिक मीठा खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये हार्मोन असंतुलन, सूजन और प्रतिरक्षा समस्याओं को जन्म दे सकते हैं
नोट: Mediterranean शैली का संतुलित आहार IVF में सकारात्मक परिणामों का आधार बन सकता है
🏃♀️ 2. व्यायाम (Exercise): मात्रा महत्वपूर्ण है
डॉ. प्रकाश और अन्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि:
- हल्के से मध्यम स्तर के व्यायाम जैसे वॉकिंग, स्वीमिंग, साइक्लिंग या योग, IVF प्रक्रिया में हानिकारक नहीं होते और लाभदायक होते हैं
- प्रति सप्ताह लगभग 150 मिनट की मध्यम गतिविधियाँ शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़ाती हैं, हार्मोनल संतुलन बनाए रखती हैं और तनाव को कम करती हैं
- तीव्र या बहुत कठोर व्यायाम (जैसे CrossFit, HIIT) विशेषकर ओव्यूलेशन स्टिम्युलेशन के दौरान नुकसान दे सकते हैं, जैसे ovary torsion (अंडाशय का घुम जाना) जैसी स्थिति हो सकती है, इसलिए इन्हें avoided रखना जरूरी है
- योग, प्राणायाम और हल्की स्ट्रेचिंग मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं और स्ट्रेस घटाती हैं
😴 3. लाभकारी नींद (Sleep): हार्मोन का साथी

नींद की गुणवत्ता और मात्रा IVF सफलता के लिए अहम हैं:
- रात में 7–9 घंटे की नींद लेने से हार्मोनल बैलेंस, प्रतिरक्षा प्रणाली और शारीरिक पुनर्निर्माण बेहतर होता है
- लगभग एक समय पैटर्न (स्लीप‑वेक टाइम नियमित रखना) से circadian rhythm बेहतर होता है, जिससे estrogen और testosterone जैसे हार्मोन संरचित रूप से काम करते हैं
- नींद की खराब गुणवत्ता या अनियमितता से cortisol समेत अन्य तनाव हार्मोन बढ़ सकते हैं, जिससे ovulation irregular हो सकती है या implantation बाधित हो सकता है
🧘♀️ 4. तनाव प्रबंधन (Stress Management): मन का संतुलन
डॉ. प्रकाश stress को IVF का सबसे बड़ा दुश्मन बताती हैं। इसका असर हार्मोन्स और कोशिका स्तर पर पड़ता है।
- तनाव से cortisol और adrenaline जैसे हार्मोन्स बढ़ते हैं, जिससे ovulation disruption, implantation failure या early miscarriage जैसी समस्याएँ हो सकती हैं
- मेडिटेशन, योग, गहरी साँसों की कसरत (breathwork), journaling, और समय निकाल कर परिवार या मित्रों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताना तनाव कम करता है
- मनोचिकित्सा, काउंसलिंग या सपोर्ट ग्रुप्स उपयोगी होते हैं—क्योंकि IVF केवल चिकित्सीय नहीं, बल्कि भावनात्मक यात्रा भी होती है
🚭 5. सिगरेट, शराब और कैफीन से दूरी

इन आदतों का असर fertility पर भारी पड़ता है:
- धूम्रपान से ovarian aging तेज होती है, implantation में बाधा आती है, miscarriage risks बढ़ते हैं और sperm quality भी कमजोर होती है ।
- शराब हार्मोन संबंधी असंतुलन पैदा करती है, और ओव्यूलेशन और embryo development को प्रभावित कर सकती है; इसलिए इसे पूरी तरह छोडना चाहिए या अत्यंत सीमित मात्रा में लेना चाहिए
- कैफीन (जैसे कॉफी, चाय) – हल्के सेवन में समस्या नहीं, लेकिन अधिक मात्रा (>4 कप/दिन) implantation पर नकारात्मक प्रभाव कर सकता है; रात्रि में इसके सेवन से नींद भी प्रभावित होती है
⚖️ 6. वजन नियंत्रण (Weight & BMI): संतुलन ज़रूरी
- BMI 18.5–24.9 की सीमा IVF के लिए आदर्श मानी जाती है। इससे हार्मोनल संतुलन, ovulation नियमितता और embryo implantation प्रक्रियाएँ बेहतर होती हैं
- अधिक वजन (overweight/obese) से insulin resistance, estrogen बढ़ना और ovulation irregularities होती हैं, जिससे IVF प्रक्रिया प्रभावित होती है
- अल्प वजन (underweight) से amenorrhea, hormonal imbalance और anovulation की समस्या हो सकती है
- वजन को एक स्वस्थ स्तर तक लाने के लिए संयमित आहार, व्यायाम और विशेषज्ञ परामर्श आवश्यक है।
🧪 7. सप्लीमेंट्स (Supplements): समझदारी से
डॉ. प्रकाश अधिकतर आहार से ही पोषण पुरा करने में विश्वास करती हैं, लेकिन आवश्यक पोषक तत्वों के लिए सप्लीमेंट्स सहायक हो सकते हैं:
- फोलिक एसिड, विटामिन B‑complex, विटामिन D, ज़िंक, और omega‑3 fatty acids IVF में आमतौर पर उपयोग किए जाते हैं
- CoQ10 ने विशेष रूप से अंडाणुओं की mitochondrial function सुधारने में संभावित लाभ दिखाया है, लेकिन मानव शोध अभी सीमित है। फिर भी कई विशेषज्ञ इसे अपनाने की सलाह देते हैं
- सप्लीमेंट्स शुरू करने से पहले RVHP/डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, क्योंकि बहुत अधिक या अनियंत्रित सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है।
🏥 8. चिकित्सा देखभाल (Medical & Emotional Support)
- विश्वसनीय IVF क्लिनिक चुनें, जिनमें योग्य embryologist, जाँच‑प्रणाली और अच्छे मनोवैज्ञानिक सहयोग प्रदान किया जाए—जैसे Dr. Gita Khanna बताती हैं कि IVF के दौरान सहज संवाद, सुनना और भरोसा ज़रूरी है
- Pre‑implantation genetic testing (PGT) से abnormal embryos का पता चलता है, जिससे miscarriage risks कम होते हैं और success‑rate बढ़ता है
- इंफ्लेमेटरी प्रोब्लेम्स, PCOS, diabetes, ट्यूमर, uterine structure issues आदि की चिकित्सा जांच से परिणामों में सुधार हो सकता है
📅 9. जब शुरुआत करें: समय की अहमियत
- अंडाणु विकास का चक्र लगभग 3 महीने का होता है। इसलिए जीवनशैली में बदलाव (महिला व पुरुष दोनों के लिए) IVF से लगभग 3 महीने पहले शुरू करने चाहिए—ताकि egg‑sperm quality सुधार सके
- युवा उम्र (under 35) में लक्षित बदलाव असरदार हो सकते हैं क्योंकि egg quality बेहतर होती है; उम्र बढ़ने के साथ केवल लैब interventions पर्याप्त नहीं रहते
🌟 10. Rसफलता की दिशा: वास्तविक केस & विशेषज्ञ अनुभव
- रिपोर्ट्स बताती हैं कि India में IVF success rate अब 60‑70% तक पहुँच रही है, विशेषकर उन केंद्रों में जो लाइफस्टाइल सुधार पर ध्यान देते हैं
- 15% IVF मरीज अब 30 वर्ष से कम उम्र में हैं, जो मुख्यतः lifestyle‑related early infertility के कारण हैं—जैसे stress, obesity, sedentary life, poor diet, pollution सहित अन्य कारक
- एक महिला ने अपनी कहानी साझा की: “मैं FET से एक महीने पहले processed food हटाकर, clean diet, daily walk और vitamins लेने लगी। पहला FET सफल नहीं हुआ, लेकिन मुझे लगा कि मैंने सब सही किया, इसलिए उम्मीद बनी रही।” इस तरह के अनुभव दर्शाते हैं कि मानसिक दृढ़ता भी बहुत आवश्यक है
✅ निष्कर्ष: IVF नहीं, जीवनशैली का संगम है यह प्रक्रिया
IVF एक चिकित्सा प्रक्रिया है, लेकिन सफल होने के लिए आपकी जीवनशैली, खानपान, व्यायाम, नींद, तनाव‑प्रबंधन और मानसिक दृढ़ता का भी उतना ही योगदान है।
डॉ. पारुल प्रकाश की सलाह के अनुसार:
- संतुलित, पोषक‑समृद्ध आहार अपनाएँ।
- हल्की‑मध्यम व्यायाम दिनचर्या बनाए रखें।
- पर्याप्त नींद और नियमित स्लीप‑शेड्यूल अपनाएँ।
- तनाव कम करने हेतु योग, मेडिटेशन या काउंसलिंग करें।
- धूम्रपान, शराब और अत्यधिक कैफीन से दूर रहें।
- स्वास्थ्यवर्धक BMI बनाए रखें।
- आवश्यकतानुसार हेल्थ सप्लीमेंट्स डॉक्टर की सलाह से लें।
- विश्वसनीय IVF क्लिनिक एवं विशेषज्ञ का चयन करें।
यदि आप IVF की तैयारी कर रही हैं, तो यह समय है खुद को पूरा करने का—क्योंकि IVF सिर्फ एक मेडिकल निर्णय नहीं, यह आपकी संपूर्ण जीवनशैली के साथ जुड़ा एक मार्गदर्शन है। छोटे-छोटे सुधार भी बड़ी सफलता का आधार बन सकते हैं।
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