लिवर यानी यकृत — शरीर का वह नायाब अंग जो बिना थके दिन-रात कार्य करता है। पाचन से लेकर विषैले तत्वों को निष्कासित करने तक और शरीर के पोषण भंडारण से लेकर रक्त को शुद्ध करने तक, यह अंग हमारे जीवन की आधारशिला है। लेकिन क्या होगा जब यही लिवर संक्रमण से ग्रस्त हो जाए?
हेपेटाइटिस, वायरल लिवर इंफेक्शन, या अन्य किसी संक्रमण के कारण जब लिवर की कार्यप्रणाली बिगड़ती है, तो उसका सीधा असर पूरे शरीर पर पड़ता है। इस स्थिति में न सिर्फ चिकित्सकीय देखभाल जरूरी है, बल्कि खानपान का विशेष ध्यान रखना जीवन रक्षक सिद्ध हो सकता है।
🔬 क्या है लिवर इंफेक्शन?

लिवर इंफेक्शन एक ऐसी स्थिति है जब लिवर की कोशिकाएं किसी वायरस, बैक्टीरिया या टॉक्सिन्स के कारण सूज जाती हैं या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। हेपेटाइटिस A, B, C, D और E – ये पाँच प्रमुख प्रकार के वायरल लिवर इंफेक्शन होते हैं। इसके अलावा शराब, दवाइयों का अत्यधिक सेवन या दूषित भोजन भी लिवर को संक्रमित कर सकता है।
लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- थकावट और कमजोरी
- भूख में कमी
- पेट के दाएं ऊपरी हिस्से में दर्द
- मिचली या उल्टी
- आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
- गहरे रंग का पेशाब
🏥 डॉक्टर क्या कहते हैं?
पीएसआरआई अस्पताल, नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार (जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ) डॉ. भूषण भोले कहते हैं:
“लिवर में संक्रमण होने पर व्यक्ति को न केवल चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता होती है, बल्कि खानपान की भूमिका भी उपचार में निर्णायक होती है। पोषण और पाचन में लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, ऐसा आहार जरूरी है जो लिवर को आराम दे, पुनर्निर्माण में मदद करे और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करे।”
🍲 लिवर इंफेक्शन के दौरान क्या खाएं?
स्वस्थ लिवर के लिए सही खानपान एक ‘कवच’ की तरह है। आइए जानते हैं, किन खाद्य पदार्थों को अपनी थाली में स्थान देना चाहिए:

1. हल्का और सुपाच्य भोजन है सबसे उपयुक्त
जब लिवर कमजोर हो, तो पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालना घातक हो सकता है। इसलिए:
- उबली हुई सब्जियां: जैसे गाजर, लौकी, तोरी, पालक — ये एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होती हैं।
- मूंग की दाल: आसानी से पचने वाली, प्रोटीन से भरपूर और लिवर के लिए सुरक्षित।
- दलिया और खिचड़ी: हल्की, कम मसाले वाली और सुपाच्य।
- उबले चावल और पतली रोटी: पेट को भारी महसूस नहीं होता और ऊर्जा भी मिलती है।
2. तरल पदार्थ – शरीर को हाइड्रेट और डिटॉक्स करें
- नारियल पानी: इलेक्ट्रोलाइट्स का बेहतरीन स्रोत।
- छाछ: पाचन में सहायक और लिवर पर हल्का।
- नींबू पानी (बिना चीनी): विटामिन C का अच्छा स्रोत, डिटॉक्स में सहायक।
- गुनगुना पानी: पूरे दिन में बार-बार थोड़ा-थोड़ा पिएँ।
3. फल – प्रकृति की औषधि
- पपीता: एंजाइम्स से भरपूर, पाचन के लिए उत्तम।
- सेब: एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर युक्त।
- अनार: रक्त की शुद्धता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सहायक।
- गाजर: बीटा-कैरोटीन युक्त, लिवर कोशिकाओं की मरम्मत में मददगार।
4. घरेलू मसाले – सीमित लेकिन सहायक
- हल्दी: प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट।
- अजवाइन: अपच और गैस से राहत देता है।
- हींग और जीरा: पाचन में सहायक, लेकिन सीमित मात्रा में प्रयोग करें।
🚫 लिवर इंफेक्शन के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
जहाँ कुछ खाद्य पदार्थ लिवर को राहत देते हैं, वहीं कुछ इसे और अधिक नुकसान पहुँचा सकते हैं। डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ इस दौरान कुछ चीज़ों से सख्त परहेज की सलाह देते हैं:
1. तला-भुना और मसालेदार भोजन
तेल में तला हुआ खाना लिवर पर अत्यधिक भार डालता है। तेज मिर्च-मसालों से लिवर की सूजन और अधिक बढ़ सकती है।
2. प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ
इनमें प्रिज़र्वेटिव्स और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो लिवर के लिए हानिकारक है।
3. अत्यधिक चीनी और नमक
- अधिक चीनी: फैटी लिवर की समस्या को बढ़ा सकती है।
- अधिक नमक: लिवर सिरोसिस की स्थिति में जल प्रतिधारण की समस्या बढ़ा सकती है।
4. रेड मीट और मक्खन
भारी और संतृप्त वसा युक्त पदार्थ लिवर को पचाने में कठिनाई होती है।
5. शराब और धूम्रपान
ये लिवर संक्रमण के दौरान सबसे बड़े दुश्मन हैं। लिवर कोशिकाओं को सीधा नुकसान पहुँचाते हैं और बीमारी की तीव्रता बढ़ा सकते हैं।
🧘♂️ खानपान के साथ किन बातों का रखें ध्यान?
- पूरा आराम करें: शरीर की ऊर्जा लिवर को ठीक करने में लगेगी, इसलिए अत्यधिक शारीरिक परिश्रम से बचें।
- धीरे-धीरे खाएं: भोजन को ठीक से चबाकर खाएं ताकि पाचन तंत्र पर दबाव न पड़े।
- भोजन का समय निर्धारित रखें: अनियमित खानपान लिवर पर अतिरिक्त भार डालता है।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं: हर 30-40 मिनट में थोड़ा पानी पिएं ताकि शरीर डिटॉक्स हो सके।
- डॉक्टर से परामर्श लेते रहें: पोषण संबंधी बदलाव डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें।
🧠 क्यों जरूरी है संतुलित आहार?
लिवर इंफेक्शन के दौरान यदि सही खानपान का पालन नहीं किया गया, तो यह स्थिति सिरोसिस, फैटी लिवर या लिवर फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं में बदल सकती है। संतुलित भोजन:
- लिवर की सूजन को कम करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
- शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है
- दवाओं का प्रभाव बेहतर करता है
📢 निष्कर्ष: “लिवर बोले – थैंक यू!”
स्वस्थ लिवर न सिर्फ पाचन और ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि रोगों से लड़ने की ताकत भी प्रदान करता है। जब यह संक्रमित हो जाए, तो उसे पूरा आराम और पोषण देना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
सही खानपान = लिवर की रक्षा
इसलिए अगली बार जब आप थाली में कुछ परोसें, तो सोचें — क्या मेरा लिवर मुझसे खुश है?
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