BI का बड़ा झटका! 1 दिसंबर 2025 से बंद हो जाएगी mCASH सर्विस, करोड़ों ग्राहकों की बैंकिंग पर पड़ेगा सीधा असर
डिजिटल बैंकिंग की तेज़ रफ्तार दुनिया में हर दिन नई-नई सुविधाएँ सामने आ रही हैं। बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह डिजिटल हो चुका है और ग्राहक अब नकद लेनदेन के बजाय ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं। इसी बीच देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने करोड़ों ग्राहकों को चौंकाने वाला फैसला सुनाया है।

बैंक ने घोषणा की है कि वह अपनी लोकप्रिय और लंबे समय से चल रही डिजिटल मनी ट्रांसफर सुविधा mCASH को 1 दिसंबर 2025 से हमेशा के लिए बंद करने जा रहा है। यह खबर सामने आते ही SBI ग्राहकों के बीच चर्चा तेज़ हो गई है क्योंकि mCASH उन सुविधाओं में से एक थी, जिसे बैंक खाते में पैसा भेजने के लिए बेहद आसान और तेज़ विकल्प माना जाता था।
इस फैसले का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो बिना बेनिफिशियरी जोड़े या बिना अकाउंट डिटेल भरे सिर्फ मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी के जरिए पैसे भेजते थे।
mCASH क्या है और इसे क्यों माना जाता था बेहद आसान?
mCASH फीचर को SBI ने कई साल पहले लॉन्च किया था, जब डिजिटल पेमेंट सिस्टम आज जितना मजबूत नहीं था। यह सुविधा खास उन लोगों के लिए थी जिन्हें जल्दी पैसे भेजने होते थे या जिन्हें किसी नए व्यक्ति को बेनिफिशियरी ऐड किए बिना छोटे अमाउंट ट्रांसफर करने होते थे।
mCASH की खासियतें इस वजह से इसे काफी लोकप्रिय बनाती थीं:
✔ बिना बेनिफिशियरी ऐड किए पैसे भेजना
आपको सिर्फ मोबाइल नंबर या ईमेल पता चाहिए होता था। न IFSC कोड, न अकाउंट नंबर, न इंतजार।
✔ सिक्योर लिंक और 8-डिजिट पासकोड सिस्टम
मनी रिसीवर को एक सुरक्षित लिंक मिलता था और 8 अंकों का पासकोड दर्ज करके वह किसी भी बैंक अकाउंट में पैसे क्लेम कर सकता था।
✔ छोटे और तत्काल ट्रांसफर के लिए बेहतरीन
यह फीचर खासकर छात्रों, छोटे व्यापारियों, डिलीवरी वर्कर्स और ऐसे लोगों में लोकप्रिय था, जिन्हें बार-बार फटाफट पैसे भेजने की जरूरत होती थी।
लेकिन अब यह सुविधा बंद होने जा रही है—और इसके पीछे भी ठोस कारण है।
SBI ने क्यों लिया mCASH सर्विस बंद करने का फैसला?

SBI ने अपनी वेबसाइट पर स्पष्ट किया है कि 30 नवंबर 2025 के बाद mCASH सर्विस OnlineSBI और YONO Lite से हटा दी जाएगी।
बैंक ने इसके पीछे कई कारण बताए हैं:
1. पुराना डिजिटल ढांचा
mCASH उस सिस्टम पर आधारित है जो वर्षों पहले विकसित किया गया था। आज का डिजिटल बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर इससे कई गुना आगे निकल चुका है।
UPI, IMPS और NEFT जैसी सर्विसेज अब बेहद तेज़, आधुनिक और सुरक्षित बन चुकी हैं। ऐसे में mCASH का पुराना ढांचा बैंक की सुरक्षा और संचालन में बाधा बनता जा रहा था।
2. सुरक्षा को और मजबूत करना
डिजिटल पेमेंट में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। mCASH पुराने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल पर काम करता था जबकि नए पेमेंट प्लेटफॉर्म UPI और IMPS रियल टाइम मॉनिटरिंग और फ्रॉड प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस हैं।
3. ग्राहक अब UPI पर ज्यादा निर्भर
आज लगभग हर भारतीय UPI का इस्तेमाल करता है। यह तेज, सुरक्षित, आसान और दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट नेटवर्क है।
ऐसे में SBI पुराने फीचर्स को हटा कर नई टेक्नोलॉजी पर ज्यादा जोर देना चाहता है।
4. बैंकिंग सिस्टम को सरल बनाना
SBI अब गैर-जरूरी या कम उपयोग की जाने वाली सेवाओं को हटाकर अपने सिस्टम को हल्का और आधुनिक बनाना चाह रहा है।
mCASH अब पहले से कम उपयोग में आ रहा था, इसलिए इसे हटाने का निर्णय बैंक ने लिया।
अब पैसे कैसे भेजेंगे? SBI ने बताया नया तरीका
mCASH बंद होने के बाद SBI ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे अब नीचे दिए गए विकल्पों का उपयोग करें:
1. BHIM SBI Pay (UPI App)
यह SBI का आधिकारिक UPI ऐप है, जहां से आप VPAs, QR कोड, अकाउंट-IFSC, मोबाइल नंबर—किसी भी माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
UPI से पैसे भेजने के आसान स्टेप्स:
- BHIM SBI Pay में लॉगिन करें
- “Pay” पर टैप करें
- VPA, QR, अकाउंट-IFSC में से विकल्प चुनें
- भुगतान की जानकारी भरें
- अकाउंट सिलेक्ट कर ‘टिक मार्क’ दबाएं
- UPI PIN डालें
- पेमेंट सफल!
2. IMPS (Immediate Payment Service)
यह 24×7 उपलब्ध है और तुरंत पैसा पहुंचाता है। बड़े ट्रांसफर के लिए बेहद उपयोगी।
3. NEFT और RTGS
व्यापारिक लेनदेन या बड़े बैंक ट्रांसफर के लिए उपयुक्त विकल्प।
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
mCASH बंद होने से कुछ ग्राहकों को थोड़ी परेशानी जरूर होगी, खासकर उन्हें जो इसे अक्सर इस्तेमाल करते थे। लेकिन इस बदलाव के कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं।
✔ बेहतर सुरक्षा
UPI और IMPS आज दुनिया के सबसे सुरक्षित पेमेंट प्लेटफॉर्म माने जाते हैं। इससे डिजिटल फ्रॉड का जोखिम कम होगा।
✔ तेज ट्रांजैक्शन
UPI के जरिए पैसा तुरंत पहुंचता है। mCASH में कभी-कभी लिंक और पासकोड में देरी हो जाती थी।
✔ अधिक विकल्प
UPI QR कोड, मोबाइल नंबर, VPA—कई तरीके देता है, जबकि mCASH केवल मोबाइल/ईमेल तक सीमित था।
✔ एकरूप डिजिटल बैंकिंग सिस्टम
SBI अब सभी ग्राहकों को एक ही दिशा में ले जाना चाहता है—UPI और IMPS की ओर। इससे बैंकिंग का ढांचा साफ और सरल बनेगा।
लोग क्या मानते हैं? ग्राहक की राय मिली-जुली
कुछ ग्राहक इसे सही फैसला मान रहे हैं क्योंकि UPI ने ट्रांजैक्शन को बेहद आसान बना दिया है। वहीं दूसरी ओर कई उपयोगकर्ताओं को mCASH फीचर की कमी खलेगी, खासकर वे लोग जो:
- बेनिफिशियरी जोड़ने की झंझट से बचते थे
- ईमेल/मोबाइल नंबर से ट्रांसफर करने के आदी थे
- कम डिजिटल ज्ञान रखते थे
हालाँकि, समय के साथ UPI का उपयोग हर आयु वर्ग में सामान्य हो चुका है, इसलिए उम्मीद है कि लोग आसानी से नए सिस्टम के साथ एडजस्ट कर सकेंगे।
SBI के इस फैसले का बड़ा संदेश
SBI का mCASH बंद करना सिर्फ एक सेवा समाप्त करना नहीं है—यह संकेत है कि आने वाले समय में भारतीय बैंकिंग सिस्टम और भी आधुनिक, सुरक्षित और तकनीक-आधारित होगा।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट मार्केट बन चुका है और SBI का यह कदम इसी दिशा में अगला महत्वपूर्ण कदम है।
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निष्कर्ष
1 दिसंबर 2025 से mCASH सेवा बंद हो जाएगी, और इसके बाद ग्राहक UPI, IMPS, NEFT, RTGS जैसे आधुनिक पेमेंट विकल्पों पर निर्भर होंगे। यह बदलाव शुरू में कुछ लोगों को असुविधाजनक लग सकता है, लेकिन लंबे समय में यह फैसले बैंकिंग सुरक्षा, गति और उपयोग में आसानी को बढ़ाएगा।
डिजिटल बैंकिंग के नए दौर में UPI की पकड़ मजबूत होती जा रही है और SBI का यह फैसला इसी बदलाव को और गति देगा।


