Monday, October 13, 2025
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₹3000 का FASTag पास खरीदने उमड़े लोग

भारत में हाईवे पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए 15 अगस्त 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक नई सुविधा लॉन्च की— फास्टैग एनुअल पास। यह सुविधा नेशनल हाईवे पर चलने वाले यूजर्स को बेहद किफायती और सहज यात्रा का विकल्प देती है।

सरकार के मुताबिक, यह पास केवल ₹3000 की एकमुश्त राशि देकर खरीदा जा सकता है, जिसकी वैधता एक साल तक होगी। या फिर यह पास 200 टोल प्लाज़ा क्रॉस करने तक सक्रिय रहेगा।


फास्टैग एनुअल पास क्या है?

फास्टैग तकनीक पहले ही देशभर में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) के जरिए यात्रा को सुगम बना चुकी है। अब एनुअल पास के जरिए यात्रियों को बार-बार रीचार्ज करने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

  • फीस: ₹3000 (एकमुश्त)
  • वैलिडिटी: 1 साल या 200 टोल क्रॉस (जो पहले पूरा हो)
  • लागू क्षेत्र: केवल नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे
  • उपयोगकर्ता: केवल नॉन-कमर्शियल वाहन (कार, जीप, वैन)

📰 पहले ही दिन जबरदस्त रिस्पॉन्स

सरकार के बयान के अनुसार, लॉन्च के पहले ही दिन यानी 15 अगस्त को लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया।

  • शाम 4:30 बजे तक करीब 1.2 लाख यूजर्स ने यह पास खरीदकर एक्टिव कर लिया।
  • इसी दिन देशभर के टोल प्लाज़ा पर 1.24 लाख ट्रांजैक्शन केवल एनुअल पास से दर्ज किए गए।

यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि लोग हाईवे सफर के लिए सस्ता और सुविधाजनक विकल्प कितनी तेजी से अपनाते हैं।


🌍 8 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर्स

भारत में फास्टैग का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है।

  • अभी तक 8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स फास्टैग से जुड़े हुए हैं।
  • इसकी पहुंच दर लगभग 98% तक पहुँच चुकी है।
  • अब एनुअल पास सुविधा शुरू होने से यह आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ेगा।

फायदे – क्यों खास है फास्टैग एनुअल पास?

  1. सस्ता और किफायती विकल्प
    • बार-बार रिचार्ज करने की ज़रूरत नहीं।
    • केवल ₹3000 में पूरे साल की सुविधा।
  2. समय की बचत
    • टोल पर रुकने की झंझट खत्म।
    • कैश पेमेंट या बैलेंस की चिंता नहीं।
  3. सहज यात्रा अनुभव
    • टोल प्लाज़ा पर लंबी कतारें घटेंगी।
    • गाड़ियों का प्रवाह तेज़ होगा।
  4. डिजिटल इंडिया की ओर कदम
    • इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम को मजबूती।
    • नकद लेन-देन में कमी।

⚠️ सीमाएँ और चुनौतियाँ

  • यह पास केवल नॉन-कमर्शियल गाड़ियों के लिए मान्य है।
  • स्टेट हाईवे और स्थानीय टोल पर यह लागू नहीं होगा।
  • 200 टोल पार करने के बाद पास समाप्त हो जाएगा, चाहे साल पूरा न हुआ हो।
  • ग्रामीण या छोटे यात्रियों को शायद यह उतना फायदेमंद न लगे, जितना लंबी दूरी तय करने वालों को।

📱 कैसे एक्टिव होगा फास्टैग एनुअल पास?

  • यूजर्स को इसे राजमार्ग यात्रा ऐप या NHAI वेबसाइट से खरीदना होगा।
  • भुगतान करने के 2 घंटे के अंदर पास एक्टिव हो जाएगा।
  • एक्टिवेशन का लिंक NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

💡 अर्थव्यवस्था और समाज पर असर

  1. लॉजिस्टिक सेक्टर को राहत
    • हालांकि अभी यह सुविधा केवल नॉन-कमर्शियल गाड़ियों के लिए है, भविष्य में इसके बढ़ने से ट्रक/ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा।
  2. पर्यटन उद्योग को बढ़ावा
    • लोग लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
    • एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक बढ़ेगा, जिससे होटल, ढाबे और पेट्रोल पंप की आय बढ़ेगी।
  3. पर्यावरणीय लाभ
    • टोल पर कम समय रुकने से ईंधन की बचत होगी।
    • प्रदूषण भी कम होगा।

🚦 यात्रियों की राय

लॉन्च के बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जताई।

  • कुछ ने लिखा कि अब “लंबी दूरी की यात्रा का मज़ा दोगुना होगा।”
  • वहीं, कुछ ने सुझाव दिया कि इसे कमर्शियल गाड़ियों के लिए भी लागू किया जाना चाहिए।

🛣️ भविष्य की संभावनाएँ

  • अगर यह योजना सफल रहती है, तो सरकार इसे स्टेट हाईवे पर भी लागू कर सकती है।
  • ट्रक और कमर्शियल गाड़ियों के लिए अलग पैकेज लाने की संभावना है।
  • अगले 5 साल में भारत पूरी तरह कैशलेस टोल सिस्टम की ओर बढ़ सकता है।

✍️ निष्कर्ष

फास्टैग एनुअल पास न सिर्फ एक तकनीकी सुविधा है, बल्कि यह भारत की सड़क परिवहन व्यवस्था को नए युग में ले जाने वाला कदम है। ₹3000 में एक साल तक टोल की चिंता किए बिना सफर करना यात्रियों के लिए बेहद राहतभरा है। इससे देश में यात्रा अनुभव, अर्थव्यवस्था और डिजिटल विकास तीनों को मजबूती मिलेगी।

यह भी पढ़ें- बॉर्डर 2 में देशभक्ति का डबल डोज़

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