Sunday, February 16, 2025
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दिवाली पर पितृदोष मुक्ति: 5 उपायों से पाएं पूर्वजों की कृपा

दिवाली का पर्व सिर्फ रोशनी और उल्लास का नहीं बल्कि शुभता और पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने का भी महत्वपूर्ण अवसर है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृदोष को दूर कर दिवाली पर पूर्वजों का आशीर्वाद पाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है। अगर आप भी पितृदोष से परेशान हैं और दिवाली पर इसका समाधान करना चाहते हैं, तो यहां 5 सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं:

1. पितरों के नाम से दीपदान करें

दिवाली की रात को किसी नदी, तालाब या घर के आंगन में पूर्वजों के नाम से दीप जलाकर उसे प्रवाहित करें। माना जाता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपनी संतानों पर कृपा बरसाते हैं।

2. पीपल के पेड़ की पूजा करें

दिवाली पर पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष का निवारण होता है। इस दिन सुबह स्नान कर पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और पूर्वजों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करें। इससे पितृदोष कम होता है और परिवार में सकारात्मकता बढ़ती है।

3. गाय और कुत्ते को भोजन कराएं

पितृदोष मुक्ति के लिए दिवाली के दिन जरूरतमंदों के अलावा गाय, कुत्ते और कौवों को भोजन कराना शुभ माना जाता है। इन जीवों को पूर्वजों का प्रतीक माना जाता है, और उन्हें भोजन कराना पूर्वजों की तृप्ति का प्रतीक है।

4. तिल-जल अर्पण (तर्पण) करें

दिवाली पर पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए तर्पण का विशेष महत्व है। इस दिन तिल और जल का तर्पण करके पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करने की कामना करें। यह पितृदोष को कम करता है और घर-परिवार पर पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

5. पूर्वजों के नाम पर दान करें

दिवाली पर किसी जरूरतमंद को भोजन, कपड़े या अन्य आवश्यक वस्त्र दान करना बेहद शुभ माना जाता है। माना जाता है कि पितरों के नाम पर किया गया यह दान उनके प्रति सच्ची श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है और पितृदोष मुक्ति में सहायक होता है।

6. पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म

दिवाली पर पितृ तर्पण और श्राद्ध करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन गंगाजल या किसी पवित्र जलाशय में पितरों के नाम से जल अर्पित करें। इसके लिए “पितृ तर्पण मंत्र” का जाप करें और अपने पूर्वजों से कृपा की प्रार्थना करें। इससे पितृदोष का असर कम होता है और पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

7. पीपल और तुलसी के पौधों की सेवा करें

पीपल और तुलसी को पितरों का वास माना जाता है। दिवाली के दिन पीपल और तुलसी के पौधों में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। साथ ही इन्हें नियमित जल देने का संकल्प लें। यह उपाय पितरों का आशीर्वाद पाने में सहायक है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

8. कौओं और पक्षियों के लिए भोजन रखें

दिवाली के दिन पक्षियों, खासकर कौओं को भोजन खिलाना पितृदोष से मुक्ति पाने का प्रमुख उपाय है। कौओं को पितरों का प्रतीक माना जाता है, और उन्हें भोजन कराने से पितृदोष का असर कम होता है।

9. सात्विक भोजन ग्रहण करें और ध्यान करें

दिवाली के दिन सात्विक भोजन का सेवन करें और अपने पूर्वजों के प्रति ध्यान करें। पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें और संकल्प लें कि उनकी शिक्षा और सिद्धांतों का पालन करेंगे। यह साधारण सा उपाय भी पितृदोष से मुक्ति दिलाने में कारगर होता है।

10. गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा

पितृदोष के निवारण के लिए जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा करना विशेष फलदायी होता है। दिवाली के दिन अन्न, वस्त्र या जरूरत का सामान दान करें। इससे पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है, और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

इन सरल और प्रभावी उपायों से दिवाली पर पितृदोष से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में पूर्वजों का आशीर्वाद पा सकते हैं। इस दिवाली अपने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए इन उपायों को अपनाएं और पितरों की कृपा से अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।

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