लॉजिस्टिक्स सेक्टर से जुड़ी कंपनी ग्लॉटिस (Glottis) का बहुप्रतीक्षित आईपीओ (IPO) अब चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह उत्साह नहीं, बल्कि ग्रे मार्केट में निराशा है।
कंपनी ने अपने पब्लिक ऑफर के ज़रिए कुल ₹307 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था, परंतु निवेशकों की रुचि उम्मीदों के मुताबिक नहीं रही।
एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, Glottis IPO को मात्र 2.05 गुना सब्सक्रिप्शन मिला — जो दर्शाता है कि निवेशक इस इश्यू को लेकर अधिक सतर्क रहे।
📊 आईपीओ का पूरा ढांचा : क्या और कैसे था ऑफर

ग्लॉटिस ने अपने आईपीओ के तहत 2 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयरों के लिए ₹120 से ₹129 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था।
इस इश्यू के तहत कंपनी ने कुल 2,37,98,740 शेयरों की पेशकश की, जिसमें दो हिस्से शामिल थे —
- फ्रेश इश्यू: ₹160 करोड़ के 1,24,03,100 नए शेयर
- ऑफर फॉर सेल (OFS): ₹147 करोड़ के 1,13,95,640 शेयर
इस प्रकार कुल इश्यू साइज ₹307 करोड़ का रहा।
कंपनी का यह मेनबोर्ड आईपीओ है, जो बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) दोनों पर लिस्ट होने जा रहा है।
📅 आईपीओ की टाइमलाइन : कब क्या हुआ

- ओपनिंग डेट: 29 सितंबर 2025
- क्लोजिंग डेट: 1 अक्टूबर 2025
- अलॉटमेंट फाइनल: 3 अक्टूबर 2025
- डीमैट ट्रांसफर: 6 अक्टूबर 2025
- लिस्टिंग डेट: 7 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम आवेदन एक लॉट का था, जिसमें 114 शेयर शामिल थे।
यानी निवेशक को कम से कम ₹14,706 रुपये निवेश करने पड़ते।
🧾 सब्सक्रिप्शन का हाल : निवेशकों का ठंडा रुख
ग्लॉटिस के आईपीओ को कुल 2.05 गुना सब्सक्रिप्शन मिला।
यानी जोश बिल्कुल वैसा नहीं था, जैसा हाल में कई मिडकैप आईपीओ में देखा गया।
- क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB): 2.83 गुना
- नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII): 1.79 गुना
- रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स (RII): केवल 1.42 गुना
यह आंकड़ा बताता है कि रिटेल निवेशक वर्ग इस ऑफर को लेकर उत्साहित नहीं थे, संभवतः लॉजिस्टिक्स सेक्टर में हालिया उतार-चढ़ाव और सीमित प्रमोशन के कारण।
💸 ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) : सन्नाटा छाया

आईपीओ मार्केट में ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) किसी भी इश्यू की संभावित सफलता का बैरोमीटर माना जाता है।
लेकिन ग्लॉटिस के शेयरों के मामले में यहां पूरी चुप्पी देखने को मिली।
- 29 सितंबर: Glottis IPO का GMP ₹20 प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था
- 1 अक्टूबर: यह घटकर ₹10 तक पहुंच गया
- 3 अक्टूबर: GMP पूरी तरह शून्य (₹0) हो गया
- 4 अक्टूबर: शनिवार को भी स्थिति जस की तस रही
यानि, लिस्टिंग से पहले ही बाजार की धारणा ठंडी पड़ चुकी है।
📉 ग्रे मार्केट में ठंडापन क्यों?
कई विश्लेषकों का मानना है कि ग्लॉटिस के IPO की कमजोर मांग के पीछे कई कारण हैं:
- सेक्टर का मौजूदा दबाव:
लॉजिस्टिक्स कंपनियों पर ईंधन लागत, अंतरराष्ट्रीय शिपिंग दरों और घरेलू प्रतिस्पर्धा का असर पड़ा है। - ब्रांड पहचान की कमी:
Glottis का नाम निवेशकों के लिए अपेक्षाकृत नया है। कंपनी की ब्रांड वैल्यू सीमित है। - वैल्यूएशन ऊंचा माना गया:
₹120-₹129 के प्राइस बैंड को कई मार्केट विशेषज्ञों ने “थोड़ा स्ट्रेच्ड” बताया। - सीमित प्रचार और विश्लेषक कवरेज:
बड़े निवेशकों और ब्रोकर हाउसेस की रिपोर्टिंग की कमी भी निवेशक धारणा को प्रभावित करती है।
🏢 कंपनी की प्रोफाइल : क्या करती है Glottis?
Glottis Logistics भारत की एंड-टू-एंड सप्लाई चेन सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली कंपनी है।
यह अपने क्लाइंट्स को वेयरहाउसिंग, इनबाउंड-आउटबाउंड डिलीवरी, ट्रांसपोर्टेशन, और डिजिटल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट जैसी सेवाएं देती है।
कंपनी का लक्ष्य अब “टेक-इनेबल्ड लॉजिस्टिक्स नेटवर्क” तैयार करना है, ताकि तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग क्लाइंट्स को रियल-टाइम ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स सर्विस दी जा सके।
पिछले वित्त वर्ष (FY2024) में कंपनी ने करीब ₹620 करोड़ का रेवेन्यू और ₹52 करोड़ का शुद्ध लाभ (नेट प्रॉफिट) दर्ज किया था।
📈 लिस्टिंग से उम्मीदें : क्या रहेगा शेयर प्राइस पर असर?
वर्तमान जीएमपी के हिसाब से, लिस्टिंग डे पर किसी भी प्रीमियम की संभावना बेहद कम है।
यानी शेयर की शुरुआत इश्यू प्राइस ₹120-₹129 के आस-पास या उससे नीचे हो सकती है।
मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक,
“Glottis IPO का ओवरऑल रिस्पॉन्स मीडियम रहा है। लॉन्ग टर्म निवेशक अगर कंपनी की ग्रोथ स्ट्रेटेजी पर भरोसा रखते हैं, तो होल्ड कर सकते हैं, लेकिन लिस्टिंग गेन की उम्मीद सीमित है।”
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कंपनी के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में आने वाले विस्तार और नई ई-फ्रेट सर्विसेज़ शुरू होने के बाद, इसका स्टॉक मिड-टर्म में स्थिर ग्रोथ दिखा सकता है।
🧮 कैसा रहा आंकड़ों का विश्लेषण
पैरामीटर | विवरण |
---|---|
इश्यू साइज | ₹307 करोड़ |
फ्रेश इश्यू | ₹160 करोड़ |
OFS | ₹147 करोड़ |
फेस वैल्यू | ₹2 प्रति शेयर |
प्राइस बैंड | ₹120 – ₹129 |
लॉट साइज | 114 शेयर |
सब्सक्रिप्शन | 2.05 गुना |
GMP (4 अक्टूबर) | ₹0 |
लिस्टिंग डेट | 7 अक्टूबर 2025 |
💬 निवेशकों की राय
रिटेल इन्वेस्टर कम्युनिटी में Glottis को लेकर मिले-जुले विचार हैं।
कुछ का कहना है कि कंपनी के फंडामेंटल्स ठीक हैं, लेकिन IPO की वैल्यूएशन थोड़ी अधिक रखी गई।
वहीं, कुछ निवेशक मानते हैं कि यदि कंपनी आने वाले दो क्वार्टर्स में बेहतर नतीजे पेश करती है, तो यह स्टॉक धीरे-धीरे रिकवर कर सकता है।
📦 भविष्य की रणनीति : विस्तार और डिजिटलाइजेशन
कंपनी ने बताया है कि जुटाई गई राशि का उपयोग मुख्य रूप से नेटवर्क एक्सपैंशन, वेयरहाउस इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा एनालिटिक्स सिस्टम और वर्किंग कैपिटल रिक्वायरमेंट्स में किया जाएगा।
ग्लॉटिस की योजना अगले 18 महीनों में देश के 10 नए शहरों में अपना नेटवर्क बढ़ाने की है, जिससे उसे “लास्ट-माइल डिलीवरी” सेगमेंट में बेहतर उपस्थिति मिलेगी।
📍 निष्कर्ष : धैर्य जरूरी, जल्दबाजी नहीं
ग्लॉटिस आईपीओ के प्रति निवेशकों का रुझान बहुत मजबूत नहीं रहा।
कम सब्सक्रिप्शन, गिरता जीएमपी और सेक्टर की चुनौतियाँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि
यह स्टॉक शुरुआती दिनों में सीमित मूवमेंट दिखा सकता है।
हालांकि, कंपनी का फंडामेंटल मॉडल और डिजिटल लॉजिस्टिक्स पर फोकस लंबी अवधि में इसे बेहतर स्थिति में ला सकता है।
ऐसे में, शॉर्ट-टर्म लिस्टिंग गेन की बजाय मध्यम अवधि की ग्रोथ स्ट्रेटेजी अपनाने वाले निवेशक ही इससे लाभ पा सकते हैं।
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🏁 निचोड़ (Bottom Line):
- ग्लॉटिस आईपीओ ओवरसब्सक्राइब नहीं हुआ, केवल 2.05 गुना बुकिंग।
- ग्रे मार्केट में कोई प्रीमियम नहीं, यानी ठंडी लिस्टिंग की उम्मीद।
- कंपनी के दीर्घकालिक फंडामेंटल्स बेहतर, लेकिन शॉर्ट-टर्म में जोखिम बरकरार।
- 7 अक्टूबर को लिस्टिंग पर सभी की निगाहें टिकेंगी।