नवजात शिशु की पोषण संतुलन में माँ का दूध (Breast Milk) अहम भूमिका निभाता है। लेकिन कई बार नई‑नई माताओं को पर्याप्त दूध उत्पादन न होने की समस्या (Low Milk Supply) का सामना करना पड़ता है। इससे मातृत्व की चिंता बढ़ सकती है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं—आप कुछ सरल उपाय और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध विधियाँ अपनाकर दूध की मात्रा बढ़ा सकती हैं। आइए जाने कैसे…
1️⃣ समस्या का कारण समझें: माँ के दूध में कमी क्यों होती है?
- Demand & Supply सिद्धांत के अनुसार, दूध उत्पादन बच्चे की मांग से सीधे जुड़ा है। यदि बच्चा कम चूसता है, तो दूध भी कम बनेगा। इसलिए frequent feeds ज़रूरी हैं
- Latch या पोजिशन सही नहीं होने पर बच्चा दूध नहीं निकाल पाता, जिससे supply प्रभावित होती है और माँ को दर्द, engorgement आदि हो सकते हैं
- तनाव, नींद की कमी, डेहाइड्रेशन, ख़राब भोजन, और कुछ दवाइयाँ भी prolactin/oxytocin हार्मोन लेवल को प्रभावित कर सकती हैं
2️⃣ ब्रेस्टफीडिंग तकनीक: सही तरीका अपनाएँ
ब्रेस्ट मिल्क, जिसे माँ का दूध भी कहा जाता है, महिलाओं के स्तनों द्वारा उत्पादित एक प्राकृतिक तरल है जो नवजात शिशुओं के लिए पोषण का प्राथमिक स्रोत है. यह वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक जटिल मिश्रण है. इसके अलावा, इसमें ऐसे तत्व भी होते हैं जो शिशु को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.

✅ स्किन-टू-स्किन (Skin-to-Skin) Contact
माँ और बच्चे के बीच physical closeness oxytocin रिलीज़ करती है, जिससे milk let-down बढ़ता है
✅ सही Latch और पोजीशन
Cradle hold, Football hold, cross‑cradle पोजीशन का प्रयोग करें ताकि बच्चा आराम से और गहरी घेफ से चूस सके। इससे दूध प्रवाह बेहतर होता है और माँ के Comfort के साथ supply भी सुधरती है
✅ एक दिन में 8–12 बार दूध पिलाएँ
Frequent feeds रात में भी करें क्योंकि prolactin लेवल रात में अधिक होता है—इससे supply बेहतर होती है
✅ Breast Massage और Compression का प्रयोग करें
Feeding से पहले हल्का मसाज और बीच‑बीच में gentle compression से दूध बेहतर निकलता है, जिससे supply मजबूत होती है
✅ Breast Pump या Hand Expression
फीड के बाद pumping या हँड‑एक्सप्रेशन से ब्रेस्ट पूरी तरह खाली होती है—इससे शरीर को यह संकेत मिलता है और अगला दूध बनना शुरू होता है
3️⃣ डाइट और पोषण: Natural Foods से Milk Boost करें

माँ की ऊर्जा जरूरत बढ़ जाती है—लगभग अतिरिक्त 550 kcal/day चाहिए होती है। एक संतुलित आहार (healthy diet) इसे पूरा करने में मदद करता है
🥗 Lactogenic Food Items (दूध बनवाने वाले):
- मेथी (Fenugreek seeds) और सौंफ (Fennel seeds): प्रभावी रूप से दूध की मात्रा बढ़ाते हैं—चाय, decoction या खाना में डालकर प्रयोग करें।
- ओट्स (Oats): फाइबर, आयरन और बीटा-ग्लूकन से भरपूर—प्रोलैक्टिन को बढ़ावा देते हैं ।
- पालक, घी, हरा धनिया और अन्य leafy greens: माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे लौह, फोलिक एसिड, विटामिन‑ए से भरपूर होते हैं।
- अखरोट, बादाम, मूँगफली और तेल वाले बीज (Sesame, Flaxseed, Moringa): healthy fats और प्रोटीन से भरपूर—इससे दूध का गुण बेहतर होता है ।
- गेंहू नहीं, बल्कि ब्राउन राइस, क्विनोआ, दलिया (cracked wheat) का प्रयोग करें—यह शरीर को स्थिर ऊर्जा और पोषण देते हैं
- लहसुन (Garlic), गाजर, बीटरूट जैसे सब्जियाँ—ये phytoestrogens, antioxidants और ह्यूमेटेरियल गुणों से भरपूर हैं ।
- गोंद (edible gum): पारंपरिक भारतीय घरेलू नुस्खे जैसे gond laddoo अब powder में लेकर दूध या porridge में मिलाकर इस्तेमाल करना सुरक्षित और सुविधाजनक है
💧 Hydration:
माँ के दूध में लगभग 90% पानी होता है—इसलिए नियमित रूप से 8–12 गिलास पानी, ताजे फलों के रस या हर्बल चाय पीना ज़रूरी है
🚫 Avoid करें:
- धूम्रपान और शराब
- ज्यादा कैफीन (कॉफी/चाय), processed foods, मसालेदार भुने स्नैक्स
- High sugar/fat भोजन जिससे postnatal weight gain, blood sugar spikes होते हैं
4️⃣ Lifestyle Tips: मां का आत्म‑देखभाल भी ज़रूरी है
🌿 पर्याप्त नींद (Rest & Sleep)
नींद न मिलने से शरीर के मेलाटोनिन और prolactin हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे milk supply कमजोर हो सकती है। कोशिश करें जब बच्चा सोए, आप भी आराम करें—nap लेना मददगार होता है
😌 तनाव नियंत्रण (Stress Management)
Stress सीधे दूध उत्पादन को कम कर सकता है। योग, ध्यान, गहरी साँसें लेना, धीमा संगीत सुनना, self‑massage करने से तनाव घटता है और supply सुधरती है
🤱 स्किन-टू-स्किन और निरंतर संपर्क
माँ-बच्चा बॉन्डिंग मजबूत होती है और oxytocin स्तर बढ़ता है—जिससे दूध प्रवाह बेहतर होता है
5️⃣ जब घरेलू उपाय न काम करें: डॉक्टरी मदद
- यदि above tips के बाद भी milk supply न बढ़े तो लैक्टेशन कंसल्टेंट या डॉक्टर से सलाह लें। हो सकता है कि hormone imbalance, थायराइड, PCOS, एनीमिया जैसे कारण हों जिन्हें मेडिकल treatment की जरूरत हो
- कभी-कभी galactagogue supplements जैसे Fenugreek, Blessed Thistle, Milk Thistle, Moringa आदि उपयोगी हो सकते हैं—पर किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है
- कभी-कभी Supplemental Nursing System (SNS) जैसे उपकरणों की आवश्यकता होती है, जिसमें formula या expressed milk tube के माध्यम से बच्चे को दूध दिया जाता है—इससे latch एवं supply का संतुलन बेहतर होता है
🧾 MIsc Table: Summary of Key Strategies
उपाय | लाभ |
---|---|
Frequent Breastfeeding | Demand increases supply |
Alternate both breasts & ensure emptying | Proper stimulation and supply signal |
Proper latch and comfortable position | Efficient milk transfer, less pain |
Skin-to-skin contact | Boosts oxytocin, promotes milk let-down |
Breast massage & compression | Enhances flow during feed |
Pumping or hand expression | Removes remaining milk and stimulates production |
Lactogenic foods (methi, oats, fenugreek etc.) | Natural boost to prolactin levels |
Adequate hydration | Maintains milk volume, prevents dehydration |
Balanced nutrition | Supplies essential macros and micronutrients |
Good sleep & stress management | Supports body’s hormonal balance |
Medical consultation & supplements | For persistent low supply or underlying issues |
✅ निष्कर्ष
जब माँ पर्याप्त दूध नहीं बना पाती, तो यह चिंता की बात हो सकती है, लेकिन उचित तरीके से देखभाल, पोषण, तकनीक सुधार और आराम से यह स्थिति सुधारी जा सकती है। Demand-driven feeding, पौष्टिक Indian-superfoods, hydration, relaxation और professional guidance से आप अपने बच्चे को स्वस्थ दूध प्रदान कर सकती हैं।
मानव शरीर चमत्कारी होता है—पर उसे सही दिशा, प्यार, समझ और थोड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है।
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