Monday, October 13, 2025
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धनतेरस 2025: मुहूर्त और महत्व

धनतेरस 2025 : सिर्फ सोना-चांदी नहीं, खुशियों का पर्व है ये!

आपने कभी गौर किया है कि जैसे ही अक्टूबर आता है, मोहल्ले के हर गहनों की दुकान अचानक चमकने लगती है? बस वही है धनतेरस का जादू!
मेरी दादी हमेशा कहा करती थीं — “धनतेरस वो दिन है जब सबसे गरीब घर भी कुछ न कुछ नया जरूर खरीदता है।” और सच कहें तो वे बिल्कुल गलत नहीं थीं।

आज अगर आप भी सोच रहे हैं कि धनतेरस 2025 कब है, इसका महत्व क्या है, या आखिर क्यों हर साल इस दिन खरीदारी को इतना शुभ माना जाता है — तो चलिए इस पूरे पर्व की कहानी को थोड़ा दिल से समझते हैं।


🌙 धनतेरस क्या है?

सबसे पहले समझते हैं — धनतेरस नाम में ही इसका अर्थ छिपा है।
“धन” यानी समृद्धि, संपत्ति या वैभव, और “तेरस” यानी कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि
इस दिन की पूजा भगवान धन्वंतरि के नाम पर की जाती है — जो आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य माने जाते हैं।

कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश निकला, तो धन्वंतरि देव इसी दिन प्रकट हुए थे — हाथ में अमृत का घड़ा लेकर। तभी से यह दिन उनके जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
इसलिए, इसे केवल सोने-चांदी खरीदने का दिन नहीं, बल्कि आरोग्य, आयु और समृद्धि की कामना का पर्व भी कहा जाता है।


📅 धनतेरस 2025 कब है?

धनतेरस 2025 की तिथि:
🗓 18 अक्टूबर 2025, शनिवार

इस साल धनतेरस का शुभ मुहूर्त शाम के समय रहेगा। हर साल यह तारीख बदलती है क्योंकि हिंदू पंचांग चंद्रमा के चक्र पर आधारित होता है।
तो अगर आप सोच रहे हैं कि “पिछले साल वाली तारीख ही इस बार भी होगी”, तो जरा संभल जाइए — कई लोग इसी भ्रम में मौका चूक जाते हैं!


🕯️ धनतेरस का शुभ मुहूर्त (Dhanteras Muhurat 2025)

अब बात करते हैं उस खास पल की जिसका सबको इंतज़ार रहता है — धनतेरस मुहूर्त
कहा जाता है कि इस समय की गई खरीदारी सालभर के लिए शुभ फल देती है।

मुहूर्त के दौरान घरों में दीप जलाए जाते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है, और फिर खरीदारी की जाती है।
मेरे एक सुनार मित्र का कहना है कि उनकी सालभर की 30% बिक्री सिर्फ इन कुछ घंटों में हो जाती है!
सोचिए, इतना बड़ा आर्थिक और भावनात्मक महत्व इस दिन का है।


🪙 धनतेरस का इतिहास और पौराणिक कथा

धनतेरस से जुड़ी एक अद्भुत कहानी है —
कहा जाता है कि एक बार एक राजा के पुत्र की कुंडली में लिखा था कि उसकी शादी की रात उसे सर्पदंश से मृत्यु होगी।
लेकिन उसकी पत्नी ने एक उपाय किया — उसने अपने कमरे के दरवाजे पर सोने-चांदी के सिक्के और गहने रख दिए, और रातभर दीपक जलाकर भजन गाती रही।

जब यमराज सर्प का रूप लेकर आए, तो गहनों की चमक और दीपों की रोशनी से मोहित हो गए और रातभर वहीं बैठे रहे।
सुबह होते ही वे बिना कुछ किए लौट गए — और राजकुमार की जान बच गई।

तभी से यह परंपरा चली कि धनतेरस की रात दीप जलाना और नया धन खरीदना यमराज को प्रसन्न करता है और मृत्यु के भय को टालता है।


💰 धनतेरस का महत्व

धनतेरस सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं — यह एक वित्तीय समझ का प्रतीक भी है।
सोचिए — जब समाज हर साल इस दिन कुछ “मूल्यवान” खरीदने की परंपरा निभाता है, तो वो बचत और निवेश की भावना को भी आगे बढ़ाता है।

पुराने समय में लोग सोना, चांदी, तांबा या पीतल के बर्तन खरीदते थे।
आज वही परंपरा नए रूप में बदल गई है — लोग अब इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, या यहां तक कि म्यूचुअल फंड्स तक खरीदने लगे हैं।
लेकिन भावना वही है — “कुछ नया और शुभ अपने घर लाना”।


🌟 क्या खरीदें धनतेरस 2025 पर?

  • सोना या चांदी – हमेशा से शुभ माने जाते हैं।
  • उपकरण या बर्तन – स्टील या पीतल का खरीदना भी मंगलकारी है।
  • मिट्टी या चांदी का दीपक – घर में स्थायी बरकत के लिए।
  • धन्वंतरि या लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा – पूजन के लिए।
  • निवेश (Investment) – आज के समय में म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स या डिजिटल गोल्ड भी विकल्प हैं।

याद रखें — महत्व वस्तु का नहीं, भावना का है।
अगर मन श्रद्धा से भरा है, तो छोटी-सी चीज़ भी बड़े सौभाग्य का कारण बन सकती है।


🙏 धनतेरस की पूजा विधि

  1. शाम के समय घर की सफाई कर दीप जलाएं।
  2. भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें।
  3. जल, अक्षत, फूल, मिठाई और धूप-दीप से आराधना करें।
  4. नये खरीदे वस्त्र या धातु की वस्तु को पूजन में शामिल करें।
  5. अंत में परिवार संग दीपक जलाकर दरवाजे पर रखें — यह “यम दीपदान” कहलाता है।

🪔 धनतेरस से जुड़े कुछ लोकप्रिय प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: अगर मुहूर्त के समय ऑफिस में हूं, तो क्या पूजा बाद में कर सकता हूं?
उत्तर: बिल्कुल। शुभता भाव में होती है, घड़ी में नहीं। दिल से की गई पूजा हर समय फलदायी होती है।

प्रश्न: क्या ऑनलाइन खरीदारी भी धनतेरस के दिन शुभ होती है?
उत्तर: हां! बस भरोसेमंद वेबसाइट से खरीदें और मुहूर्त के समय ऑर्डर करें।

प्रश्न: क्या बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं?
उत्तर: बिल्कुल! बच्चों को परंपराओं से जोड़ने का यह सबसे अच्छा अवसर है। उनके लिए एक छोटा चांदी का सिक्का या दीपक खरीदें।


💫 धनतेरस का असली संदेश

धनतेरस हमें सिखाता है कि समृद्धि सिर्फ धन में नहीं, मन में होती है।
यह दिन याद दिलाता है कि “खरीदारी” का अर्थ सिर्फ खर्च करना नहीं, बल्कि आभार और विश्वास का प्रतीक है।

तो इस धनतेरस, चाहे आप एक सोने की अंगूठी खरीदें या एक दीपक — उसे मुस्कान और शुभ भावना के साथ घर लाएं।
क्योंकि जब नीयत शुभ हो, तो हर चीज़ अमृत बन जाती है।

यह भी पढ़ें– दिवाली क्लीनिंग मंत्र: दूर करें दरिद्रता


आप सभी को शुभ और मंगलमय धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं!

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