भारत की स्टार एथलीट और “ढिंग एक्सप्रेस” के नाम से मशहूर हिमा दास पर हाल ही में NADA (National Anti-Doping Agency) द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद खेल जगत में हड़कंप मच गया है। यह प्रतिबंध डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन को लेकर लगाया गया है। हालांकि, हिमा दास ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे चर्चाओं और अटकलों का बाजार गर्म है।
क्या है मामला?
NADA के अनुसार, हिमा दास ने कुछ मौकों पर डोप टेस्ट के लिए खुद को उपलब्ध नहीं कराया। यह डोपिंग रोधी नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाता है। नियमों के तहत, खिलाड़ी को साल भर में तीन बार किसी भी समय डोप टेस्ट के लिए उपलब्ध रहना होता है।
1. डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन
NADA ने कहा है कि हिमा ने तीन बार डोप टेस्ट से बचने का प्रयास किया, जो कि Whereabouts Failure के तहत आता है। यह नियम हर पेशेवर एथलीट के लिए अनिवार्य है।
2. संभावित सजा
अगर यह आरोप सही साबित होते हैं, तो हिमा दास को 1-2 साल तक के लिए एथलेटिक्स से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
हिमा दास की चुप्पी से बढ़ी चर्चा
इस पूरे मामले पर हिमा दास की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आना कई सवाल खड़े करता है। खेल प्रेमियों और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वह निर्दोष हैं, तो उन्हें तुरंत अपनी बात सामने रखनी चाहिए।
खेल जगत की प्रतिक्रिया
1. एथलीट्स का समर्थन
कुछ खिलाड़ियों और कोचों ने हिमा का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें अपनी सफाई देने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में हिमा ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है।
2. आलोचना का सामना
दूसरी तरफ, कई लोग इसे खेल के प्रति लापरवाही मान रहे हैं। उनका कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट्स को नियमों की गंभीरता समझनी चाहिए।
हिमा का अब तक का सफर
1. देश की शान
हिमा दास ने 2018 में वर्ल्ड U-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी थीं।
2. संघर्ष और सफलता
असम के छोटे से गांव से निकलकर हिमा ने मेहनत और लगन से एथलेटिक्स की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। वह कई बार देश के लिए मेडल जीत चुकी हैं।
आगे का रास्ता क्या?
1. NADA की जांच
अब यह मामला पूरी तरह NADA की जांच पर निर्भर करता है। अगर जांच में हिमा दोषी पाई जाती हैं, तो उनके खेल करियर पर असर पड़ सकता है।
2. हिमा की सफाई
हिमा दास के समर्थक और प्रशंसक उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगी और सच्चाई सामने लाएंगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला बेहद संवेदनशील है। डोपिंग रोधी नियम एथलेटिक्स की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं, लेकिन किसी खिलाड़ी पर आरोप लगाने से पहले सभी तथ्यों की जांच होनी चाहिए।
क्या कहता है NADA का नियम?
- अगर कोई एथलीट 12 महीनों के अंदर तीन बार अपने ठिकाने की जानकारी देने में असफल रहता है, तो इसे डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
- इस पर एथलीट को एक साल से लेकर दो साल तक के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
हिमा के करियर पर असर
हिमा दास भारतीय एथलेटिक्स का चमकता सितारा हैं। उन्होंने 2018 अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था।
बैन का संभावित असर:
- पेरिस ओलंपिक्स 2024: अगर प्रतिबंध लंबा हुआ तो हिमा ओलंपिक्स में भाग नहीं ले सकेंगी।
- स्पॉन्सरशिप और ब्रांड: उनके ब्रांड एसोसिएशन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आगे की राह:
1. अपील का विकल्प:
हिमा दास के पास कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील करने का विकल्प है।
2. NADA की जांच:
NADA इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि हिमा ने सच में गलती की या यह सिर्फ एक प्रशासनिक चूक है।
निष्कर्ष
हिमा दास पर लगे बैन ने भारतीय खेल जगत को झकझोर दिया है। जहां कुछ लोग इसे तकनीकी चूक मान रहे हैं, वहीं अन्य इसे एथलीट की लापरवाही करार दे रहे हैं।
क्या हिमा की चुप्पी तोड़ेगी सन्नाटा? या क्या यह मामला आगे और विवादास्पद मोड़ लेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट होंगे।
हिमा दास पर लगे प्रतिबंध ने उनके करियर और खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि क्या हमारे खिलाड़ियों को डोपिंग रोधी नियमों की बेहतर समझ दी जा रही है।
अब सबकी नजरें हिमा की प्रतिक्रिया और NADA की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। क्या हिमा दास इस विवाद से बाहर निकल पाएंगी, या यह उनके करियर के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा?