Tuesday, October 14, 2025
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दिल्ली में कब गिरेगा पारा?

उत्तर भारत में ठंडी हवाओं ने बढ़ाई ठंड, दिवाली के बाद कड़ाके की सर्दी की संभावना

नई दिल्ली: दिवाली के त्योहार के बाद उत्तर भारत में ठंडी हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली खत्म होते ही देश के इन हिस्सों में कड़ाके की सर्दी महसूस होने लगेगी।

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में दिन का अधिकतम तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जबकि रात का न्यूनतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह तापमान साल के इस समय के औसत से थोड़ा कम है। लगातार चार दिन न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज होने से यह साफ़ संकेत मिल रहा है कि दिल्ली में शीतकालीन मौसम ने दस्तक दे दी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली खत्म होने के बाद राजधानी समेत उत्तरी भारत के कई हिस्सों में ठंडी हवाओं के साथ कड़ाके की ठंड देखने को मिल सकती है। ठंड के साथ ही हवा में नमी का स्तर कम होने से दिन और रात के तापमान में अंतर भी बढ़ सकता है।


दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण

सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम चार बजे 189 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि शीतकालीन मौसम के साथ धुंध और स्मॉग की समस्या बढ़ सकती है।

विशेषकर सुबह और शाम के समय, जब तापमान गिरता है, वायु प्रदूषण के स्तर में अचानक वृद्धि देखने को मिल सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे प्रदूषण वाले दिनों में विशेष ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर मास्क का उपयोग करें।


दक्षिण भारत में बारिश का दौर जारी

जहां उत्तर भारत में सर्दी का असर दिखाई दे रहा है, वहीं दक्षिण भारत में बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में 14 और 18 अक्टूबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इन राज्यों में अगले 4-5 दिनों तक तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। किसानों और मछुआरों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

14 और 15 अक्टूबर के दौरान छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा, विदर्भ, ओडिशा, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में भी बारिश होने की संभावना है। हल्की से मध्यम बारिश के कारण तापमान में गिरावट देखी जा सकती है, जबकि तेज हवाओं के कारण मौसम थोड़ा अस्थिर रहेगा।


पश्चिम बंगाल में मानसून की वापसी नहीं, मौसम शुष्क रहेगा

मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अब पश्चिम बंगाल से पूरी तरह लौट चुका है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, अगले सात दिनों के दौरान राज्य का मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। सोमवार को 24 घंटे में पश्चिम बंगाल के किसी भी हिस्से में बारिश दर्ज नहीं की गई।

राजधानी कोलकाता में सोमवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से लगभग मेल खाता है। आईएमडी ने कोलकाता में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई है, लेकिन बारिश का कोई खतरा नहीं है।


तापमान में बदलाव से स्वास्थ्य पर असर

मौसम में तेजी से बदलाव के कारण उत्तर भारत में लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और शाम ठंडी हवाओं से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उन्हें वायरल इंफेक्शन और सर्दी-खांसी का खतरा अधिक रहता है।

इसके अलावा, दक्षिण भारत में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण बिजली गिरने और घरों में नुकसान की संभावना रहती है। लोगों को सुरक्षा उपाय अपनाने और घर के आसपास पानी जमा न होने देने की सलाह दी गई है।


मौसम के हिसाब से कृषि और व्यापार प्रभावित

उत्तर भारत में ठंड बढ़ने से किसान धान और अन्य फसलों की कटाई के लिए तैयारी कर रहे हैं। वहीं, दक्षिण भारत में भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव का खतरा है। मछुआरे, ठेला और छोटे व्यापारी मौसम विभाग की चेतावनियों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि अगले सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में धूप की कमी से विद्युत उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जबकि दक्षिण भारत में जल स्तर बढ़ने से बिजली उत्पादन और परिवहन बाधित हो सकता है।

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लंबी अवधि का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर के अंत तक उत्तर भारत में सर्दी का असर और बढ़ सकता है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान 12-14 डिग्री तक गिर सकता है। इसके विपरीत, दक्षिण भारत में बारिश का दौर अगले सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से उत्तर भारत में कोहरा और हल्की बर्फबारी के आसार भी बन सकते हैं। इस बीच, दक्षिण भारत में बारिश के कारण कई इलाकों में स्थानीय बाढ़ की संभावना भी हो सकती है।


निष्कर्ष

भारत के मौसम में इस समय दो अलग-अलग रुझान देखे जा रहे हैं। उत्तर भारत में ठंड का असर और बढ़ रहा है, जबकि दक्षिण भारत में भारी बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग की चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए नागरिकों को सुरक्षा उपाय अपनाने, स्वास्थ्य का ध्यान रखने और आवश्यकतानुसार यात्रा योजनाओं में बदलाव करने की सलाह दी गई है।

उत्तर भारत में दिवाली खत्म होते ही ठंड बढ़ेगी, तो वहीं दक्षिण भारत में बारिश और तेज हवाओं के चलते कई गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। इस प्रकार, देशभर में मौसम के दो पहलुओं का यह समय नागरिकों के लिए सावधानी और तैयारी का अवसर है।

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