हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस इस बार 18 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है। यह तिथि न केवल दीपोत्सव की शुरुआत करती है, बल्कि इसे धन और समृद्धि के आगमन का शुभ द्वार भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, और इसी कारण इसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन और नए सामान की खरीदारी करते हैं ताकि लक्ष्मी माता प्रसन्न हों और घर में ऐश्वर्य का वास बना रहे।
लेकिन क्या आप जानते हैं — धनतेरस की शाम कुछ चीजें उधार में देना बहुत अशुभ माना जाता है?
कहते हैं कि ऐसा करने से आपके घर की बरकत चली जाती है, और मां लक्ष्मी नाराज़ हो जाती हैं। शास्त्रों में भी यह उल्लेख मिलता है कि इस दिन धन से जुड़ी वस्तुओं का लेन-देन रात्रि के समय वर्जित माना गया है।
आइए जानते हैं वो 4 चीजें, जिन्हें धनतेरस की शाम भूलकर भी किसी को उधार नहीं देना चाहिए 👇
🌕 1️⃣ पैसे या कोई भी धनराशि

धनतेरस का दिन ही ‘धन’ की पूजा के लिए समर्पित है।
माना जाता है कि इस दिन यदि आप किसी को पैसा उधार देते हैं, तो आपके घर की लक्ष्मी उस व्यक्ति के साथ चली जाती है। इसीलिए कहा जाता है — “धनतेरस की रात धन बाहर नहीं जाना चाहिए।”
पूजा के बाद खासतौर पर, किसी को भी पैसे, सिक्के या धनराशि उधार न दें।
भले ही कोई करीबी क्यों न हो, इस दिन “न” कहना ही शुभ होता है।
अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपके घर की आर्थिक स्थिरता डगमगा सकती है और आने वाले साल में वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।
🍬 2️⃣ चीनी या मिठास से जुड़ी वस्तुएं

शास्त्रों के अनुसार चीनी का सीधा संबंध माता लक्ष्मी से है।
माना जाता है कि गन्ना और मीठे पदार्थ लक्ष्मीजी के प्रिय हैं।
इसलिए यदि आप धनतेरस की शाम चीनी, गुड़ या मिठास से जुड़ी चीजें उधार देते हैं, तो यह आपकी समृद्धि को बाहर भेजने जैसा होता है।
धनतेरस की रात को किसी भी परिस्थिति में घर से चीनी बाहर न जाने दें, क्योंकि यह “लक्ष्मी के जाने” का प्रतीक माना गया है।
इस दिन यदि कोई आपसे चीनी मांगे, तो विनम्रता से अगले दिन देने का वादा करें।
🧂 3️⃣ नमक – घर की बरकत का प्रतीक

नमक, भले ही रोजमर्रा की एक साधारण चीज़ है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे धन, स्थिरता और सुख-संपन्नता का प्रतीक माना गया है।
कहा जाता है कि नमक समुद्र से प्राप्त होता है और समुद्र स्वयं मां लक्ष्मी का निवास स्थान है।
इसलिए धनतेरस की शाम अगर कोई आपसे नमक मांगने आए, तो उसे उधार में नमक न दें।
यह आपके घर की आर्थिक ऊर्जा को कमज़ोर कर सकता है।
वास्तु के अनुसार भी यह दिन नमक देने या लेने के लिए शुभ नहीं होता — इससे गृहकलह, कर्ज़ या पैसों की कमी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
🥛 4️⃣ दूध, दही, तेल या सुई जैसी वस्तुएं
धनतेरस के दिन कुछ वस्तुओं को ऊर्जा के वाहक माना गया है — जैसे दूध, दही, तेल और सुई।
इन चीजों को देने या लेने से ग्रहों की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धनतेरस की शाम अगर कोई इन वस्तुओं को उधार लेता है या देता है, तो चंद्र और शुक्र ग्रह की ऊर्जा असंतुलित हो जाती है।
इससे घर में तनाव, अनबन, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
इसलिए इस दिन यदि कोई दूध या तेल मांगे, तो उन्हें साफ़ शब्दों में कहें — “कल सुबह ले जाना।”
🌸 धनतेरस पर क्या करें शुभ फल पाने के लिए?
धनतेरस का पर्व केवल वर्जनाओं के लिए नहीं, बल्कि सकारात्मक कर्मों के लिए भी जाना जाता है।
इस दिन कुछ शुभ कार्य करने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर प्रसन्न होते हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
🔹 दीपदान करें — संध्या के समय घर के मुख्य द्वार, तुलसी चौरा, रसोई और तिजोरी के पास दीपक जलाएं।
🔹 धन्वंतरि भगवान की पूजा करें — ताम्बे के कलश में जल भरकर, उसमें तुलसी डालकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
🔹 नया बर्तन या धातु की वस्तु खरीदें — यह शुभता और स्थिरता का प्रतीक है।
🔹 कुबेर पूजन करें — कुबेर मंत्र “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये नमः” का 11 बार जाप करें।
💫 धनतेरस की सांस्कृतिक मान्यता
धनतेरस का उत्सव हमारे जीवन में “धन के सही उपयोग” और “दान के महत्व” की भी याद दिलाता है।
यह केवल सोना या बर्तन खरीदने का दिन नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और आस्था का आरंभ है।
कहा जाता है कि जिस घर में इस दिन श्रद्धा के साथ दीपक जलाए जाते हैं, वहां से अंधकार और दुर्भाग्य दूर भागता है।
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए आवश्यक है कि हम सच्चे मन से पूजा करें, दूसरों की मदद करें, लेकिन उधार के नियमों का पालन करें।
धनतेरस पर अपने घर की मुस्कान और बरकत को बचाए रखना ही सबसे बड़ा “धन” है।
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📿 निष्कर्ष
धनतेरस का त्योहार समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक है।
परंतु इसके साथ ही यह हमें यह भी सिखाता है कि धन की ऊर्जा को संभालकर रखना उतना ही जरूरी है जितना उसे अर्जित करना।
इस दिन चीनी, नमक, दूध या पैसा उधार देना — मां लक्ष्मी की कृपा को खुद ही दूर करने जैसा है।
इसलिए इस बार धनतेरस पर पूजा-पाठ के साथ-साथ इन चार छोटी-सी सावधानियों को ज़रूर याद रखें।
क्योंकि छोटी-सी लापरवाही से साल भर की समृद्धि प्रभावित हो सकती है।