पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, “आज कांग्रेस की राजनीति सिर्फ एक परिवार तक सीमित हो चुकी है। पहले यह पार्टी देश की आवाज हुआ करती थी, लेकिन अब यह सिर्फ एक परिवार की मर्जी पर चलने वाली पार्टी बनकर रह गई है। जिस पार्टी में लोकतंत्र का पालन नहीं होता, वह कैसे लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है?”
उनके अनुसार, कांग्रेस में नेताओं का चयन कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा नहीं, बल्कि केवल गांधी परिवार के द्वारा किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का वजूद अब केवल अपने परिवार के हितों तक सीमित है, जिससे पार्टी के विचार और नीतियां जनहित से दूर हो चुकी हैं।
कांग्रेस की राजनीति परिवार तक सिमटी’
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, “आज कांग्रेस की राजनीति एक परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है। इसका पूरी पार्टी में असर दिख रहा है। जिनकी नीतियों ने देश को दशकों तक पिछड़ेपन में रखा, वही आज कांग्रेस के शीर्ष पर बने हुए हैं।” उन्होंने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से राष्ट्रीय मुद्दों से अधिक निजी लाभ के बारे में ही अधिक सोचा जाता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब नेताओं को अपनी पार्टी के हित के बजाय व्यक्तिगत परिवार का हित पहले रखा जाता है, तो पार्टी का पतन स्वाभाविक है। मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस की परंपराएं आज भी वही हैं, जो 70-80 साल पहले थीं, लेकिन आज देश बदल चुका है, और नवीन भारत को एक मजबूत और विकासशील दिशा की जरूरत है, न कि वही पुराने ख्यालात।
कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “कांग्रेस ने अपने इतिहास को सच्चे लोकतंत्र के रूप में नहीं, बल्कि परिवारवाद के रूप में देखा है। कांग्रेस का हर फैसला गांधी परिवार द्वारा ही लिया जाता है। यह स्थिति पार्टी के लिए खतरनाक है, क्योंकि जब एक पार्टी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया ही नहीं होगी, तो वह कैसे देश की सेवा कर सकती है?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता केवल अपने परिवार के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, और इस कारण से देश की जनता के लिए उनकी कोई स्थायी नीति नहीं है।
राजनीतिक संकट और अवसर
मोदी ने इस संदर्भ में यह भी कहा कि कांग्रेस अपने इतिहास को सुधारने की कोशिश कर सकती थी, लेकिन उसने परिवारवाद और विवादों के कारण अपनी पहचान खो दी है। वहीं, उन्होंने अपनी पार्टी और सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया, जिसमें देश के विकास के लिए हर वर्ग और समाज के लिए योजनाएं बनाई गई हैं।
कांग्रेस का सफर
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने नेहरू-गांधी परिवार के बाहर कभी भी किसी को सत्ता में नहीं आने दिया, और यही वजह है कि आज पार्टी बिखराव और अराजकता का शिकार हो गई है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस में राजनीतिक विचारधारा का संकट है, क्योंकि अब उनका उद्देश्य सिर्फ एक परिवार के भविष्य को बचाना रह गया है।”
विपक्ष पर भी निशाना
प्रधानमंत्री ने केवल कांग्रेस पर ही नहीं, बल्कि विपक्षी दलों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “विपक्ष की राजनीति अब एक प्रकार का परिवारिक खेल बनकर रह गई है, जहां हर कोई अपने परिवार की भलाई के लिए काम करता है, देश और जनता से कोई लेना-देना नहीं है।”
मोदी की चुनावी रणनीति पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बातों में यह भी जोड़ा कि बीजेपी देश के विकास के लिए काम कर रही है और उसकी रणनीति जनहित पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “बीजेपी का उद्देश्य सिर्फ लोकतंत्र की सेवा करना है, न कि किसी परिवार को राजनीतिक सत्ता में बनाए रखना।”
कांग्रेस के खिलाफ तंज़
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर तंज करते हुए कहा, “आज कांग्रेस की राजनीति, परिवार से बाहर किसी और को अवसर नहीं देती। और यह स्थिति आज के भारत के लिए सही नहीं है। देश को ऐसा नेतृत्व चाहिए जो सच्चे लोकतंत्र में विश्वास रखे, और विकास को एकल परिवार से परे देखे।”
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि देश में विकास और भलाई के मुद्दे पर जनता का विश्वास बढ़ चुका है, और यह उन लोगों से है जो व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर काम करते हैं।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान ने कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर चुनौती दी है और यह दिखाया कि कैसे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और परिवारवाद ने पार्टी के लोकतांत्रिक स्वरूप को कमजोर कर दिया है। मोदी ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस को अगर फिर से अपने खोए हुए वोट बैंक और सार्वजनिक समर्थन को वापस पाना है, तो उसे अपने आंतरिक संघर्षों और परिवारवाद से बाहर निकलना होगा।